अवैध खनन की शिकायत पर ग्रामीण को पीटा:10 फीट गहरी की जा रही खुदाई, सरकारी जमीन और पेड़ों को भी नहीं छोड़ा
शामली के बाबरी थाना क्षेत्र में मिट्टी खनन माफिया का आतंक चरम पर पहुंच गया है। बनती खेड़ा गांव के पास अवैध खनन की शिकायत करने वाले व्यक्ति को माफिया ने बुरी तरह पीट दिया। स्थानीय निवासी वाजिद ने जब उच्च अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की, तो आरोपियों ने उन्हें लहूलुहान कर दिया। मामले में महबूब उर्फ बुली और सुभान, पुत्र गुलशेर, मुजरी पुत्र सुभान और मुदस्सीर पुत्र महबूब पर आरोप है कि वे अवैध रूप से मिट्टी का खनन कर रहे हैं। ये लोग करीब 10 फीट की गहराई तक मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं, जिससे आसपास के किसानों की सिंचाई व्यवस्था और जलवायु को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। पीड़ित ने बाबरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस बीच अवैध खनन लगातार जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि माफिया न केवल अवैध खनन कर रहे हैं, बल्कि सरकारी जमीन पर लगे पेड़ों को भी काट रहे हैं। मारपीट के बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की है। पीड़ित का आरोप है कि एसडीएम को शिकायत करने के बावजूद माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने अब मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मौके पर पहुंची, भास्कर की टीम व सामाजिक लोगो ने देखा कि आरोपी मिट्टी खनन करने वाले लोग 10-10 फीट तक का मिट्टी उठा रहे हैं, जो मिट्टी खनन करने के नियम कानून को ताक पर रखा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि खसरा नंबर 1034 पर दिन-रात अवैध तरीके से मिट्टी खनन बदस्तूर जारी है। पीड़ितों का आरोप है कि आरोपी कुछ सरकारी जमीन व पेड़ों को भी काट कर जलवायु को नष्ट कर दिया है। और जब एसडीएम की टीम को मौके पर पहुंचकर फोन कर कर बुलाने की कोशिश की तो घंटे तक भी एसडीएम की टीम का कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं आया। लोगों की माने,तो अब स्थानीय जगह पर प्राकृतिक का नुकसान हो रहा है। वहीं शिकायत करने पर अरोपियो ने ग्रामीण की जमकर धुनाई की।

अवैध खनन की शिकायत पर ग्रामीण को पीटा
हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां एक ग्रामीण को अवैध खनन की शिकायत करने के लिए पीटा गया। यह घटना तब हुई जब ग्रामीणों ने देखा कि उनके गांव के आसपास 10 फीट गहरी खुदाई की जा रही थी। इस खुदाई के कारण सरकारी जमीन और वहां मौजूद पेड़ों को भी नुकसान पहुँचाया जा रहा है। यह मामला अवैध गतिविधियों की बढ़ती प्रवृत्ति और ऐसे कार्यों के खिलाफ स्थानीय समुदाय की असमर्थता को दर्शाता है।
घटना का विवरण
ग्रामीणों ने जब देखा कि अवैध खनन के कारण उनकी जमीन का उपयोग हो रहा है, तो उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से शिकायत करने का निर्णय लिया। लेकिन जब उन्होंने आवाज उठाई, तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच आतंक का माहौल उत्पन्न कर दिया है। यह जानकर हैरानी होती है कि किस तरह से स्थानीय माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने पर ऐसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जो ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बन गया है। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय लोग अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि कैसे अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें और अवैध खनन के खिलाफ खड़े हों। कई लोगों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकें।
समापन Thoughts
यह घटना एक गंभीर मुद्दा है जो समाज में अन्याय और अवैध गतिविधियों के खिलाफ संघर्ष की आवश्यकता को उजागर करती है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने अधिकारों की रक्षा कैसे कर सकते हैं।
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