कानपुर में ठेके पर परीक्षा देने आए तीन सॉल्वर अरेस्ट:लाखों रुपए लेकर हाईकोर्ट के स्टेनोग्राफर और सिविल कोर्ट स्टाफ एग्जाम में दे रहे थे दूसरे की परीक्षा

कानपुर में रविवार को हुई हाईकोर्ट के स्टेनोग्राफर और सिविल कोर्ट स्टाफ समूह घ की परीक्षा में तीन सॉल्वर पकड़े गए। कल्याणपुर पुलिस ने दो सॉल्वरों को अलग-अलग सेंटर से संदेह होने के बाद जांच की तो पकड़े गए। इसी तरह एक सॉल्वर बर्रा के परीक्षा केंद्र से पकड़ा गया। तीनों के खिलाफ बर्रा और कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। सोमवार को तीनों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। पूछताछ में सामने आया कि शातिरों ने लाखों रुपए लेकर सॉल्वर बनकर बैठे थे। सॉल्वर गैंग ने तीनों को ठेके पर परीक्षा में बैठने के लिए भेजा था। केस-1 सॉल्वर गिरोह ने पांच लाख रुपए में लिया था ठेका राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा हाईकोर्ट के स्टेनोग्राफर की परीक्षा हुई थी। कल्याणपुर के गार्डेनिया स्कूल में एग्जाम चल रहा था। नौबस्ता के योगेंद्र विहार नई बस्ती निवासी सोनल बाजपेई स्कूल की सीनियर कोऑर्डिनेटर हैं। उन्होंने बताया कि दूसरी पाली में ईसाई गोपालपुर, मैनपुरी निवासी अवनीश की जगह दूसरा युवक परीक्षा दे रहा था। जब उसका आधार चेक किया तो खुलासा हुआ। सॉल्वर ने अपनी पहचान फिरोजाबाद के फरिया निवासी बलराम सिंह यादव के रूप में बताई। पुलिस आरोपी को पकड़कर थाने ले गई। जांच में पता चला कि बलराम सिंह यादव फर्जी दस्तावेजों के साथ ही फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दूसरे की परीक्षा देने के लिए सॉल्वर बनकर बैठा था। संदेह होने पर जांच की गई तो सॉल्वर बलराम यादव पकड़ा गया। कल्याणपुर थाने की पुलिस ने सीनियर कोऑर्डिनेटर सोनल बाजपेई की तहरीर पर अवनीश कुमार और उसकी जगह परीक्षा देने पहुंचे बलराम यादव के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही बलराम को अरेस्ट कर लिया और अवनीश की तलाश की जा रही है। बलराम ने बताया कि पांच लाख रुपए में परीक्षा पास कराने का ठेका सॉल्वर गैंग ने लिया था। उसे 2 लाख रुपए में भेजा गया था। केस-2 बिहार का सॉल्वर आईआईटी में पकड़ा गया, 3 लाख में लिया था ठेका राष्ट्रिय परीक्षा एजेंसी की ओर से आईआईटी कानपुर में यूपी सिविल कोर्ट स्टाफ केंद्रीय भर्ती 2024-25 के अन्तर्गत समूह घ का एग्जाम चल रहा था। एग्जाम के दौरान जांच में सामने आया कि कक्ष संख्या-20 में उपस्थित अभ्यर्थी अनीस कुमार अनुक्रमांक 4072050427 की पहचान संदिग्ध है। अभ्यर्थी का दोबारा बायोमीट्रिक जांच कराई गई तो सामने आया कि अभ्यर्थी अनीस कुमार की जगह दूसरा कोई व्यक्ति सॉल्वर के रूप में परीक्षा देने बैठा है। इसके बाद सेंटर पर मौजूद पुलिस ने युवक को दबोच लिया। पूछताछ की गई तो सामने आया कि रंजीत कुमार पुत्र रवीन्द्र यादव ग्राम डिहरा पो जगतपुर थना चन्डी बिहार जिला नालन्दा राज्य बिहार से सॉल्वर बनकर बैठा है। अनीस कुमार के फर्जी डॉक्यूमेंट और आधार कार्ड बनवाकर परीक्षा में शामिल हुआ है। कल्याणपुर पुलिस ने मामले में परीक्षार्थी अनीस कुमार और पकड़े गए सॉल्वर रंजीत कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करके अरेस्ट कर लिया। रंजीत ने बताया कि 3 लाख रुपए में पास कराने का ठेका लिया था। एक गिरोह है जिसने उसे ठेका दिया था। केस-3 कल्याणपुर में तैयारी कर रहा छात्र भी सॉल्वर निकला बर्रा स्थित सरदार पटेल इंटर कॉलेज में हाईकोर्ट की परीक्षा देने आया संदिग्ध बायोमीट्रिक मिलान न होने पर पकड़ लिया दिया। एसीपी मंजय सिंह के मुताबिक कन्नौज के छिबरामऊ का अभय प्रताप सिंह कॉलेज में आयोजित परीक्षा की द्वितीय पाली में शामिल होने आया था। बायोमीट्रिक मिलान न होने पर प्रबंधन ने अभय को रोक पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। एक टीम परिचय पत्र में लिखे उसके पते के लिए रवाना की गई है। युवक ने पूछताछ में बताया कि वह कल्याणपुर में रहकर परीक्षा की तैयारी करता था, हालांकि जो पता बताया है, वहां भी ताला लगा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके अभय को अरेस्ट कर लिया है।

