विदेश मंत्री ने वाराणसी में आईआईटीयंस से किया संवाद:एस. जयशंकर बोले-भारत में है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत के भरपूर इस्तेमाल की क्षमता
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। 45 देश के प्रतिनिधियों के साथ-साथ उन्होंने बीएचयू के आईआईटीयंस से संवाद किया। उन्होंने मंच से कहा भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की ताकत का भरपूर इस्तेमाल करने की अपार क्षमता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पेरिस शिखर सम्मेलन में दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत एआई से जुड़े सांस्कृतिक पूर्वाग्रह के मुद्दे का प्रभावी रूप से हल कर सकता है। डॉ. जयशंकर ने आईआईटीयंस को सुझाव दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भारत और ग्लोबल साउथ के लिए अगली क्रांतिकारी शक्ति बन सकता है, जो समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देगा। "विश्व से संवाद – विश्व बंधु" थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों ने वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका पर गहन चर्चा की, जिसमें विचारों का आदान-प्रदान और सार्थक संवाद हुआ.. आइए अब जानते हैं विदेशी राजदूतों ने क्या कहा तिमोर-लेस्ते के राजदूत ने अपने देश की स्वतंत्रता प्राप्ति की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने "वसुधैव कुटुंबकम" (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) के विचार का समर्थन करते हुए सुलह और वैश्विक साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। केन्या के राजदूत ने अफ्रीकी देशों से औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलने का आह्वान किया। उन्होंने रणनीतिक विकास, संसाधनों के प्रभावी उपयोग और नवाचार-आधारित सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत की प्रगति अन्य विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा है। इस सत्र ने सभी प्रतिभागियों के साझा दृष्टिकोण को उजागर किया। औपनिवेशिक विरासत से आगे बढ़ते हुए आत्मनिर्भरता, रणनीतिक वैश्विक सहयोग और तकनीकी सशक्तिकरण की ओर अग्रसर होना। विदेश मंत्री ने विभिन्न देशों के राजदूतों को ऐतिहासिक सारनाथ में भ्रमण कराया विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के साथ 45 विदेशी राजदूतों ने ऐतिहासिक सारनाथ में भ्रमण किया। भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली पहुंचे राजदूतों ने भगवान बुद्ध को नमन कर विदेश मंत्री और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों के साथ पुरातात्विक खंडहर परिसर का अवलोकन किया। विदेशी राजदूतों के दल ने धमेख स्तूप पहुंच कर इसकी परिक्रमा की। इसके बाद इसके इतिहास और कलाकृतियों की जानकारी ली। धमेख स्तूप पर बुद्ध कालीन चित्रों के साथ ही राष्ट्रीय चिह्न की भी जानकारी दी गई। पुरातत्व संग्रहालय में राष्ट्रीय चिह्न शीर्ष सिंह की चमक देख दल अभिभूत नजर आया। इस दौरान विदेशी मंत्री डॉ एस जयशंकर भी दल को यहां के स्मारको के बारे में बताते रहे। दल ने अशोक लाट के सामने सामूहिक फोटो ग्राफी भी कराई। प्राचीन मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के अवशेष को देखने के बाद दल ने इसके बारे में भी जानकारी ली।

विदेश मंत्री ने वाराणसी में आईआईटीयंस से किया संवाद
हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वाराणसी में एक महत्वपूर्ण संवाद सत्र आयोजित किया, जिसमें उन्होंने आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के छात्रों से बातचीत की। इस बातचीत में, उन्होंने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की संभावनाओं और उस क्षेत्र में प्रगति के बारे में बात की।
आईआईटीयंस के साथ संवाद का महत्व
इस संवाद में, विदेश मंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत का भरपूर उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे देश में तकनीकी संसाधन और प्रतिभा की कमी नहीं है, और हमें इनका सही उपयोग करने की आवश्यकता है। यह बातचीत छात्रों के लिए प्रेरणादायक थी और उन्हें अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका
एस. जयशंकर ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही उपयोग कैसे विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है। उन्होंने छात्रों को AI के विकास में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि यह न केवल भारत के विकास के लिए आवश्यक है बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हम अपनी पहचान बना सकते हैं।
भारत का भविष्य और तकनीकी प्रगति
भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता और युवा पीढ़ी की प्रतिभा के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि देश को नई तकनीकों को अपनाने और उन्हें विकसित करने की आवश्यकता है। वाराणसी में इस संवाद का उद्देश्य छात्रों को उनके भविष्य में तकनीकी नवाचार के प्रति जागरूक करना था।
यह बैठक न केवल छात्रों के लिए थी, बल्कि यह एक संकेत था कि कैसे भारत तकनीकी रूप से प्रगति कर रहा है और भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। इस वार्तालाप को सुनकर छात्रों के मन में नई प्रेरणा और उत्साह जागृत हुआ।
अगर आप इस विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: विदेश मंत्री, वाराणसी, आईआईटीयंस संवाद, एस. जयशंकर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भारत में तकनीकी प्रगति, AI की ताकत, युवा प्रतिभा, तकनीकी नवाचार, भारत का भविष्य, वाराणसी में संवाद, विदेश नीति, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, छात्र प्रेरणा.
What's Your Reaction?






