इस्कॉन में धोखाधड़ी का मामला:भक्त बनकर बना प्रबंधन का विश्वास पात्र, दान में मिले करोड़ों रूपये लेकर हो गया फरार
मथुरा के वृंदावन में स्थित इस्कॉन मंदिर में धोखाधड़ी कर दान में मिले करोड़ों रुपये लेकर फरार हुए आरोपी को पुलिस तलाश रही है। आरोपी की तलाश में एक टीम इंदौर भी रवाना की जा रही है। वहीं सर्विलांस टीम उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर रही है। इंदौर मध्य प्रदेश का रहने वाला आरोपी दान में मिले रुपए और रसीद बुक लेकर फरार है। 2019 में आया इस्कॉन इंदौर के राउगंज वासा क्षेत्र स्थित श्री राम कॉलोनी निवासी मुरलीधर दास 2019 में वृंदावन आया। यहां उसने इस्कॉन मंदिर आना जाना शुरू किया। धीरे धीरे कृष्ण भक्ति करते करते वह प्रबंधन के नजदीक पहुंच गया और उनका विश्वास हासिल कर लिया। जिसके बाद उसका मंदिर के ऑफिस में आना जाना शुरू हो गया। प्रबंधन से मांगी सेवा प्रबंधन का विश्वास हासिल करने के बाद मुरलीधर दास ने मंदिर की आजीवन सदस्यता ली। जिसके बाद प्रबंधन से मंदिर में सेवा करने की अनुमति मांगी। जिस पर मंदिर प्रबंधन ने उसको मेंबर शिप मैनेजमेंट में डोनेशन कलेक्शन करने के लिए नियुक्त कर दिया। डोनेशन कलेक्शन की सेवा मिलने के बाद मुरलीधर मंदिर में आने वाले भक्तों से डोनेशन लेने लगा। 32 रसीद बुक की गायब मंदिर के PRO रविलोचन दास ने बताया कि सेवा करने के लिए आए मुरलीधर दास ने धीरे धीरे करके दान लेने के लिए रसीद बुक लेना शुरू किया। वह चार पांच रसीद बुक लेता और एक दो जमा कर देता। इस तरह मुरलीधर दास ने 32 रसीद बुक छिपा ली। उससे रसीद बुक जमा कराने के लिए कहा जाता तो वह जल्द जमा करने की बात कहता था। 20 दिन पहले गायब हुआ मुरलीधर दास इस्कॉन वृंदावन के PRO रविलोचन दास ने बताया कि एक रसीद बुक में 50 पेज होते हैं। मुरलीधर दास से जब रसीद बुक जमा करने का दबाव बनाया तो वह 20 दिन पहले अचानक से गायब हो गया। उससे संपर्क करने के प्रयास किए तो नहीं हुए। इसके बाद पुलिस से शिकायत की। SSP से की शिकायत PRO रविलोचन दास ने बताया कि जब मुरलीधर दास से कोई संपर्क नहीं हुआ तो पहले वृंदावन पुलिस से शिकायत की। लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो फिर एसएसपी शैलेश पांडे से मुलाकात की। जिसके बाद एसएसपी ने वृंदावन पुलिस को FIR दर्ज कर आरोपी की तलाश करने के आदेश दिए। जांच कर की जाएगी कार्यवाही इस्कॉन मंदिर में करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद एसपी सिटी अरविंद कुमार ने बताया कि मेंबर शिप मैनेजमेंट डिपार्टमेंट में काम करने वाले विश्वनाथ दास ने मुरलीधर दास के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया है। इस मामले में आरोप है कि मुरलीधर दास करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर फरार हुआ है। मामले में जांच की जा रही है जो विधिक कार्यवाही होगी वह की जायेगी।

इस्कॉन में धोखाधड़ी का मामला: भक्त बनकर बना प्रबंधन का विश्वास पात्र
इस खबर में इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) में हुए एक बड़े धोखाधड़ी के मामले की जानकारी दी जा रही है। एक व्यक्ति, जो पहले भक्त के रूप में आगमन हुआ, उसने प्रबंधन का विश्वास हासिल किया और दान में मिले करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गया। यह घटना न केवल भक्तों को हतोत्साहित करती है, बल्कि इस्कॉन की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाती है।
घटना का विवरण
फरार हुए व्यक्ति ने इस्कॉन प्रबंधन के साथ करीबी संबंध बनाए और विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उसने भक्तों से धनराशि जुटाई और उसे संगठन के विकास के लिए उपयोग करने का दावा किया। हालांकि, कुछ ही समय में वह आश्चर्यजनक तरीके से गायब हो गया। इसके बाद जब प्रबंधन ने जांच की, तो यह स्पष्ट हुआ कि उसने कई भक्तों से करोड़ों रुपये दान में लिए थे।
प्रबंधन की प्रतिक्रिया
हार्दिक भक्तों ने इस घटना पर ध्यान दिया है और इस्कॉन प्रबंधन ने एक आधिकारिक बयान जारी करके कहा है कि मामले की जांच चल रही है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाएं न हों। प्रबंधन ने भक्तों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दें।
भक्तों की चिंता
भक्तों में इस घटना को लेकर चिंता का माहौल है। कई लोग इस्कॉन की स्वच्छता और पारदर्शिता पर प्रश्न उठा रहे हैं। भक्तों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं संगठन की छवि को प्रभावित कर सकती हैं और सभी भक्तों को इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भविष्य की दिशा
इस ज्ञात घटना के बाद, इस्कॉन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे ऐसे मामलों को रोकें और संगठन में पारदर्शिता को बनाए रखें। भक्तों को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर ध्यान देना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
News by indiatwoday.com
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