करनैलगंज में रात 11 बजे बंद मिला रैन बसेरा:अलाव की व्यवस्था भी नदारद, डीएम ने अफसरों को दी कार्रवाई की चेतावनी
गोंडा जिले में हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ऐसे में जिला प्रशासन ने रैन बसेरों और अलाव व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। करनैलगंज और जिला महिला अस्पताल में रैन बसेरों की शिकायतों पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने त्वरित कार्रवाई की। इसे आपदा प्रबंधन में गंभीर लापरवाही मानते हुए डीएम ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। औचक निरीक्षण में डीएम ने लगाई फटकार जिलाधिकारी ने शुक्रवार को गोंडा जिला मेडिकल कॉलेज में बनाए गए रैन बसेरे का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान रजिस्टर में सही से एंट्री ना होने पर कर्मचारियों को फटकार लगाई। डीएम ने कहा कि व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अलाव व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं डीएम ने नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी जगह अलाव जलते रहें। झूलेलाल चौराहा और गुरुनानक चौराहे पर अलाव की स्थिति का भी जायजा लिया गया। करनैलगंज में रैन बसेरा रात 11 बजे बंद पाए जाने और निर्धारित स्थलों पर अलाव की सुविधा न मिलने पर जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया। जिलाधिकारी ने करनैलगंज, मनकापुर और तरबगंज के उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में सभी रैन बसेरों और अलाव स्थलों की नियमित जांच करें। सभी तहसील क्षेत्रों से तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए गए हैं। डीएम ने स्पष्ट किया है कि ठंड के कारण किसी भी व्यक्ति को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि जनसुविधाओं में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की सख्ती के बाद अधिकारी सक्रिय हो गए हैं, और रैन बसेरों एवं अलाव व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है।

करनैलगंज में रात 11 बजे बंद मिला रैन बसेरा: अलाव की व्यवस्था भी नदारद, डीएम ने अफसरों को दी कार्रवाई की चेतावनी
करनैलगंज में हाल ही में रात के 11 बजे एक रैन बसेरा बंद पाया गया, जिसमें न तो कोई रहवासी मौजूद थे और न ही अलाव की कोई व्यवस्था की गई थी। यह स्थिति स्थानीय अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में बेघर व्यक्तियों के लिए आश्रय स्थलों की पर्याप्त व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है।
डीएम की सख्त चेतावनी
जिला मजिस्ट्रेट ने इस गंभीर मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि इस प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। डीएम ने कहा कि सर्दी में बेघर लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे मामलों में यदि लापरवाही देखी गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
रैन बसेरों की स्थिती
करनैलगंज में रैन बसेरों की स्थिति की जांच की गई है, जिसमें पाया गया है कि यहां की संसाधनों की कमी है। न केवल रात में बंद होने की घटना हुई, बल्कि अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई थी, जिससे यहां के जरूरतमंद लोग ठंड से बचने के लिए परेशान हुए। स्थानीय लोगों ने भी इस बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से और बेहतर सुविधाएं देने की मांग की है।
स्थानीय जनता की आवाज़
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस समय सर्दी के चलते ऐसे रैन बसेरों का काम अधिक बढ़ जाता है, और यदि प्रशासन उचित कदम नहीं उठाता तो लोग संकट में पड़ सकते हैं। कई बेघर व्यक्तियों ने यह भी बताया कि उन्हें रात के समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है।
संभावित समाधान
अधिकारी इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं और अगले कुछ दिनों में स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। उम्मीद है कि अधिकारी रैन बसेरों के लिए जल्दी से सुविधाएं प्रदान करेंगे और नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
इस मामले पर लगातार अपडेट्स के लिए, कृपया indiatwoday.com पर विजिट करें। Keywords: करनैलगंज रैन बसेरा बंद, अलाव की व्यवस्था नदारद, डीएम कार्रवाई चेतावनी, सर्दियों में रैन बसेरा, बेघर लोगों के लिए आश्रय, प्रशासन का लापरवाही, स्थानीय नागरिकों की चिंता, रैन बसेरों के सुधार, ठंड से बचाव के उपाय, करनैलगंज में रैन बसेरा स्थिति
What's Your Reaction?






