आजमगढ़ में बोले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय:महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने की थी भेदभाव और आडंबर रहित दुनिया की परिकल्पना

महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 132 वीं जयंती के अवसर पर आज़मगढ़ नागरिक समाज की तरफ से राहुल सांकृत्यायन को जानें अभियान के तहत निबंध, चित्रकला और भाषण की गतिविधियों का कार्यक्रम बच्चों के बीच में हुआ। प्राथमिक विद्यालय रानी की सराय, राहुल पूर्व माध्यमिक विद्यालय निज़ामाबाद और राहुल प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालय पन्दहा में भाग लेने वाले छात्रों को मैग्सेसे पुरस्कार सम्मानित डॉ संदीप पांडेय ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। राहुल सांकृत्यायन के ननिहाल में स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। भेदभाव और आडंबर रहित दुनिया की कल्पना मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. संदीप पांडेय ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन ने जिस दुनिया की कल्पना की उसमें भेदभाव, आडंबर, गैरबराबरी नहीं होगी। राहुल के तार्किक विचार बच्चों को बेहतर जीवन देंगे। बच्चों ने निबंध में जो विचार व्यक्त किए उससे स्पष्ट है कि इन पाठशालाओं में सैकड़ों राहुल पढ़ रहे हैं। संदीप पांडे ने कहा कि जिस तरह से राहुल सांकृत्यायन जी को 36 भाषाओं का ज्ञान था और वह भी बिना किसी विश्वविद्यालय गए। इससे समझा जा सकता है कि उनके अंदर कितनी काबिलियत थी राहुल सांकृत्यायन ने ऐसे समाज की परिकल्पना की थी जो भेदभाव रहित लैंगिक असमानता रहित हो जिसमें सामाजिक आर्थिक स्तर पर सभी लोग एक जैसे हों। आपसी झगड़ा समाप्त हों। और गैर बराबरी अमीर गरीब जाति प्रथा धार्मिक झगड़ा खत्म होने चाहिए। राहुल सांकृत्यायन की विरासत को संभालने का प्रयास राजीव यादव और राजशेखर ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन ने रानी की सराय में प्राथमिक और निज़ामाबाद में मिडिल की पढ़ाई की थी। राहुल सांकृत्यायन के जीवन से जुड़े स्कूलों में राहुल को जानें कार्यक्रम के जरिए राहुल के जीवन और विचारों को बच्चों तक पहुंचाया गया। राहुल सांकृत्यायन की विरासत को सहेजने के लिए इन स्कूलों में लाइब्रेरी और राहुल सांकृत्यायन की प्रतिमा स्थापित की जाए। इस ऐतिहासिक स्मारक पर देश और दुनिया के लोग पहुंचना चाहते हैं। इसलिए इन स्थलों का संवर्धन जरूरी है। राहुल सांकृत्यायन को जानें कार्यक्रम में डॉ. राजेंद्र यादव, अधिवक्ता विनोद यादव, अवधेश यादव, अकरम, चंद्रेश यादव फौजी, श्याम सुंदर मौर्या, नंद लाल यादव आदि ने बच्चों के बीच अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों उपस्थित रहे।

Apr 10, 2025 - 00:59
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आजमगढ़ में बोले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय:महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने की थी भेदभाव और आडंबर रहित दुनिया की परिकल्पना
महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 132 वीं जयंती के अवसर पर आज़मगढ़ नागरिक समाज की तरफ से राहुल सांकृत्
ह1: आजमगढ़ में बोले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय प: आजमगढ़ में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय ने महापंडित राहुल सांकृत्यायन की विचारधारा को उजागर करते हुए भेदभाव और आडंबर रहित दुनिया की आवश्यकता पर जोर दिया। पांडेय ने कहा कि सांकृत्यायन का दर्शन आज की सामाजिक चुनौतियों के संदर्भ में अत्यधिक प्रासंगिक है। उनके विचार हमारे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। ह2: महापंडित राहुल सांकृत्यायन की परिकल्पना प: संदीप पांडेय ने महापंडित राहुल सांकृत्यायन की सोच को समझाते हुए कहा कि उनके दृष्टिकोण में समाज के सभी वर्गों के लिए समानता का महत्व था। उन्होंने भेदभाव को समाप्त करने और सभी को एक समान दर्जा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। पांडेय का मानना है कि हम सभी को एकजुट होकर ऐसा समाज बनाने का प्रयास करना चाहिए जिसमें सभी को समान अवसर मिलें। ह2: समाज में बदलाव की आवश्यकता प: इस अवसर पर संदीप पांडेय ने युवाओं को संबोधित करते हुआ कहा कि वे अपनी सोच में बदलाव लाएं और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। जब तक समाज में भेदभाव और आडंबर मौजूद रहेगा, तब तक असली प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और जागरूकता ही समाज में बदलाव ला सकती है। ह2: संदीप पांडेय का संदेश प: अंत में, संदीप पांडेय ने उपस्थित जन समूह से अपील की कि वे महापंडित राहुल सांकृत्यायन के आदर्शों को अपनाएं और एक नई सोच के साथ समुदाय में योगदान दें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह भेदभाव के खिलाफ खड़ा हो। News by indiatwoday.com कीवर्ड्स: आजमगढ़, संदीप पांडेय, मैग्सेसे पुरस्कार, राहुल सांकृत्यायन, भेदभाव, आडंबर, समानता, समाज में बदलाव, महापंडित, युवा जागरूकता, सकारात्मक सोच, सामाजिक चुनौतियाँ, प्रेरणा स्रोत, समान अवसर, शिक्षा की भूमिका, समाज के लिए योगदान

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