अयोध्या में त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव का हुआ समापन:तीन दिनों में चार लाख श्रद्धालुओं ने राम लला का किया दर्शन

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव को सोमवार को समापन हो गया है। इसके पहले यहां चल रहे अनुष्ठान के अन्तर्गत चारों वेदों के पारायण व हवन की पूर्णाहुति होगी। राम नाम के षडाक्षर मंत्रों के छह लाख मंत्रों का पुरश्चरण के साथ दशमांश हवन किया गया। हनुमान चालीसा, श्री सूक्त, पुरुष सूक्त, आदित्य हृदय स्तोत्र व अथर्व शीर्ष के पारायण की भी पूर्णाहुति हो गयी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी व पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ के सानिध्य में चले अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद सोमवार को वह वापस लौट गए। तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया। तीन दिनों में चार लाख 15 हजार श्रद्धालुओं ने राम लला का दर्शन पूजन किया। मिली जानकारी के अनुसार रविवार को रामलला के दरबार में एक लाख 30 हजार 155 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई थी। इस बीच सोमवार एक लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने राम लला का दर्शन पूजन किया। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं को रामलला के श्रृंगार आरती दर्शन का भी लाभ मिला। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने पहले से ही त्रिदिवसीय महोत्सव को लेकर रामलला के दर्शन की अवधि में डेढ़ घंटे की वृद्धि कर दी थी और सभी आरती पास भी बंद कर दिया था। इसके कारण रामलला का दर्शन सुबह साढ़े छह बजे से ही शुरू हो गया। इस दौरान दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रामलला की श्रृंगार आरती का भी दर्शन प्राप्त हुआ।

Jan 14, 2025 - 07:30
 65  501823

अयोध्या में त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव का समापन

News by indiatwoday.com

महोत्सव का संक्षिप्त विवरण

अयोध्या में आयोजित त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव ने भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। इस महोत्सव के दौरान चार लाख श्रद्धालुओं ने राम लला का दर्शन किया, जो इस धार्मिक आयोजन की भव्यता को दर्शाता है। यह महोत्सव न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पूरे अयोध्या शहर के लिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसने पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।

महोत्सव की प्रमुख विशेषताएँ

इस वर्ष के महोत्सव में अनेक धार्मिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें भव्य पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल थे। श्रद्धालुओं ने राम मंदिर में जाकर अपने श्रद्धा भाव को प्रकट किया। विशेष रूप से, द्वादशी तिथि पर विशेष महाभोग का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भगवान राम को भोग अर्पित किया।

श्रद्धालुओं का उत्साह

इस त्रिदिवसीय महोत्सव में भाग लेने के लिए चार लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। महिलाएँ, बच्चे, और वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी ने मिलकर भगवान राम के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की। महोत्सव के अंतिम दिन विशेष पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें प्रमुख संतों और धर्मगुरुओं ने भाग लिया।

स्थानीय समाज पर प्रभाव

इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों का ना केवल श्रद्धालुओं पर, बल्कि स्थानीय समाज पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। स्थानीय व्यापारियों ने इस महोत्सव का लाभ उठाते हुए अपने व्यवसाय को बढ़ाया और पर्यटकों को सेवा प्रदान की। अयोध्या में इस महोत्सव ने एक बार फिर से धार्मिक पर्यटन को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समापन समारोह

महत्वपूर्ण समापन समारोह में समाज के सभी वर्गों से लोगों ने भाग लिया। इस समारोह में कई धार्मिक नेताओं ने अपने विचार साझा किए और भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। आयोजन के समापन पर राम लला की आरती की गई, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था।

निष्कर्ष

अयोध्या में आयोजित त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव ने न केवल भगवान राम के प्रति श्रद्धा को बढ़ाया, बल्कि श्रद्धालुओं को एक साथ लाकर समाज में एकता का संदेश भी दिया। इस प्रकार के आयोजन भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाते हैं और हमें अपने धार्मिक मूल्यों को याद दिलाते हैं।

लेख का सारांश

इस त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव ने अयोध्या को एक बार फिर धार्मिक आस्था का केंद्र बना दिया है, जहाँ लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान राम के दर्शन कर अपनी आस्था व्यक्त की। Keywords: अयोध्या महोत्सव 2023, त्रिदिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव, राम लला दर्शन, श्रद्धालुओं की संख्या, धार्मिक आयोजन अयोध्या, अयोध्या में पूजा, द्वादशी महोत्सव, अयोध्या पर्यटन, राम मंदिर, भारतीय संस्कृति, धार्मिक आस्था

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow