किन्नौर की करच्छम झील में जल क्रीड़ा की तैयारी:15 सदस्यीय समिति का गठन, उपायुक्त होंगे अध्यक्ष, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
हिमाचल प्रदेश सरकार ने किन्नौर जिले में स्थित करच्छम कृत्रिम झील को जल क्रीड़ा गतिविधियों के लिए चिह्नित किया है। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए उपायुक्त किन्नौर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। सहायक अरण्य पाल वन को सदस्य सचिव नियुक्त बैठक में करच्छम झील पर्यटन विकास समिति के तहत 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति की संरचना में उपायुक्त किन्नौर को अध्यक्ष, उप मंडलाधिकारी कल्पा को उपाध्यक्ष और सहायक अरण्य पाल वन को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलने की उम्मीद उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि जल्द ही कोल्ड टेंडर प्रक्रिया पूरी कर जल क्रीड़ा गतिविधियों की शुरुआत की जाएगी। यह पहल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। करच्छम झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों की शुरुआत से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।

किन्नौर की करच्छम झील में जल क्रीड़ा की तैयारी: 15 सदस्यीय समिति का गठन, उपायुक्त होंगे अध्यक्ष, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
किन्नौर की करच्छम झील में जल क्रीड़ा को बढ़ावा देने के लिए एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह कदम स्थानीय पर्यटन और जल क्रीड़ा विकास को प्रेरित करेगा। उपायुक्त को समिति का अध्यक्ष बनाया जाएगा, जो इस प्रोजेक्ट की निगरानी करेंगे।
जल क्रीड़ा का महत्व
जल क्रीड़ा न केवल मनोरंजन का एक साधन है, बल्कि यह स्थानीय आर्थिक विकास में भी योगदान देता है। किन्नौर की करच्छम झील जैसे खूबसूरत स्थलों की जलीय गतिविधियों से पर्यटक संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावनाएं हैं। यह स्थल अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और साहसी गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
समिति का गठन
इस 15 सदस्यीय समिति का गठन स्थानीय अधिकारियों, पर्यटन व्यवसायियों और विशेषज्ञों से मिलकर किया गया है। इसकी जिम्मेदारी जल क्रीड़ा की योजना, आयोजन और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना होगा। समिति का उद्देश्य सफाई, संरक्षण और बुनियादी ढांचे में सुधार करना भी है।
उम्मीदें और लाभ
इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और पर्यटन में वृद्धि होगी। अंततः, किन्नौर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचेगा। जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियों का आयोजन गाँव के छोटे व्यवसायों के लिए भी लाभकारी होगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रस्तावित जल क्रीड़ा गतिविधियाँ पर्यटकों को आकर्षित करने में सहायक होंगी और इस क्षेत्र में पर्यटन को एक नई पहचान देंगी। इससे स्थानीय संस्कृति और परंपरा के प्रचार-प्रसार में भी मदद मिलेगी।
यह सब देखते हुए, उम्मीद की जा सकती है कि करच्छम झील जल क्रीड़ा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा। इसके साथ ही, प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक गतिविधियों का आनंद उठाने के लिए पर्यटक यहाँ अवश्य आएंगे।
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