अमेरिकी संसद में चीनी AI डीपसीक के इस्तेमाल पर बैन:फोन-कंप्यूटर पर इंस्टॉल करने की भी मनाही, कहा- अभी यह जांच के दायरे में
अमेरिका संसद ने अपने ऑफिस में चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट डीपसीक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। एक्सिओस की रिपोर्ट के मुताबिक सभी कर्मचारियों को ऑफिशियल फोन, कंप्यूटर और टैबलेट पर डीपसीक इंस्टॉल न करने को कहा गया है। US कांग्रेस ने चैटबॉट इस्तेमाल न करने से जुड़ा एक नोटिस भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सिस्टम में खतरनाक सॉफ्टवेयर अपलोड करने के लिए कई चैटबॉट्स का इस्तेमाल हो रहा है। अभी डीपसीक जांच के दायरे में है। इसलिए संसद में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस नोटिस में डीपसीक इस्तेमाल करने से जुड़े खतरों की चेतावनी भी दी गई है। इसमें कहा गया है कि चैटबॉट की मदद से सिस्टम में मैलवेयर (बुरा सॉफ्टवेयर) तैनात किया जा सकता है, जिससे आगे साइबर समस्या हो सकती है। US कांग्रेस ने कहा कि AI टेक्नोलॉजी के तेजी से डेवलपमेंट की वजह से सिक्योरिटी और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले यूएस नेवी ने गुरुवार को डीपसीक पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, इटली और आयरलैंड जैसे देशों ने डीपसीक को देश में ही बैन कर दिया है। यहां एपल ऐप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से डीपसीक को डाउनलोड नहीं किया जा सकता। दोनों देशों में रेगुलेटरीज इसकी डेटा पॉलिसीज की जांच कर रही हैं। डीपसीक की खासियतें डीपसीक एक AI चैटबोट है। इसे केवल कमांड देना है, उसके मुताबिक रिजल्ट आ जाता है। यह वे सभी काम कर सकता है जो ChatGPT, Meta जैसे बाकी AI मॉडल्स पर किए जा सकते हैं। डीपसीक AI कोडिंग और मैथ्स जैसे जटिल टास्क भी बेहद सटीक तरीके से पूरी कर पा रहा है। यह एक फ्री और ओपन सोर्स AI मॉडल है, यह दुनियाभर में सबके लिए आसानी से उपलब्ध है। चीनी AI मॉडल अमेरिकी कंपनियों से बेहद सस्ता डीपसीक पूरी तरह फ्री और ओपन सोर्स AI मॉडल है। इसके अलावा चीन का मॉडल बेहद कम लागत में तैयार हुआ है, जबकि अमेरिका की एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी कंपनियों ने बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट करके AI मॉडल तैयार किए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा है कि डीपसीक कंपनी ने अपना AI मॉडल सिर्फ 48.45 करोड़ रुपए में डेवलप किया था। डीपसीक ने ऐप स्टोर पर ChatGPT को पीछे छोड़ा चीन के डीपसीक ऐप को कंपनी की वेबसाइट से और एपल के ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। AI कोडिंग और मैथ्स जैसे जटिल टास्क में बेहद सटीक नतीजे दे रहा है। हाल ही में अमेरिका और UK में एपल ऐप स्टोर से डाउनलोडिंग के मामले में यह पहली पोजिशन पर रहा। इसने दोनों ही जगह ओपन AI के ChatGPT को पीछे छोड़ दिया। 2023 में ChatGPT के इस्तेमाल पर लिमिट लगाई थी यह पहली बार नहीं है जब US कांग्रेस ने किसी AI प्रोडक्ट के इस्तेमाल को बैन किया हो। 2023 में ChatGPT के इस्तेमाल पर लिमिट लगाई थे। सिर्फ कुछ खाम कामों के लिए ChatGPT के पेड वर्जन को ही छूट गई थी। इसी तरह पिछले साल अप्रैल में Microsoft Copilot के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया था। यह खबर भी पढ़ें... चीनी AI मॉडल की एंट्री से अमेरिकी मार्केट 3% गिरा:एनवीडिया की वैल्यू 51.31 लाख करोड़ रुपए घटी, ट्रम्प बोले- ये अलर्ट होने का समय चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल डीपसीक की एंट्री से सोमवार को अमेरिकी टेक कंपनी एनवीडिया की वैल्यू करीब 600 अरब डॉलर (51.31 लाख करोड़ रुपए) गिर गई। ये अमेरिका के इतिहास में किसी कंपनी में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

अमेरिकी संसद में चीनी AI डीपसीक के इस्तेमाल पर बैन
अमेरिकी संसद ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसमें चीनी एआई तकनीक "डीपसीक" के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बैन का मूल कारण सुरक्षा चिंताएं हैं, विशेष रूप से व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए। "डीपसीक" एक शक्तिशाली उपकरण है जो वीडियो और ऑडियो सामग्री को संशोधित करने में सक्षम है, जिसका दुरुपयोग हो सकता है।
फोनों और कंप्यूटरों पर इंस्टॉल करने की मनाही
इस नए नियम के तहत, अमेरिकी सांसदों और सरकारी कर्मचारियों को अपने फोन और कंप्यूटरों पर डीपसीक जैसे चीनी एआई को इंस्टॉल करने की भी मनाही कर दी गई है। यह निर्णय नीति निर्माताओं द्वारा की गई गंभीर चर्चाओं और आंतरिक सुरक्षा जांच के बाद लिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस तकनीक के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए इस प्रकार का कदम उठाया गया है।
जांच के दायरे में
अमेरिकी संसद ने इस संबंध में कहा है कि यह मामला अभी जांच के दायरे में है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक का गलत तरीके से प्रयोग की जाने की संभावना के चलते इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण में बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी संसद के इस फैसले पर अन्य देशों में भी विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कई देशों ने ऐसी तकनीकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए समान कदम उठाने की आवश्यकता को बताया है। वैश्विक स्तर पर इस प्रकार के फैसले से तकनीकी सुरक्षा की दिशा में जागरूकता बढ़ रही है।
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