कचरी बनाने की फैक्ट्री में था 300 किलो एक्सपायर रिफाइन:खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मारा छापा; गंदगी का था अंबार, 40 क्विंटल तैयार माल बरामद

होली के मद्देनजर गुरुवार की शाम खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने कचरी बनाने वाली एक फैक्ट्री पर छापा मारा। नमूनों के संग्रह के दौरान एक दुकान से इस फैक्ट्री के बारे में जानकारी मिली थी। संचालक ने यह दावा कि कि लगभग दो साल से फैक्ट्री बंद थी लेकिन मौके की स्थिति होली को लेकर तैयारी दिखा रही थी। वहां लगभग 300 किलो एक्सपायर रिफाइन मिला है। संभावना जताई जा रही है कि कचरी बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। टीम को यहां लगभग 40 क्विंटल कचरी व सेंवई बिक्री के लिए रखी मिली। नमूना लेकर उसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। हार्बर्ट बांध के किनारे चैनपुर मंदिर के पास एक पुराने भवन में जब खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सहायक आयुक्त डा. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में पहुंची तो वहां बाहर से ताला बंद था। टीम अंदर पहुंची तो वहां मजदूर काम करते मिले थे। सूचना पाकर संचालक भी वहां पहुंचा। उसने बताया कि उसके पिता की मौत के बाद बंटवारा न होने से फैक्ट्री का संचालन नहीं हो पा रहा है। हालांकि वहां चल रहे काम और तैयारियां देखकर यह अनुमान लगा लिया गया कि रमजान व होली को देखते हुए उत्पाद तैयार किया गया था। कचरी व सेंवई तैयार, नए बोरे भी मिले संचालक भले ही यह कहता रहा कि फैक्ट्री बंद थी लेकिन अंदर मजदूर काम करते मिले। नई बोरियों में कचरी व सेंवई मिली। कुछ बोरियां भरी मिली हैं। इसके अतिरिक्त बेसमेंट में बड़े पैमाने पर मैदा रखा था। वहां गंदगी की भरमार थी। पूछताछ में संचालक राम अवतार लगातार गुमराह करने की कोशिश करता रहा लेकिन जब सहायक आयुक्त ने उससे डीवीआर मांगा तो उसने सच्चाई बताई। उसके बाद वीडियोग्राफी करके नमूने लिए गए। रिपोर्ट आने तक बिक्री नहीं हो सकेगी। जांच के दौरान फैक्ट्री में बिजली कट गई थी। माना जा रहा है कि कनेक्शन फर्जी था, जिसे जांच के दौरान संचालक ने हटा दिया था। 2 से 3 साल पहले एक्सपायर डालडा का प्रयोग इस फैक्ट्री में बनी कचरी व सेंवई बाजार में जाती तो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती। जो मैदा रखा था, वह काफी गंदगी के बीच था। वहां दुर्गंध भी आ रही थी। 2 से 3 साल पहले एक्सपायर हो चुके रिफाइन का उपयोग उसमें किया जा रहा था। रिफाइन के जो टिन मिले, उनमें से किसी पर 2023 तो किसी पर 2022 का एक्सपायरी डेट अंकित था। खतरनाक रंग, केमिकल भी मिला फैक्ट्री में खतरनाक रंग व केमिकल जैसे सोडा व ब्लीचिंग पाउडर मिला। जो भी कचरी तैयार थी, वह रंगी हुई थी। नियमों के अनुसार किसी प्रकार का रंग खाद्य पदार्थ तैयार करने में उपयोग नहीं कर सकते हैं। चाहे वो खाद्य रंग ही क्यों न हो। ठेले-खोमचे का पंजीकरण, 10 साल से चला रहे थे फैक्ट्री फैक्ट्री संचालक ने फैक्ट्री का पंजीकरण नहीं कराया है। सहायक आयुक्त ने बताया कि जिस तरह से ठेले-खोमचे वाले 100 रुपये का पंजीकरण कराते हैं, उसी तरह से यहां का भी पंजीकण है लेकिन फैक्ट्री पिछले 10 साल से संचालित हो रही है। 6 क्विंटल खोवा पकड़ा खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पादरी बाजार में भगत की दुकान से पनीर का नमूना लिया। इसी दौरान मुगलराय से खोवा की गाड़ी आई, जिस पर नेचर फ्रेश लिखा हुआ था। जांच शुरू होते ही कारोबारी फरार हो गया तो गाड़ी को कार्यालय लाया गया,जिसमें करीब 6 क्विंटल खोवा लदा हुआ था। गाड़ी सीज होने के भय से कारोबारी लाइसेंस लेकर आया तो नमूना लेकर खोवा छोड़ दिया गया। यह खोवा मुगलसराय से आया था, जिसे बिहार भेजा जाना था। जानिए सहायक आयुक्त ने क्या कहा खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि कचरी बनाने की फैक्ट्री में 300 किलो एक्सपायर डालडा मिला है। इसके अतिरिक्त 40 क्विंटल कचरी मिली है। उसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। हानिकारक रंग व रसायन भी मिले हैं। नमूने की रिपोर्ट सही आयी तो उत्पाद की बिक्री करने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि एक्सपायर रिफाइन व रंगों का प्रयोग कर कचरी तैयार की जा रही है तो यह श्वसन प्रणाली के लिए काफी हानिकारक है। गंदगी के कारण इंफेक्शन का खतरा है।

