ऋषि नगर में पाइप लाइन बिछाने में लापरवाही:जल्दबाजी में काम निपटाने की कोशिश, ज्वाइंटर को सही तरीके से नहीं जोड़ा
नगर में इन दिनों अमृत योजना के तहत जलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वार्डों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में वार्ड 7 ऋषि नगर के गाजी खेड़ा में भी कास्ट आयरन की पाइप लाइन डालने का काम पिछले पखवाड़े से चल रहा है। हालांकि, क्षेत्रीय लोग ठेकेदार की मनमानी और मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। गाजी खेड़ा की तंग गलियों में पाइप लाइन डालने के लिए करीब डेढ़ फीट गहरी खुदाई की गई है, जबकि मानक के अनुसार एक मीटर गहराई आवश्यक है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इतनी कम गहराई में पाइप लाइन डालने से इसके टूटने का खतरा बना रहेगा और जलापूर्ति बाधित हो सकती है। क्षेत्रीय निवासी डॉ. पंकज पासी ने आरोप लगाया कि ठेकेदार कार्य को जल्दबाजी में निपटाने की कोशिश कर रहे हैं। कई स्थानों पर पाइप के ज्वाइंटर को सही तरीके से जोड़ा नहीं गया, जिससे पाइप लाइन कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, खोदाई के दौरान नगरपालिका की पुरानी वॉटर सप्लाई लाइन टूट जाने से गलियों में जलभराव हो गया है। शिकायतों पर सुनवाई नहीं स्थानीय लोगों ने इस समस्या की शिकायत संबंधित विभाग से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉ. पासी ने बताया कि बीती रात मुख्य मार्ग पर चल रही खुदाई को रोकने के बाद ठेकेदार ने गलियों में पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया। हालांकि, क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जब तक मानकों के अनुसार कार्य नहीं होगा, समस्याएं बनी रहेंगी। ठेकेदार को दिए निर्देश जल निगम के सहायक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि पाइप लाइन डालने का मानक एक मीटर गहराई का है। हालांकि, तंग गलियों में इतनी गहराई तक खुदाई करने से भवन स्वामियों को परेशानी हो सकती है। उन्होंने स्वीकार किया कि ज्वाइंटर को ठीक से न जोड़ने की शिकायतें मिली हैं और इस पर ठेकेदार को निर्देश दिए गए हैं।

ऋषि नगर में पाइप लाइन बिछाने में लापरवाही
ऋषि नगर में हाल ही में पाइप लाइन बिछाने के कार्य में लापरवाही का एक नया मामला सामने आया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कार्य में जल्दबाजी की गई है, जिसके परिणामस्वरूप ज्वाइंटर को सही तरीके से नहीं जोड़ा गया। इस लापरवाही की वजह से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जल्दबाजी में काम निपटाने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय ठेकेदार ने समय की कमी के चलते काम को जल्दी निपटाने की कोशिश की। इससे परिणामस्वरूप पाइपलाइन में कई तकनीकी खामियां उभरकर सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब पाइपलाइन को सही तरीके से नहीं जोड़ा जाता, तो इससे लीकेज, जल प्रदूषण, और अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
निवासियों ने इस कार्य को लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया, तो यह समस्या भविष्य में और भी गंभीर हो सकती है।
क्या करना चाहिए?
इस परिस्थिति को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करें। पाइपलाइन बिछाने के कार्य में मानकों का पालन होना अत्यंत आवश्यक है। दूसरी ओर, स्थानीय समुदाय को भी जागरूक होना चाहिए, ताकि वे अपनी आवाज़ उठा सकें और ऐसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर सकें।
अंत में, निवासियों की सुरक्षा और जल वितरण प्रणाली की गुणवत्ता का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो।
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