औरैया मर्डर–अनुराग जैसी जिंदगी जीना चहती थी प्रगति:दोनों परिवारों में पुरानी दुश्मनी फिर भी करीबी बढ़ाई; दोस्त की जुबानी अफेयर की कहानी
प्रगति और अनुराग की लव स्टोरी फिल्मों जैसी है। दोनों परिवार भले ही 100 मीटर की दूरी पर रहते हैं, लेकिन जमीन विवाद की वजह से एक-दूसरे से बातचीत नहीं करते हैं। अनुराग गांव में कभी स्कॉर्पियो, कभी बुलेट तो कभी अपाचे से घूमता था। रहन-सहन उसका शहर के लड़कों जैसा था। ये सब प्रगति को अच्छा लगता था। वो भी ऐसी ही जिंदगी जीना चाहती थी। तभी उसने अनुराग से करीबी बढ़ाई। अनुराग का नाम मनुज है, उसने प्रगति के कहने पर नाम बदलकर अनुराग कर लिया। ये कहना है अनुराग के दोस्त का। दैनिक भास्कर की टीम फफूंद थाना क्षेत्र के एक गांव पहुंची। यहां हमें अनुराग का एक दोस्त मिला, जो प्रगति और अनुराग के घर से 4 KM दूर रहता है। उसने प्रगति-अनुराग की पूरी लव स्टोरी बताई। साथ ही इनके परिवार के बीच सालों से चले आ रहे विवाद के बारे में भी बताया। अपनी पहचान उजागर न करने की वजह भी बताई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पढ़िए अफेयर की कहानी, दोस्त की जुबानी… अनुराग ने BSC तक पढ़ाई की है दोस्त ने बताया- हम लोग अनुराग को इस नाम से नहीं बल्कि मनुज के नाम से जानते हैं। इसका बचपन से यही नाम है। इसकी स्कूल की मार्कशीट पर भी यही लिखा है। मैंने अनुराग के साथ BSC तक पढ़ाई की। प्रगति इंटर तक पढ़ी है। अनुराग 29 साल का होगा। वहीं प्रगति की उम्र 20 के आसपास है। दोनों की उम्र में लगभग 9 साल का अंतर है। हम लोग तो इसका नाम मनुज ही जानते हैं। जनवरी 2021 में जब ये प्रगति से मिला, उसके बाद से खुद का नाम अनुराग बताने लगा। शायद उसके कहने पर नाम बदल लिया होगा। अनुराग और प्रगति का घर जरूर पास है, लेकिन दोनों परिवारों में कभी कोई बात नहीं होती है। वजह 5 बीघा जमीन है। जमीन को लेकर काफी समय से विवाद है। गांव के बाहर जमीन को लेकर दोनों परिवारों में कई बार झगड़ा हुआ था। मामला पुलिस तक पहुंचा था। उसके बाद से इनकी बातचीत बंद थी। तब तो हम लोग पैदा भी नहीं हुए थे, लेकिन दुश्मनी हर पीढ़ी के लोग मानते रहे। पूरी मौज मस्ती के साथ रहता था अनुराग अनुराग का एक खास रिश्तेदार और उसका दोस्त रामजी नागर (जिसने दिलीप की हत्या की है) ये दोनों आपराधिक किस्म के हैं। दोनों पहले छोटे-मोटे क्राइम करते थे। 5-6 साल से अनुराग का इन लोगों से मिलना काफी बढ़ गया था। तभी अनुराग मुझसे कम मिलता था। इनके साथ रहता, घूमता फिरता, बाहर खाना खाता। पूरी मौज मस्ती के साथ रहता था। पता नहीं अनुराग का रिश्तेदार और उसका दोस्त रामजी नागर कहां से इतना पैसा लाते थे, लेकिन जिन महंगी गाड़ियों (स्कॉर्पियो, बुलेट, अपाचे) से अनुराग घूमता था, वो सब इन दोनों की ही थी। दोनों अनुराग को महंगे कपड़े दिलाते थे। शायद वो दोनों अनुराग को लालच देकर गलत काम करवाना चाहते थे। उन दोनों की संगति का ही ये असर है, जो उसने किसी की हत्या करवा दी। जब अनुराग महंगी गाड़ियों से गांव आता तो प्रगति उसको देखकर खुश होती। परिवार के विवाद के कारण वो कभी उसे बोलने की हिम्मत नहीं कर पाई लेकिन वो अनुराग को देखा करती थी। ये बात अनुराग जानता था। अनुराग प्रगति को पसंद करता था, ये बात उसने मुझे बताई थी। चिट पर फोन नंबर लिखकर प्रगति को दिया था मार्च 2021 की बात है। एक बार प्रगति गाय-भैंस को चारा देने गई थी। तब वहां पर मौका पाकर अनुराग भी पहुंचा और अपना नंबर लिखकर एक चिट प्रगति को दे दी। उसने प्रगति से फोन करने के लिए बोला। प्रगति के पास फोन नहीं था। उसने रात में सबके सोने के बाद अपने पिता के नंबर से अनुराग को फोन किया। दोनों की काफी लंबी बात हुई। अनुराग ने मुझे बताया था। ये सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। अनुराग प्रगति को गिफ्ट दिया करता था। उसके लिए सलवार-सूट लाया करता था। धीरे-धीरे इनकी लव स्टोरी शुरू हुई, लेकिन अभी दोनों ही इस बात को गांव तक नहीं पहुंचाना चाह रहे थे। दोनों ने मिलने की इच्छा भी जाहिर की। मंदिर जाने के बहाने अनुराग से मिलती थी प्रगति प्रगति की एक मौसी हैं। उनका