अयोध्या में महाशिवरात्रि पर निकली भव्य शिव बारात:2000 श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा, झांकियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा कुमारगंज

अयोध्या के कुमारगंज में महाशिवरात्रि पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भव्य शिव बारात का आयोजन किया गया। हनुमान मंदिर से निकली इस बारात में करीब 2000 श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। बारात में भगवान शिव-पार्वती, हनुमान, मां काली, दुर्गा और राधा-कृष्ण की मनमोहक झांकियां सजाई गईं। भूत-प्रेत और बैताल के वेश में बाराती शामिल हुए। युवाओं ने डीजे की धुन पर नृत्य किया और हर-हर महादेव के जयकारे लगाए। शिव बारात का रूट हनुमान मंदिर से खण्डासा मोड़, बवां चौराहा होते हुए बवां बाजार तक रहा। अंतिम पड़ाव महर्षि वामदेव तपोस्थली था। यहां कुमारगंज बाजार के मालिक विजय कुमार उपाध्याय और अन्य लोगों ने बारातियों का स्वागत किया। स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बारात निकाली गई। हर चौराहे और रास्ते पर पुलिस बल तैनात था। महर्षि वामदेव तपोस्थली में देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहे। महर्षि बामदेव श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। इसमें कुमारगंज के सभी दुर्गा पूजा समितियों के सदस्य और आस-पास के गांवों के लोग भाग लेते हैं। कार्यक्रम में मनीष गुप्ता, सुरेंद्र कौशल, बैजनाथ वैश्य, संजीव अग्रहरि, शिवम, राजू देवी प्रसाद, शीतला बाजपेई, उमाशंकर, खुशीराम, त्रिलोकी नाथ,शिव शंकर, पप्पू यादव समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Feb 27, 2025 - 09:59
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अयोध्या में महाशिवरात्रि पर निकली भव्य शिव बारात:2000 श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा, झांकियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा कुमारगंज
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अयोध्या में महाशिवरात्रि पर निकली भव्य शिव बारात

महाशिवरात्रि के पवित्र अवसर पर अयोध्या में आयोजित भव्य शिव बारात ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस साल लगभग 2000 श्रद्धालुओं ने इस दिव्य उत्सव में भाग लिया। कुमारगंज में आयोजित झांकियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस उत्सव का रंग और बढ़ा दिया, जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति और आनंद में डूब गया।

भव्य शिव बारात का आयोजन

इस विशेष समारोह में, श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना करते हुए भव्य झाकियों का अवलोकन किया। इस बारात को देखकर ऐसा प्रतीत होता था जैसे भगवान शिव स्वयं अपने भक्तों के बीच उपस्थित हैं। प्रत्येक झांकी में भगवान शिव के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन किया गया, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आए। इस कार्यक्रम में खास आकर्षण सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी जोड़ा, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का महत्व

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस उत्सव को एक नए आयाम में पहुंचा दिया। स्थानीय नृत्य और संगीत कार्यक्रमों ने भक्तों को आनंदित किया। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल धार्मिकता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि समुदाय में एकता और विश्वास को भी मजबूत करती हैं। कार्यक्रम में शामिल सभी लोग एक साथ मिलकर जश्न मनाते हुए एक अद्भुत माहौल का निर्माण करते हैं।

अयोध्या में धार्मिक पर्यटन का बढ़ता हुआ असर

अयोध्या, जो कि भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में जानी जाती है, अब धार्मिक पर्यटन के नए केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है। महाशिवरात्रि जैसे उत्सवों का आयोजन इस क्षेत्र की ثقافت को और भी समृद्ध करने में मदद कर रहा है। इससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण में भी वृद्धि हो रही है।

इस महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित इस भव्य शिव बारात से स्पष्ट है कि अयोध्या में धार्मिकता और संस्कृति का एक अनोखा संगम देखने को मिला। सभी श्रद्धालुओं ने मिलकर भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया।

समापन

भव्य शिव बारात का आयोजन हर साल श्रद्धा और भक्ति से भरा होता है। जो भी भक्त इस अवसर पर भाग लेते हैं, उन्हें हमेशा इसे याद रखने वाले अनुभव मिलते हैं। महाशिवरात्रि का यह उत्सव मात्र एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि समाज की एकता का प्रतीक भी है।

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