किन्नौर में आदिवासी समुदायों को मिलेगा आर्थिक सहारा:11 पंचायतों में चलेगा ग्रामीण आजीविका मिशन, शुरू हुई मूल्य श्रृंखला विकास परियोजना
हिमाचल के किन्नौर जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। एचडीएफसी बैंक के सहयोग से उपयुक्त प्रौद्योगिकी भारत (एटी इंडिया) ने आदिवासी समुदायों के लिए एक विशेष परियोजना शुरू की है। उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने इस परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना विविधीकरण और मूल्य श्रृंखला विकास पर आधारित है। इसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर पैदा करना है। डॉ. शर्मा के अनुसार, यह योजना किन्नौर के किसानों और बागवानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी। योजना में किन्नौर की 11 पंचायतें शामिल एटी इंडिया के कार्यकारी निदेशक संजय बिष्ट ने बताया कि इस योजना में किन्नौर की 11 पंचायतों को शामिल किया गया है। यह परियोजना विशेष रूप से मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इससे स्थानीय उत्पादकों को बेहतर बाजार मिलेगा और खासकर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा। ग्रामीण समुदायों का समग्र विकास उद्देश्य एटी इंडिया की यह पहल पहले से ही हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में सफलतापूर्वक चल रही है। संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, ग्रामीण उद्योग और स्वच्छ ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों का समग्र विकास करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।

किन्नौर में आदिवासी समुदायों को मिलेगा आर्थिक सहारा
News by indiatwoday.com
ग्रामीण आजीविका मिशन का महत्व
किन्नौर जिले में आदिवासी समुदायों के लिए एक नई व्यवस्था के तहत, 11 पंचायतों में ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरुआत की गई है। यह मिशन स्थानीय समुदायों को आर्थिक सहारा प्रदान करने का उद्देश्य रखता है। यह पहल उन परिवारों को राहत पहुंचाएगी जो पारंपरिक रोजगार से दूर हैं और जिनके पास आय के सीमित स्रोत हैं।
मूल्य श्रृंखला विकास परियोजना
इस परियोजना के तहत, समुदायों को उनकी स्थानीय फसलों और उत्पादों की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह योजना उन उत्पादकों को सशक्त बनाएगी, जो अपने उत्पादों को बाजार में बेहतर मूल्य पर बेचना चाहते हैं। परियोजना का उद्देश्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है और स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग करना है।
आर्थिक विकास के अवसर
इस मिशन के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय समुदाय को अपनी उत्पादकता को बढ़ाने का मौका मिलेगा। इससे न केवल समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि इससे सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की इस पहल से स्थानीय स्तर पर भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
समुदाय की भागीदारी
यह आवश्यक है कि आदिवासी समुदाय इस मिशन को सफल बनाने के लिए सक्रिय रूप से भाग लें। उनकी भागीदारी और सहयोग से ही इस योजना का सही फायदा उठाया जा सकेगा। इसके अलावा, स्थानीय संगठनों और सरकारी एजेंसियों का सहयोग भी बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष
किन्नौर में आदिवासी समुदायों को आर्थिक सहारा देने की यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन में सुधार होगा, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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