एक्सप्रेस-वे तैयार करने वाली मशीनों से बनेगी रिंग रोड:CTS से तैयार होगी सड़क की लेयर, राहगीरों को नहीं लगेगा झटका
शहर को जाम से मुक्त करने के लिए तैयार की जा रही 93.20 किलोमीटर लंबी रिंग रोड में एक्सप्रेस-वे में इस्तेमाल होने वाली मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। यात्रा के दौरान राहगीरों को सड़क में झटका न लगे इसके लिए 50 करोड़ से अधिक लागत की CTS (सीमेंट सीटेड सबवेज) मशीन का प्रयोग किया जाएगा। जलभराव से सड़क खराब होने की स्थितियों को ध्यान में रख कर मोटर ग्रेडर मशीन का प्रयोग निर्माण में किया जा रहा है। भारी वाहनों को शहर के बाहरी इलाकों से गुजारने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने रिंग रोड का निर्माण शुरू कराया है। रिंग रोड को पैकेज एक मंधना से सचेंडी, पैकेज दो आटा से मंधना, पैकेज तीन रमईपुर से आटा व पैकेज चार सचेंडी से रमईपुर में बांटा गया है। पैकेज एक व चार का 30% काम पूरा पैकेज एक व चार का निर्माण तकरीबन 30 प्रतिशत तक पूरा हो गया है, जिसमें कई स्थानों पर आरओबी व अंडरपास तैयार कर लिए गए है। NHAI के परियोजना निदेशक अमन रोहिला ने बताया कि रिंग रोड के निर्माण में एक्सप्रेस-वे में इस्तेमाल होने वाली मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। जिसमें मोटर ग्रेडर, वाइब्रेट रोलर, सेंसर पेवर व सीटीएस मशीन व मैट मशीन का प्रमुख हैं। एक घंटे में होगा 30 मीटर का गड्ढा बताया कि मैट मशीन पाइल करने का काम करती हैं। जो एक घंटे में 30 मीटर तक का गड्डा करने में सक्षम हैं। वहीं मोटर ग्रेडर मशीन का निर्माण मिट्टी को लेबल करती है, जो 3 से 5 मिमी. के टॉलरेंस में मिट्टी को लेबल करती है। यह मशीन एक किलोमीटर के एरिया को लेयर बाई लेयर प्लेन कर देगा, जिससे रिंग रोड में पानी न रुके। 15 से 30 लेयर में बनेगी सड़क परियोजना निदेशक ने बताया कि रिंग रोड का निर्माण 15 से 30 लेयर में तैयार की जाएगी, जिनमें एक लेयर 200 मिमी की होगी। CTS मशीन से सभी लेयर एक समान की जाएगी। CTS मशीन से 6 मीटर सड़क का हिस्सा एक लेयर व समान थिकनेस में होगा, जिससे राहगीरों को झटका नहीं लगेगा। भारी वाहनों के आवागमन में 20 साल तक सड़क न धंसने पाएं इसको ध्यान में रखते हुए वाइब्रेंट रोलर से मिट्टी की कुटाई कराई जा रही है। जो मिट्टी को दबा–दबा कर लेयर बनाती है। एक वाइब्रेट रोलर का वजन 10 टन होता है, ऐसी तकरीबन 15 रोलर का प्रयोग किया जा रहा है।

एक्सप्रेस-वे तैयार करने वाली मशीनों से बनेगी रिंग रोड
रिंग रोड परियोजना नई तकनीकों और मशीनरी के उपयोग से तेजी से आगे बढ़ रही है। यह योजना एक्सप्रेस-वे तैयार करने वाली मशीनों की मदद से बनाई जाएगी। इस प्रक्रिया में, CTS (Cold Mix Technology) का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे सड़कों की लेयर को अधिक मजबूती मिलेगी। यह तकनीक न केवल निर्माण कार्य को तेज करेगी, बल्कि समय की बचत भी करेगी।
CTS तकनीक का महत्व
CTS तकनीक का मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण करना है। यह विधि सड़कों पर पड़ने वाले भार को भी समान रूप से वितरित करने में मददगार होती है। जिससे राहगीरों को यात्रा के दौरान किसी भी तरह के झटके का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप, रिंग रोड पर यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।
सड़क निर्माण की प्रक्रिया
रिंग रोड का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा: पहले चरण में भूमि समतलीकरण किया जाएगा, दूसरे चरण में CTS मशीनों का उपयोग कर सड़क की लेयर तैयार की जाएगी और तीसरे चरण में सड़क की फिनिशिंग की जाएगी। इन प्रक्रियाओं को स्वचालित और कुशल मशीनों द्वारा किया जाएगा, जिससे कार्य में तेजी आएगी।
राहगीरों के लिए सुविधाएँ
इस रिंग रोड के निर्माण के साथ-साथ राहगीरों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। बेहतर यातायात प्रबंधन, उचित संकेत, और संचार सुविधाओं का होना आवश्यक है जिससे सड़क पर चलते समय कोई भी समस्या न आए।
निष्कर्ष
एक्सप्रेस-वे तैयार करने वाली मशीनों द्वारा बनाई जाने वाली रिंग रोड न केवल निर्माण प्रक्रिया को बेहतर बनाएगी, बल्कि राहगीरों को भी सुखद यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। इस तैयार की जा रही रिंग रोड की गुणवत्ता अगले कई वर्षों तक कायम रहेगी।
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