'ओलंपिक 2036' के लिए अहमदाबाद की संभावनाएं ज्यादा:पेरिस ओलंपिक के कार्यकारी निदेशक का गुजरात दौरा, कहा- बीड के लिए सॉलिड प्लान की जरूरत
गांधीनगर के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक अनुसंधान सम्मेलन हो रहा है। इसमें विभिन्न देशों के ओलंपिक से जुड़े लोग मौजूद हैं। इसी मौके पर दिव्य भास्कर ने पेरिस ओलंपिक एग्जीक्यूटिव लैंबिस कोन्सटेनटिनडिस से बात कर जाना कि साल 2026 में होने वाले ओलिंपिक की मेजबानी भारत को मिलने की क्या संभावनाएं हैं। भारत में ओलंपिक 2036 की मेजबानी की क्या संभावना है? लैंबिस ने कहा कि भारत विशाल संभावनाओं वाला देश है, क्योंकि भारत की जनसंख्या को देखते हुए हम भी यहां ओलंपिक कराने में रुचि रखते हैं। भारत की ओलंपिक की मेजबानी उसकी ठोस योजना और दीर्घकालिक खेल रणनीति पर निर्भर करती है। हालांकि संभावनाएं बहुत सकारात्मक हैं। ओलिंपिक मेजबानी से अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? यह उसके निवेश स्तर पर निर्भर करता है। इसमें बहुत सारे डवलपमेंट की आवश्यकता होती है, जिसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। लेकिन वह बुनियादी ढांचा काफी हद तक दीर्घकालिक रणनीति और ठोस योजना पर भी निर्भर करता है। हालांकि, अहमदाबाद में मौजूद व्यवस्थाओं को लेकर माहौल फिलहाल सकारात्मक है। पर्यावरण पर क्या असर होता है? यह भी प्लानिंग पर ही निर्भर करता है। हमने पेरिस ओलंपिक में बहुत कम निर्माण कार्य किया। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल आधे से ज्यादा कम कर दिया था। इसके अलावा वहां रिन्युएबल एनर्जी का अरेंजमेंट किया गया था। इस तरह हमने कार्बन फ़ुटप्रिंट को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर दिया था। ऐसी रणनीति अपनाने से आप पर्यावरण पर कम प्रभाव डाल सकते हैं। इनोवेटिव टेक्नोलॉजी का उपयोग करके, ओलंपिक क्लाइमेंट चेंज पर प्रभाव को रोक या कम कर सकते हैं। पेरिस ओलिंपिक इसका एक अच्छा उदाहरण है। किसी देश को ओलिंपिक की मेजबानी से नुकसान उठाना पड़ा? सभी खेलों का लॉन्ग टर्म पॉजीटिव इफेक्ट होता है। मॉन्स्ट्रीयल, एथेंस या रियो को भले ही ओलिंपिक की मेजबानी से नुकसान हुआ हो, लेकिन उनके डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स पर अच्छा असर हुआ। कुछ वस्तुएं देश पर निर्भर करती हैं। कुल मिलाकर, ओलंपिक के कारण सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होती ही है। आपकी चार दिनों की गुजरात यात्रा का क्या मकसद है? हम चर्चा करेंगे कि ओलंपिक 2036 के लिए भारत की ओर से सफल बीड कैसे लगाई जाए और ओलंपिक मानकों के अनुसार यहां किस-किस तरह की सुविधाएं तैयार की जाएं।

ओलंपिक 2036 के लिए अहमदाबाद की संभावनाएं ज्यादा
बीते दिनों, पेरिस ओलंपिक के कार्यकारी निदेशक ने गुजरात का दौरा किया, जहां उन्होंने अहमदाबाद शहर के ओलंपिक 2036 की मेज़बानी की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए। यह दौरा खेल मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बीड के लिए एक सॉलिड प्लान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
गुजरात में खेलों का विकास
गुजरात ने खेलों के क्षेत्र में अपेक्षाकृत तेज़ी से विकास किया है। राज्य सरकार ने अनेक खेल सुविधाओं का निर्माण किया है, जो ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों के लिए आवश्यक हैं। कार्यकारी निदेशक ने इस बात पर बल दिया कि उत्कृष्ट खेल बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित खिलाड़ियों की उपलब्धता अहम फैक्टर हैं।
अहमदाबाद की बुनियादी ढांचा जरूरतें
पेरिस ओलंपिक के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि, "अहमदाबाद में अगर हम ओलंपिक जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी करना चाहते हैं, तो हमें एक ठोस योजना की जरूरत है।" उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य को खेलों के लिए बुनियादी ढांचे को और विकसित करना होगा।
भविष्य की संभावनाएं
गुजरात को ओलंपिक 2036 की मेज़बानी के लिए संभावनाएं स्पष्ट नजर आ रही हैं। सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ स्थानीय समुदाय की भागीदारी इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके लिए स्थानीय खिलाड़ियों को भी बढ़ावा देना जरूरी है।
विश्व खेल समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए, अहमदाबाद और अन्य शहरों को खेल आयोजनों को आयोजित करने के लिए उपाय करने होंगे।यह भी आवश्यक है कि ऐतिहासिक स्थलों और संस्कृति को खेलों के साथ मिलाकर एक अनोखा अनुभव प्रदान किया जाए।
इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, ओलंपिक 2036 के लिए अहमदाबाद की मंशा और योजना को साकार करना संभव है।
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