वेस्ट बैंक में 23 साल बाद घुसे इजराइली टैंक:40 हजार शरणार्थी कैंप छोड़कर भागे; नेतन्याहू बोले- फिर जंग शुरू करने को तैयार

इजराइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में रविवार को इजराइली टैंक घुस गए। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक 2002 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। जेनिन कुछ साल से इजराइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का गढ़ रहा है। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि उसने जेनिन के पास एक टैंक डिवीजन तैनात किया है। इसके साथ ही इजराइल ने जेनिन, तुलकरम और नूर शम्स शिविर को खाली करा दिया है। रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि सेना को निर्देश दिए गए हैं कि वह अगले कुछ साल तक वेस्ट बैंक के शरणार्थी शिविरों में रहे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए यह जरूरी है। काट्ज ने बताया कि उत्तरी वेस्ट बैंक के तीन शिविरों से 40 हजार फिलिस्तीनी इलाका छोड़कर भाग गए हैं। इजराइल ने वेस्ट बैंक खाली कराने का अभियान 21 जनवरी को शुरू किया था। काट्ज ने कहा कि उन्होंने इलाके में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA को भी काम बंद करने का निर्देश दे दिया है। इजराइल ने वेस्ट बैंक में टैंक क्यों भेजा? दरअसल, इजराइल हमास जंग के बीच वेस्ट बैंक में हिंसा बढ़ गई है। इजराइल में वेस्ट बैंक की तरफ से होने वाले हमले भी बढ़े हैं। इजराइल में गुरुवार देर रात तीन खाली खड़ी बसों में विस्फोट हुए। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक वेस्ट बैंक से ही इजराइल की बसों में हमले की प्लानिंग की गई थी। इसके बाद ही नेतन्याहू ने इस इलाके पर एक्शन लेने का आदेश दिया। हालांकि इजराइल-हमास जंग के दौरान भी इजराइली सेना यहां कई ऑपरेशन को अंजाम दे चुकी है। 58 सालों से इजराइल का वेस्ट बैंक पर कब्जा वेस्ट बैंक, जॉर्डन के पश्चिम और येरुशलम के पूरब में स्थित है। 1948 में अरब-इजराइल जंग के बाद जॉर्डन ने इस पर कब्जा कर लिया था। जॉर्डन नदी के पश्चिम में होने की वजह से तब इसका नाम वेस्ट बैंक रख दिया गया। 1967 में 6 दिनों तक चले जंग के बाद इजराइल ने इस इलाके को जॉर्डन से छीन लिया। तब से वेस्ट बैंक पर इजराइल का कब्जा बरकरार है। इस इलाके में 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। इसमें ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं। इजराइल ने वेस्ट बैंक पर कब्जे के बाद कई यहूदी बस्तियां भी बसाईं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक यहां बनाई गई इजराइली बस्तियां अवैध हैं। गाजा में फिर से जंग शुरू कर सकते हैं नेतन्याहू वहीं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजराइल गाजा पट्टी में ‘किसी भी समय’ फिर से लड़ाई शुरू करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चाहे बातचीत से हो या फिर दूसरे तरीकों से वे जंग का मकसद पूरी करके रहेंगे। दरअसल, हमास ने शनिवार को 6 इजराइली बंधकों को रिहा किया था। इसके बदले में इजराइल को 600 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नेतन्याहू ने कहा कि हमास को इजराइली बंधकों की रिहाई का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। नेतन्याहू के कार्यालय ने रविवार की सुबह एक बयान जारी कर कहा कि इजराइल 620 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को तब तक रिहा करने का इंतजार कर रहा है, जब तक कि अपमानजनक समारोहों के बिना अगले बंधकों की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती। हमास के सीनियर अधिकारी बासेम नईम ने कहा कि इजराइल लगातार समझौता का उल्लंघन कर रहा है। सीजफायर के पहले चरण के दौरान इजराइली सेना ने 100 फिलिस्तीनियों की हत्या की है। बासेम नईम ने कहा, “हमारा मानना है कि यह इजराइली सरकार की ओर से समझौते को विफल और कमजोर करने की गंदी चाल है।” ................................... इजराइल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... इजराइली बंधक ने हमास लड़ाकों का माथा चूमा:हमास ने आज 6 बंधक रिहा किए; इजराइल 620 फिलिस्तीनी कैदी छोड़ेगा हमास ने सीजफायर डील के तहत 23 फरवरी को इजराइल के 6 बंधकों को रिहा कर दिया। इनमें एक बंधक ओमर शेम तोव ने रिहाई के वक्त हमास के दो लड़ाकों का माथा चूमा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। ये बंधक रेड क्रॉस की मदद से इजराइल पहुंच गए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Feb 24, 2025 - 01:00
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वेस्ट बैंक में 23 साल बाद घुसे इजराइली टैंक:40 हजार शरणार्थी कैंप छोड़कर भागे; नेतन्याहू बोले- फिर जंग शुरू करने को तैयार
इजराइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में रविवार को इजराइली टैंक घुस गए। न्यूज एजेंसी AP के

वेस्ट बैंक में 23 साल बाद घुसे इजराइली टैंक: 40 हजार शरणार्थी कैंप छोड़कर भागे; नेतन्याहू बोले- फिर जंग शुरू करने को तैयार

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इजरायली टैंकों की वापसी

इजरायल ने वेस्ट बैंक में 23 साल बाद फिर से अपने टैंकों की तैनाती की है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। इस कदम से न केवल इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में और बढ़ोतरी की संभावना है, बल्कि इसके कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए हैं। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, 40 हजार से अधिक शरणार्थी अपने कैंप छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं।

नेतन्याहू का बयान

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कमांडरों के साथ एक बैठक के दौरान कहा, "अगर हमें जंग शुरू करने की आवश्यकता पड़े, तो हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।" उनका यह बयान वैश्विक समुदाय में चिंताओं को बढ़ा रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्र में और संघर्ष की संभावनाएं प्रकट होती हैं। नेतन्याहू ने संकेत दिया कि इजरायल इस स्थिति में संयम नहीं रखेगा।

स्थानीय स्थिति का प्रभाव

इस स्थिति का प्रभाव स्थानीय नागरिकों पर पड़ रहा है। लोग अपने समुदायों में असुरक्षा और भय के बीच जीवन व्यतीत कर रहे हैं। स्कूलों और बाजारों की स्थिति भी प्रभावित हुई है, जिसके कारण दिनचर्या में बड़ा परिवर्तन आ रहा है। वार्ता और शांति की कोशिशें एक बार फिर मुश्किल स्थिति में पहुंच गई हैं। इजरायली सुरक्षा बलों की गतिविधियों के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार समूहों ने तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सभी पक्षों से शांति वार्ता की आवश्यकता पर बल दिया गया है, ताकि हिंसा से बचा जा सके।

भविष्य की संभावनाएँ

आने वाले दिनों में इस स्थिति का विस्तार से विश्लेषण किया जाएगा, जबकि दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मामले का समाधान निकालने के लिए संवाद और सहयोग की जरूरत है। सभी की नजरें नेतन्याहू की अगली कार्रवाई और प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। फिलहाल, स्थानीय निवासियों को केवल शांति और सुरक्षा की उम्मीद है।

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