Jan 6, 2025 - 07:30
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कानपुर में ठेके पर परीक्षा देने आए तीन सॉल्वर अरेस्ट:लाखों रुपए लेकर हाईकोर्ट के स्टेनोग्राफर और सिविल कोर्ट स्टाफ एग्जाम में दे रहे थे दूसरे की परीक्षा
कानपुर में रविवार को हुई हाईकोर्ट के स्टेनोग्राफर और सिविल कोर्ट स्टाफ समूह घ की परीक्षा में तीन

कानपुर में ठेके पर परीक्षा देने आए तीन सॉल्वर अरेस्ट

कानपुर की एक विशेष मामले में, हाल ही में तीन सॉल्वर को गिरफ्तार किया गया है जिन पर आरोप है कि वे लाखों रुपए लेकर हाईकोर्ट के स्टेनोग्राफर और सिविल कोर्ट स्टाफ एग्जाम में दूसरे की परीक्षा दे रहे थे। यह मामला कानपुर की अदालतों में सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गया है और इसकी गहरी पड़ताल की जा रही है।

परीक्षा में धांधली का खुलासा

पुलिस के अनुसार, ये सॉल्वर परीक्षा में अनुशासन और ईमानदारी के सभी मानकों का उल्लंघन कर रहे थे। कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आरोपियों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर रहे थे। ये लोग इस धांधली के माध्यम से अवैध तरीके से अंक प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे।

साक्ष्य और बयान

अधिकारियों ने सॉल्वर के पास से कई दस्तावेज और उपकरण बरामद किए हैं, जो उनके अपराध को साबित करते हैं। पुलिस का कहना है कि ये सॉल्वर लंबे समय से इस तरह की गतिविधियों में लिप्त थे। इसके अतिरिक्त, एक साक्षी ने बताया कि ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जो शिक्षा प्रणाली के प्रति चिंता का विषय है।

सम اجتماعی प्रभाव

इस घटना ने कानपुर में परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न उठाया है। शिक्षा के इस क्षेत्र में ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए नई नीतियों और उपायों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

यह घटना केवल कानपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में परीक्षा की धांधली के बढ़ते मामलों का संकेत देती है। इसके अलावा, कानपुर लोकल और हाईकोर्ट की इमेज भी इस मामले से प्रभावित हुई है।

उम्मीद और भविष्य के कदम

पुलिस ने दावा किया है कि इस तरह की घटनाओं पर नजर रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्हें उम्मीद है कि इस मामले को सुचारु रूप से चलाने से अन्य धांधलियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

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