Mar 7, 2025 - 05:00
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कचरी बनाने की फैक्ट्री में था 300 किलो एक्सपायर रिफाइन:खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मारा छापा; गंदगी का था अंबार, 40 क्विंटल तैयार माल बरामद
होली के मद्देनजर गुरुवार की शाम खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने कचरी बनाने वाली एक

कचरी बनाने की फैक्ट्री में 300 किलो एक्सपायर रिफाइन: खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मारा छापा

हाल ही में, खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने एक कचरी बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा, जहाँ उन्हें 300 किलो एक्सपायर रिफाइन पाया गया। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने के कारण की गई थी। टीम ने फैक्टरी से अत्यधिक मात्रा में गंदगी और अस्वच्छता की स्थिति का सामना किया और 40 क्विंटल तैयारी माल को जब्त किया। इस घटना ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित गंभीर चिंताओं को उजागर किया है।

फैक्ट्री की स्थिति और उत्पन्न करने वाले माल की गुणवत्ता

चौकाने वाली बात यह है कि फैक्ट्री में खाद्य पदार्थों की प्रक्रिया जिन हालात में की जा रही थी, वह बेहद हानिकारक थीं। गंदगी का अंबार, अस्वच्छ उपकरण और एक्सपायर रिफाइन का इस्तेमाल, इन सभी कारणों से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने मामलों की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई का निर्णय लिया।

कचरी उद्योग पर प्रभाव

इस घटना का कचरी उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग की इस कार्रवाई ने अन्य खाद्य उत्पादकों को भी जागरूक किया है कि उन्हें अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन करना कितना आवश्यक है।

नागरिकों को अपने खाद्य पदार्थों के चयन के समय सजग रहने की आवश्यकता है और सुनिश्चित करना चाहिए कि वे स्वच्छता मानकों का पालन करते हुए उत्पाद खरीदें।

कार्रवाई के परिणामस्वरूप, नागरिकों को अद्यतन जानकारियों से अवगत कराने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर मोहर लगाई है। अधिक जानकारी के लिए, News by indiatwoday.com पर जाएं।

निष्कर्ष

कचरी बनाने की फैक्ट्री पर छापेमारी ने खाद्य सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है। सभी उत्पादकों को मानकों का पालन करना चाहिए और नागरिकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए। Keywords: कचरी बनाने की फैक्ट्री, खाद्य सुरक्षा विभाग, छापा, 300 किलो एक्सपायर रिफाइन, 40 क्विंटल तैयार माल, गंदगी, अस्वच्छता, खाद्य सुरक्षा मानक, कचरी उद्योग, नागरिकों की सुरक्षा

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