कानपुर देहात में 32 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापा:7 को नोटिस और एक का लाइसेंस निलंबित, कालाबाजारी की मिली थी शिकायत
कानपुर देहात में किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने और कालाबाजारी रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई है। जिले में गठित सात संयुक्त टीमों ने सरकारी और निजी उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। अभियान के दौरान कुल 32 उर्वरक प्रतिष्ठानों की जांच की गई। टीमों ने 10 प्रतिष्ठानों से उर्वरक के नमूने लिए और जांच के लिए भेजे। नियमों का उल्लंघन करने वाले 7 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। एक प्रतिष्ठान का उर्वरक बिक्री लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जिले की छह तहसीलों - अकबरपुर, डेरापुर, भोगनीपुर, सिकन्दरा, मैथा और रसूलाबाद में यह कार्रवाई की गई। कई प्रतिष्ठानों में अभिलेख अधूरे मिले, जबकि कुछ दुकानें बिना सूचना के बंद मिलीं। जिला कृषि अधिकारी ने सभी विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी विक्रेताओं को निर्धारित मूल्य पर उर्वरक बेचने और अपने रिकॉर्ड अपडेट रखने के निर्देश दिए गए हैं।

कानपुर देहात में उर्वरक के अनियमित व्यापार पर सख्त कार्यवाही
कानपुर देहात में हाल ही में हुई छापेमारी ने कृषि क्षेत्र में कालाबाजारी के खिलाफ मजबूत कदम उठाने का संकेत दिया है। अधिकारियों ने 32 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापा मारते हुए 7 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया और एक का लाइसेंस निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब किसानों ने उर्वरक के कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और उसकी उपलब्धता में कमी होने की शिकायत की थी।
कालाबाजारी की शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया
किसानों की शिकायतों के बाद, प्रशासन ने एक विशेष टीम गठित की थी जिससे उर्वरक की कालाबाजारी के मामलों की जांच की जा सके। छापेमारी के दौरान, कई प्रतिष्ठानों में अवैध रूप से स्टॉक की गई उर्वरक की मात्रा पाई गई। कई प्रतिष्ठानों ने किसानों को अधिक दामों पर उर्वरक बेचने की बात भी स्वीकार की। इस संबंध में अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई की है और सभी नियमों का पालन करने का आदेश दिया है।
अगर आप और जानकारी चाहते हैं
कानपुर देहात में मानसून के समय कृषि में उर्वरक की आवश्यकता काफी बढ़ जाती है। इस मामले को लेकर किसानों में गुस्सा व्याप्त है और वे उचित मूल्य पर उर्वरक की मांग कर रहे हैं। प्रशासन का उद्देश्य किसानों को सस्ते दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराना है। अधिक जानकारी के लिए आपकी कई स्थानीय समाचार साइटों का दौरा करना होगा।
भविष्य की योजनाएँ
जबकि इस घटना ने कई अन्य उर्वरक व्यावसायियों को सतर्क कर दिया है, स्थानीय प्रशासन का उद्देश्य अब यह सुनिश्चित करना है कि कोई और कालाबाजारी न हो। इसके लिए राज्य सरकार विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। कKeywords: कानपुर देहात उर्वरक प्रतिष्ठान, उर्वरक कालाबाजारी, कानपुर देहात छापा, उर्वरक लाइसेंस निलंबित, उर्वरक शिकायतें, अधिकारियों की कार्रवाई, कृषि क्षेत्र में अनियमितता, कानपुर किसानों की समस्या, उर्वरक की आपूर्ति, उर्वरक के दाम
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