अयोध्या में बाग में युवक फंदे पर लटका मिला:घर से नाराज होकर चला गया था, परिजनों ने नहीं दी तहरीर
अयोध्या के सरैठा गांव के बाहर आम की बाग में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला। शौच के लिए गए स्थानीय लोगों को दिखाई दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त कराई तो मृतक की पहचान सुखराम के रूप में हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम को भेजा दिया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक पटरंगा थाना क्षेत्र के बजौली सरैठा गांव निवासी सुखराम पुत्र शीतल 38 वर्ष सोमवार की शाम करीब 6 बजे घर से नाराज होकर चले गए थे। काफी समय बीत जाने के बाद परिवार के सदस्यों ने तलाशना शुरू किया लेकिन कहीं पर कोई पता नहीं लगा। शौच गए ग्रामीणों को बाग में एक व्यक्ति फंदे से लटकता दिखाई दिया। जानकारी होने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण बाग में एकत्र हो गए। सूचना पर पहुंची पटरंगा पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतरवा कर शिनाख्त कराई तो मृतक युवक की पहचान सुखराम पुत्र शीतल के रूप में हुई पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम को भेजा दिया। प्रभारी निरीक्षक शशिकांत यादव ने बताया कि परिजनों का कहना है कि भोजन करने जा रहे थे। तभी किसी बात को लेकर के परिजनों से नाराज हो गए और थाली फेंककर घर से रस्सी लेकर निकल गए थे। गांव के बाहर बाग में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर लिया। पुलिस का कहना है कि परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं की दी गई है। तहरीर मिलने के बाद जांच कार्रवाई की जाएगी।

अयोध्या में बाग में युवक फंदे पर लटका मिला
घटना का संक्षिप्त विवरण
अयोध्या शहर में एक युवक का शव एक बाग में फंदे पर लटका हुआ पाया गया है। यह घटना स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा गई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि युवक अपने घर से नाराज होकर कहीं चला गया था, और इसके बाद उसके लापता होने की सूचना उसके परिजनों द्वारा नहीं दी गई थी।
परिजनों की प्रतिक्रिया
युवक के परिजनों ने अभी तक इस घटना के संबंध में कोई तहरीर नहीं दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी, लेकिन जब तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं आती, तब तक कार्रवाई में रुकावट आ सकती है। इसके चलते, पुलिस को युवक की पहचान करने और घटना के कारणों का पता लगाने में कठिनाई हो रही है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता की लहर पैदा कर दी है। लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि मानसिक स्वास्थ्य और परिवारिक संबंधों में तनाव किस प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं। कुछ निवासियों ने यह भी सुझाव दिया है कि परिवारों में संवाद स्थापित करने की जरूरत है ताकि ऐसी समस्याओं से निपटा जा सके।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया है और आगे की जांच के लिए इसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जाँच के दौरान, पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही हैं ताकि मामले की गहराई में जाकर सच्चाई का पता लगाया जा सके।
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को भी उजागर करती है और यह दिखाती है कि परिवारों में संवाद की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
अयोध्या में ऐसी घटनाएँ दुर्भाग्यपूर्ण हैं और यह सभी को जागरूक करने की आवश्यकता है कि किसी भी प्रकार की घरेलू समस्याओं को समझाने और सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
यह महत्वपूर्ण है कि परिवार और समाज मिलकर ऐसी स्थितियों का सामना करें ताकि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करे।
News by indiatwoday.com
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