अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद रोकी:कई ऊर्जा योजनाएं ठप, हेल्थ-एजुकेशन प्रोग्राम बंद होने का खतरा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के बाद पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी मदद पर अस्थाई रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही पाकिस्तान को दी जा रही सहायता के पुनर्मूल्यांकन का भी आदेश है। जियो न्यूज के मुताबिक इस फैसले की वजह से पाकिस्तान में यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी (USAID) की कई जरूरी योजनाएं पूरी तरह रुक गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले से पाकिस्तान में एनर्जी सेक्टर से जुड़ी 5 योजनाएं ठप हो गई हैं। इसके अलावा हेल्थ, एग्रीकल्चर, फूड सिक्योरिटी, बाढ़, जलवायु और शिक्षा से जुड़ी कई परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। आशंका है कि इनमें से कुछ प्रोग्राम हमेशा के लिए बंद कर दिए जाएंगे या उनमें काफी कमी कर दी जाएगी। इससे पहले ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार से इजराइल, मिस्र और फूड प्रोग्राम को छोड़कर विदेशी देशों को मिलने वाली सभी मदद पर रोक लगा दी है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस आदेश में गरीब देशों को मिलने वाली स्वास्थ मदद पर भी रोक लगा दी गई। USAID कैसे काम करती है? अमेरिकी की यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी पूरी दुनिया में डेवलपमेंट कार्यों के लिए मदद देती है। इस मकसद लोकतंत्र को बढ़ावा देना और गरीबी कम करना है। 2023 में USAID ने दी 45 अरब डॉलर की विदेशी सहायता 2023 में USAID ने 158 देशों को लगभग 3.89 लाख करोड़ रुपए (45 अरब डॉलर) की विदेशी सहायता दी थी। हालांकि ट्रम्प के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के बाद विदेश नीति की समीक्षा करने तक 90 दिनों के लिए विदेश में दी जाने वाली सभी प्रकार की सहायता पर रोक लगा दी गई है। अमेरिका सरकार के इस आदेश के बाद दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, अमेरिका इन सभी विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे ज्यादा फंड्स मुहैया कराता है। आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान पाकिस्तान हुकूमत लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रही है। देश पास सिर्फ 16 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व बचा है। सितंबर में ही पाकिस्तान सरकार ने IMF से 7 अरब डॉलर का राहत-पैकेज हासिल किया। वहीं, IMF ने 2025 के लिए पाकिस्तान की ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 3% कर दिया है।

अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद रोकी: कई ऊर्जा योजनाएं ठप, हेल्थ-एजुकेशन प्रोग्राम बंद होने का खतरा
News by indiatwoday.com
अमेरिका की वित्तीय सहायता में कटौती
हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली वित्तीय सहायता को कम करने का निर्णय लिया है, जिससे कई ऊर्जा परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। यह विकास वैश्विक राजनीति में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों के बुनियादी बदलाव को दर्शाता है। अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सहायता में यह कमी पाकिस्तान के लिए गंभीर संकट का कारण बन सकती है, जहाँ पहले से ही ऊर्जा की कमी और वित्तीय दबाव है।
ऊर्जा योजनाओं पर असर
पाकिस्तान में चल रही कई महत्वपूर्ण ऊर्जा परियोजनाएं अब रुकी हुई हैं। इन परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने की योजनाएं शामिल थीं, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण थीं। अब इन योजनाओं के ठप होने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर लंबी अवधि के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं, जिससे स्थानीय व्यवसायों और सामान्य नागरिकों दोनों पर ही बोझ बढ़ेगा।
हेल्थ और एजुकेशन प्रोग्राम्स का संकट
अमेरिका की वित्तीय सहायता में कटौती का एक और गंभीर प्रभाव हेल्थ और एजुकेशन प्रोग्राम्स पर पड़ने की संभावना है। कई अच्छी तरह से स्थापित हेल्थकेयर और एजुकेशनल इनीशिएटिव्स का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। ऐसे प्रोग्राम्स जो गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं, अब बंद होने की कगार पर हैं। इससे सामाजिक असमानता बढ़ने की आशंका है, और यह पाकिस्तान के विकास लक्ष्य को भी प्रभावित कर सकता है।
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस निर्णय पर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पाकिस्तान के राजनीतिक दलों और लोगों का कहना है कि अमेरिका का यह कदम उनके देश को और गहरे संकट में डालने जा रहा है। वहीं, कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति को भी चुनौती दे सकता है।
भविष्य की दिशा
यह देखा जाना बाकी है कि पाकिस्तान इस नए संकट को कैसे हल करेगा। क्या पाकिस्तान अपने राजनीतिक और आर्थिक ढांचे में बदलाव लाएगा ताकि विदेशी सहायता में निर्भरता कम हो सके? या फिर देश की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी नए समझौते की आवश्यकता होगी? केवल समय ही बताएगा।
विभिन्न योजनाओं और प्रोग्राम्स को बचाने के लिए पाकिस्तान को तेजी से कार्रवाइयों की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की मदद में कटौती का निर्णय कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रभाव डालने जा रहा है, विशेषकर ऊर्जा, स्वास्थ्य और शिक्षा में। इस संकट से प्राप्त सबक पाकिस्तान के लिए यह दर्शाते हैं कि आर्थिक स्थिरता केवल विदेशी सहायता पर निर्भर नहीं हो सकती। Keywords: अमेरिका पाकिस्तान मदद रोकी, ऊर्जा योजनाएं ठप, हेल्थ एजुकेशन प्रोग्राम बंद, पाकिस्तान आर्थिक संकट, अमेरिका पाकिस्तान रिश्ते, नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स, वित्तीय सहायता कटौती, सामाजिक असमानता, पाकिस्तान भविष्य की दिशा, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया.
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