आज जारी होंगे जनवरी की महंगाई दर के आंकड़े:इसमें देखने को मिल सकती है गिरावट, दिसंबर में ये 5.22% पर थी

आज यानी 12 फरवरी को जनवरी महीने के रिटेल महंगाई दर के आंकडे जारी होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस महीने महंगाई में गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे पहले दिसंबर में महंगाई घटकर 5.22% हो गई थी। वहीं नवंबर में महंगाई दर 5.48% पर थी। कैसे प्रभावित करती है? महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।

Feb 12, 2025 - 10:59
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आज जारी होंगे जनवरी की महंगाई दर के आंकड़े:इसमें देखने को मिल सकती है गिरावट, दिसंबर में ये 5.22% पर थी
आज यानी 12 फरवरी को जनवरी महीने के रिटेल महंगाई दर के आंकडे जारी होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस मही

आज जारी होंगे जनवरी की महंगाई दर के आंकड़े: इसमें देखने को मिल सकती है गिरावट, दिसंबर में ये 5.22% पर थी

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जनवरी में महंगाई दर की संभावित गिरावट

जनवरी की महंगाई दर के आंकड़े आज जारी होने वाले हैं, जो संभवतः पिछले महीने की तुलना में कुछ गिरावट दिखा सकते हैं। दिसंबर में महंगाई दर 5.22% पर थी, और अनुमान है कि जनवरी में यह दर और भी कम हो सकती है। इन आंकड़ों का सरकार और नागरिकों दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

महंगाई दर के प्रभाव का आकलन

महंगाई दर की वृद्धि या कमी, बाजार में वस्तुओं के मूल्य और आम जनजीवन पर सीधा असर डालती है। बीते कुछ महीनों में महंगाई दर ने खासी उथल-पुथल मचाई है, जिससे आम आदमी की खरीद क्षमता प्रभावित हुई है। इस माह महंगाई दर में संभावित गिरावट से राहत की उम्मीद की जा रही है।

पिछले महीने की महंगाई दर पर एक नजर

दिसंबर में महंगाई दर 5.22% पाने के बाद, अनेक विश्लेषक इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि जनवरी के आंकड़ों में क्या बदलाव दिखाई देगा। पिछले महीने की महंगाई दर मुख्यतः खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बढी थी। किन्तु अब, कृषि उत्पादन में सुधार और वैश्विक बाजार में स्थिरता के कारण उम्मीद है कि यह दर कम हो सकती है।

आर्थिक विशेषज्ञों के आसार

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जनवरी में महंगाई दर में कमी आती है तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत होगा। इससे न केवल उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि होगी बल्कि सरकार की नीतियों पर भी एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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निष्कर्ष

आज का महंगाई दर का आंकड़ा न केवल वित्तीय संस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक वर्ग पर सीधा असर डालने वाला है। हम सभी को उम्मीद है कि इसमें थोड़ी गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे जनजीवन में सुधार आ सकेगा। Keywords: जनवरी महंगाई दर, महंगाई दर आंकड़े, दिसंबर महंगाई 5.22%, भारत महंगाई दर, महंगाई में गिरावट, खाद्य वस्तुओं की कीमतें, भारतीय अर्थव्यवस्था, सांकेतिक महंगाई दर, आर्थिक विश्लेषण, indiatwoday.com पर अपडेट

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