आनी के बुद्धिसिंह मिल्कफेड के चेयरमैन बने:CM से नजदीकियों का फायदा; 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों पर निष्कासित भी हुए
हिमाचल सरकार ने आनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुद्धि सिंह ठाकुर को स्टेट कोआपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर फेडरेशन (मिल्कफेड) का चेयरमैन लगाया है। बुद्धि सिंह आनी के बागीपुल निरमंड के रहने वाले हैं। इसे लेकर सहकारिता सचिव सी पालरासू ने आदेश जारी कर दिए है। बुद्धि सिंह ठाकुर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर निष्कासित किया था, क्योंकि बुद्धि सिंह ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले परस राम का समर्थन किया था। परसराम की बीते साल लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी में वापसी हो गई थी। उस दौरान बुद्धि सिंह की भी कांग्रेस में वापसी हुई। अब मुख्यमंत्री सुक्खू ने बुद्धि सिंह ठाकुर को बड़ा पद दिया है। कुल्लू कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके बुद्धि सिंह ठाकुर पूर्व में कुल्लू जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह जिला परिषद सदस्य और जिला परिषद चेयरमैन भी रहे हैं। निष्कासित नेताओं की ताजपोशी कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जिन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने पर निष्कासित किया था, उनकी सुक्खू सरकार में ताजपोशी हो रही है। इससे पहले ठियोग कांग्रेस के निष्कासित नेता जोगेंद्र कंवर को भी सीएम सुक्खू जल आयोग में मेंबर लगा चुके हैं। जोगेंद्र कंवर को भी 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर निष्कासित किया गया था।

आनी के बुद्धिसिंह मिल्कफेड के चेयरमैन बने: CM से नजदीकियों का फायदा
आनी क्षेत्र से जुड़े बुद्धिसिंह ने हाल ही में मिल्कफेड के चेयरमैन का पद ग्रहण किया है। यह नियुक्ति स्थानीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है। ग्रहण कर चुके सीएम से उनकी नजदीकियों का लाभ उन्हें यह महत्वपूर्ण पद दिलाने में मददगार साबित हुआ। उनकी इस सफलता ने अन्य नेताओं में चर्चाएं पैदा कर दी हैं, खासकर 2022 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में।
2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों पर निष्कासित होने का मामला
हालांकि, बुद्धिसिंह की यात्रा में कुछ कांटेदार भी रहे हैं। उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित किया गया था। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया और उनके भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं पर सवाल खड़ा किया। लेकिन, अब मिल्कफेड के चेयरमैन बनने के साथ उन्होंने अपनी राजनीतिक स्थिरता को फिर से स्थापित किया है।
भविष्य की दिशा
बुद्धिसिंह की इस पद पर नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि वे न केवल अपनी सहयोगियों के लिए बल्कि आनी क्षेत्र के लिए भी कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे हैं। उनकी प्राथमिकता दूध उत्पादक किसानों की भलाई और मिल्कफेड की वृद्धि होगी। इसके साथ ही, वह स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएँ बना रहे हैं।
हमें आशा है कि बुद्धिसिंह की आवाज़ सुनी जाएगी और वे अपने कार्यकाल में कई सकारात्मक बदलाव लाएंगे। आने वाले समय में उनकी गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है।
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