वाराणसी में श्रृंगारगौरी-ज्ञानवापी के 7 केस की सुनवाई आज:तहखाने की मरम्मत-मूलवाद को मर्ज करने की दलील, 11 महीने से टल रही सुनवाई

वाराणसी कोर्ट में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामलों की सुनवाई शनिवार दोपहर जिला जज संजीव पांडे की अदालत में होगी। पूर्व जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश के रिटायर होने के बाद इन सभी केसों की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी, कई प्रार्थनापत्र आए जिस पर कोई बड़ा फैसला नहीं हो सका। जिला जज के चार्ज लेने के बाद तमाम दुश्वारियों के बीच जज संजीव पांडे भी किसी केस के जजमेंट तक नहीं पहुंच सके। हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने के बाद अब फैसले के बाद अग्रिम कार्रवाई को रफ्तार मिलेगी। वकील ने जिला जज की अदालत में लंबित शृंगार गौरी और इसके साथ संबद्ध छह अन्य मुकदमे हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की अपील दायर की है। वकीलों ने ज्ञानवापी सर्वे में मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल नहीं करने पर भी सवाल उठाए और कोर्ट से आपत्ति नहीं मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की मांग की। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण व हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर 1991 में दाखिल मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने पहले ही जिला जज की अदालत में चल रहे ज्ञानवापी के मुकदमों की सुनवाई हाई कोर्ट में कराने का निवेदन करते हुए याचिका भी सुनी जाएगी। बता दें कि पिछली तारीख में हिन्दू पक्ष के वकीलों ने मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन, तहखाने की मरम्मत और मुस्लिम नमाजियों को तहखाने की छत पर रोकने समेत प्रमुख मांगों पर दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दीं थी। कोर्ट में अभियोजन ने दलील दी गई थी कि ज्ञानवापी प्रकरण के सभी मुकदमों को समेकित (क्लब) करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है। इसलिए कोई फैसला लेने से पहले SC के जजमेंट को संज्ञान में लेना चाहिए। इसके बाद जज ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तारीख तय कर दी थी। ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित पूजा-पाठ की अनुमति देने को लेकर जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में लंबित मुकदमे की सुनवाई शनिवार यानि आज संभव है। ज्ञानवापी हिंदुओं को सौंपने, वहां मिले शिवलिंग की पूजा-पाठ की अनुमति देने और इसमें बाधा डालने वालों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से किरण सिंह एवं अन्य द्वारा दाखिल मुकदमा भी सुना जाएगा। मुकदमे के वादी की ओर से कहा गया कि मूलवाद और उसके खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई जिला जज की अदालत में एक साथ नहीं हो सकती। इसलिए मूलवाद को संबंधित न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए अथवा पुनरीक्षण याचिका निरस्त कर दी जाए। उन्होंने इस संबंध में हाई कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका भी प्रस्तुत की। मूल वाद को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना था। इस फैसले के खिलाफ अंजुमन ने जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है। अदालत में दोनों मामलों की सुनवाई के दौरान आज हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार अपना पक्ष रखेंगे। हिन्दू पक्ष करवाना चाहता है तहखाने की मरम्मत जिला जज की कोर्ट में ज्ञानवापी तहखाने की मरम्मत और बंद तहखानों के सर्वेक्षण की राखी सिंह और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की याचिका भी चर्चा में रहेगी। हिन्दू पक्ष के वकील ने कोर्ट से दक्षिणी-तहखाने में चल रही पूजा वाले तलगृह के जर्जर छत व बीम के मरम्मत की अनुमति मांगी है। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कोर्ट के माध्यम से अनुरोध किया गया कि खंभे और छत की मरम्मत कराई जाए ताकि तहखाने में कोई दुर्घटना या अनहोनी न हो। हालांकि, सुनवाई पर मुस्लिम पक्ष ने मरम्मत पर आपत्ति जाहिर की, दोनों पक्ष के वकीलों में बहस हो चुकी है। बंद तहखानों का सर्वे और मरम्मत की याचिकाएं दायर याचिका में ज्ञानवापी परिसर में बंद तहखानों के एएसआई सर्वे के लिए भी कहा गया है। दावा किया गया कि ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिण की ओर एस-1 और उत्तर की ओर एन-1 सहित अन्य तहखानों को एएसआई के प्रारंभिक सर्वेक्षण के तहत कवर नहीं किया जा सका, क्योंकि वे पत्थर से बंद हैं। राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने कोर्ट में ज्ञानवापी में बंद तहखानों के सर्वे को जरूरी बताया है। उनकी दलील है कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने के लिए ASI के लिए बंद तहखानों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले साल ज्ञानवापी से संबंधित दो मामलों में पारित आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एएसआई सर्वेक्षण को रेखांकित किया था।

Jan 4, 2025 - 07:25
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वाराणसी में श्रृंगारगौरी-ज्ञानवापी के 7 केस की सुनवाई आज:तहखाने की मरम्मत-मूलवाद को मर्ज करने की दलील, 11 महीने से टल रही सुनवाई
वाराणसी कोर्ट में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामलों की सुनवाई शनिवार दोपहर जिला जज

वाराणसी में श्रृंगारगौरी-ज्ञानवापी के 7 केस की सुनवाई आज

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सुनवाई का महत्व

वाराणसी में श्रृंगारगौरी और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े 7 मामलों की सुनवाई आज बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले 11 महीनों से इन केसों की सुनवाई टलती आ रही है, जिससे स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है। अदालत में प्रस्तुत की जाने वाली दलीलें केवल कानूनी निर्णय नहीं बल्कि सामाजिक और धार्मिक धारणाओं को भी प्रभावित करेंगी।

तहखाने की मरम्मत का मुद्दा

इन मामलों में एक प्रमुख मुद्दा तहखाने की मरम्मत का है। इससे जुड़े कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह मरम्मत न्याय के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा, यह भी चर्चा का विषय है कि इस मरम्मत का उद्देश्य क्या है और इसके पीछे की मंशा क्या है। अदालत में इस पर विस्तृत जानकारियाँ दी जाएंगी।

मूलवाद को मर्ज करने की दलील

सुनवाई के दौरान कुल 7 केसों में एक मामला मूलवाद को मर्ज करने की दलील पर भी निर्भर करता है। यह देखने की बात होगी कि न्यायालय इन दलीलों को कैसे स्वीकार करता है और क्या यह धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा।

आने वाली चुनौतियाँ

इस सुनवाई के दौरान कई चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं, जहाँ धार्मिक भावनाओं और कानूनी दायरों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक होगा। कानूनी विशेषज्ञ और धार्मिक नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग राय रख सकते हैं, जिसे अदालत को ध्यान में रखना होगा।

इस संदर्भ में, समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और समझदारी बनी रहनी चाहिए, जिससे कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले अंतर्विरोधों को हल किया जा सके।

अंत में, वाराणसी में आज होने वाली सुनवाई न केवल कानूनी दृष्टिकोन से महत्वपूर्ण है बल्कि यह सामाजिक और धार्मिक संबंधों पर भी गहरा असर डालेगी। आगे की स्थिति जानने के लिए दैनिक समाचारों पर नजर बनाए रखें।

समापन

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