घर औरैया शहर के पास है। प्रगति अक्सर अपनी मां के साथ मौसी के घर जाती रहती थी। उसने अनुराग को वहां का पता दे दिया। फिर जब वो मौसी के घर जाती तो अनुराग को भी वहीं बुला लेती थी। प्रगति सांई मंदिर जाने के बहाने मौसी के घर से निकलती थी और पास में ही बने एक होटल में दोनों की मुलाकात होती थी। दोनों अक्सर वहीं पर मिला करते थे। ये वही होटल है, जहां पर प्रगति शादी के बाद भी अनुराग से मिली थी। काफी दिनों तक ये सब चलता रहा। प्रगति और अनुराग साथ रहना चाहते थे। दोनों ऐशो आराम की जिंदगी जीना चाहते थे। अनुराग उसको बड़े-बड़े सपने दिखाता और वो सच मान लेती। अनुराग पढ़ा-लिखा था, वो चाहता तो नौकरी कर सकता था, लेकिन वो गलत काम में पड़ गया। प्रगति के षड्यंत्र के बारे में किसी को पता नहीं था प्रगति की जिससे शादी हुई यानी दिलीप को मैं जानता हूं। प्रगति ने उसका पैसा हड़पने के लिए उससे प्यार का नाटक किया। इसमें अनुराग भी शामिल था। अनुराग के बारे में प्रगति के परिवार को पता था लेकिन वो लोग ये बात दबा दिए। प्रगति भी दिलीप से शादी करने के लिए बोलने लगी तो अनुराग की बात खत्म हो गई। पर किसी को क्या पता था, ये इतना बड़ा षड्यंत्र रच रही है। दोस्त ने नाम न छापने का भी कारण बताया। उसने कहा, अनुराग के जानने वाले क्रिमनल बैकग्राउंड के हैं। अगर मेरा नाम जाएगा तो ये लोग पक्का मुझे परेशान करेंगे। तभी मैं नाम न छापने के लिए बोल रहा हूं। अब पढ़िए इटावा जेल से रिपोर्ट... प्रेमी को बुलाती रहती है प्रगति, खाना-पीना छोड़ा प्रगति जेल में बस रोती रहती है। वो बार-बार अपने मम्मी-पापा से मिलने के लिए बोलती है। अपने प्रेमी अनुराग को बुलाती रहती है। उसने खाना-पीना तक छोड़ दिया है। हालांकि समझाने-बुझाने पर थोड़ा बहुत खा लेती है। अनुराग और शूटर को पास की बैरक में रखा गया है। प्रगति की बैरक करीब 20 मीटर की दूरी पर है। ये बातें इटावा जेल के एक अधिकारी ने बताई हैं। उन्होंने बताया कि जेल के नियम के मुताबिक, केवल खून के रिश्ते और परिवार के लोगों को ही कैदी से मि

औरैया मर्डर: अनुराग जैसी जिंदगी जीना चाहती थी प्रगति
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परिवारों के बीच पुरानी दुश्मनी
हाल ही में सामने आए औरैया मर्डर केस में प्रगति और अनुराग के बीच की कहानी ने सभी को चौंका दिया है। दो परिवारों के बीच पुरानी दुश्मनी के बावजूद, प्रगति और अनुराग ने करीबी रिश्ता बढ़ाने का निश्चय किया। उन दोनों के बीच का यह संबंध कई सवालों को जन्म देता है, खासकर उस संदर्भ में जब पुरानी दुश्मनी और सामाजिक दबाव को देखा जाता है।
प्रगति का सपना: अनुराग जैसी जिंदगी
प्रगति, जो एक आम लड़की थी, अनुराग की तरह की जिंदगी जीने की चाहत रखती थी। उसने अपने जीवन में खुशियों और शांति की तलाश की, जो उसके शांतिपूर्ण स्वभाव के विपरीत था। उसकी यह आकांक्षा उसे दोस्ती और प्यार की जटिलताओं में घसीट लाई, जिसे अंततः एक बड़े विवाद में बदल दिया।
दोस्ती से प्यार की कहानी
एक करीबी दोस्त के अनुसार, प्रगति और अनुराग का रिश्ता केवल दोस्ती से आगे बढ़कर एक प्रेम संबंध में बदल गया था। इस प्रेम कहानी ने दोनों परिवारों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। प्रगति की दोस्त ने साझा किया कि प्रगति हमेशा से ही एक स्वतंत्र और साहसी जीवन जीना चाहती थी, लेकिन पारिवारिक दबाव और प्रतिकूलता ने उसे एक खतरनाक मोड़ पर ला दिया।
समाज का दवाब और भविष्य की चुनौतियाँ
यह मामला केवल दो व्यक्तियों की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज के उन रूढ़िवादिताओं और मूल्य-निर्णय की भी कहानी है जो युवा पीढ़ी को झकझोरकर रख देती है। प्रगति की आकांक्षाएं और उसकी जीवनशैली का चुनाव उसे एक मुश्किल स्थिति में डाल देता है। क्या इस मामले से अन्य युवा सीख लेंगे? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।
अंत में, यह स्थिति हमें चेतावनी देती है कि कैसे समाज और परिवार के बीच की पुरानी दुश्मनियाँ व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
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