कानपुर में लेखपालों ने समाधान दिवस का बहिष्कार किया:बोले- एंटी करप्शन टीम उनको टारगेट कर परेशान कर रही है, SDM को सौंपा ज्ञापन
कानपुर के नरवल तहसील में शनिवार को एडीएम एलआर रिंकी जायसवाल के नेतृत्व में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। प्रादेशिक लेखपाल संघ के निर्देश पर नरवल तहसील के लेखपालों ने तहसील दिवस का बहिष्कार कर नारेबाजी की। लेखपालों का कहना है कि इस समय एंटी करप्शन टीम पूरे प्रदेश के लेखपालों को टारगेट कर परेशान कर रही है। यह सब भूमाफियाओं के इशारे पर हो रहा है। लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि असंतुष्ट व्यक्ति एंटी करप्शन कार्यालय में एक सामान्य शिकायत करता है इसके बाद एंटी करप्शन टीम शिकायतकर्ता को उकसाकर स्वयं बोल-बोल कर शिकायती प्रार्थना पत्र लिखवाते हैं और फिर ट्रैपिंग का जाल बिछाकर शिकायतकर्ता को लेखपाल से मिलने के लिए कहते है, जिसके बाद शिकायतकर्ता लेखपाल से मिलता है और लेखपाल की जेब में या हाथ में या वाहन में या कार्यालय कक्ष में पैसा रख देता है। जिसके बाद एंटी करप्शन टीम लेखपाल को जबरन गिरफ्तार कर लेते है। इसके बाद हाथ में पैसे रखवाकर या हाथ में पाउडर लगाकर फिर पाउडर लगे हाथ से लेखपाल का हाथ पकड़ कर पानी के गिलास में धुलवा कर फर्जी तरीके गिरफ्तार कर लेते हैं। इस दौरान लेखपालों ने एसडीएम कार्यालय पहुंच कर उपजिलाधिकारी नरवल ऋषभ वर्मा को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

कानपुर में लेखपालों ने समाधान दिवस का बहिष्कार किया
कानपुर की खबरें इस समय पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लेखपालों ने हाल ही में समाधान दिवस का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह कदम तब उठाया गया जब उन्होंने एंटी करप्शन टीम द्वारा उत्पीड़न के आरोप लगाए। लेखपालों का कहना है कि उन्हें बिना कारण के टारगेट किया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता पर भी असर पड़ रहा है।
लेखपालों की चिंताएं और कारण
समाधान दिवस के बहिष्कार का यह निर्णय लेखपालों की बढ़ती चिंताओं का परिणाम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एंटी करप्शन टीम का उत्पीड़न उनके कार्य के माहौल को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। लेखपालों ने इस मुद्दे से संबंधित एक ज्ञापन एसडीएम को भी सौंपा, जिसमें अपनी समस्याओं और चिंताओं को विस्तृत रूप से रखा गया है।
समाधान दिवस का महत्व
समाधान दिवस का आयोजन आम जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों के समक्ष पेश करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, जब अधिकारी ही अपने काम को लेकर चिंतित हो जाएं, तो इसका असर लोक सेवा पर भी पड़ता है। लेखपालों का यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकारी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
लेखपालों के इस कदम को लेकर जिले में चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्या उनकी मांगें सुनी जाएंगी, या यह सिर्फ एक और विवाद बनकर रह जाएगा?
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समापन टिप्पणी
कानपुर में लेखपालों का यह कदम निश्चित रूप से ध्यान देने योग्य है। यह केवल उनके अधिकारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि यह सरकारी तंत्र में सुधार की भी मांग करता है। भविष्य में इस मामले की निपटान प्रक्रिया में क्या निर्णय लिए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। Keywords: कानपुर समाधान दिवस बहिष्कार, लेखपालों एंटी करप्शन टीम, समाधान दिवस कानपुर, लेखपाल ज्ञापन एसडीएम, कानपुर में सरकारी समस्या, लेखपालों की परेशानियां, कानपुर खबरें, सरकारी तंत्र में सुधार, लेखपालों का विरोध
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