कुंभ में भव्य प्रवेश द्वार बने आकर्षण का केंद्र:शिवलिंग, त्रिशूल और एयरोप्लेन डिजाइन से सजे गेट, देशभर के कलाकारों ने दी कलात्मक छटा

महाकुंभ मेले में इस बार अखाड़ा क्षेत्र की भव्यता देखते ही बन रही है। विभिन्न अखाड़ों और धार्मिक संस्थाओं के शिविरों में बने कलात्मक प्रवेश द्वार आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महाकुंभ को और अधिक दिव्य-भव्य बनाने के संकल्प को साकार करते हुए, अखाड़ों ने अपने शिविरों को अनूठे ढंग से सजाया है। झूंसी क्षेत्र में स्थित शिविरों के प्रवेश द्वार विभिन्न थीम पर आधारित हैं। कहीं एयरोप्लेन की डिजाइन दिखाई देती है, तो कहीं शिवलिंग, त्रिशूल और मुकुट के आकार में बनाए गए द्वार श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। इन कलात्मक द्वारों को बनाने में कोलकाता, वाराणसी और दक्षिण भारत के कुशल कारीगरों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। प्रत्येक प्रवेश द्वार को तैयार करने में 10 से 15 दिनों का समय लगा है और इन पर लाखों रुपए का खर्च आया है। ये द्वार केवल सौंदर्य ही नहीं बढ़ा रहे, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शक का काम भी कर रहे हैं। अखाड़ा, खाक चौक, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा और प्रयागवाल समेत सभी संस्थाओं के शिविरों की पहचान इन विशिष्ट प्रवेश द्वारों से की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में आसानी हो रही है। खबर से जुड़ी देखें तस्वीरें...

Jan 12, 2025 - 08:20
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कुंभ में भव्य प्रवेश द्वार बने आकर्षण का केंद्र:शिवलिंग, त्रिशूल और एयरोप्लेन डिजाइन से सजे गेट, देशभर के कलाकारों ने दी कलात्मक छटा
महाकुंभ मेले में इस बार अखाड़ा क्षेत्र की भव्यता देखते ही बन रही है। विभिन्न अखाड़ों और धार्मिक स

कुंभ में भव्य प्रवेश द्वार बने आकर्षण का केंद्र

कुंभ मेले में इस वर्ष भव्य प्रवेश द्वार ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। ये एतिहासिक और धार्मिक आयोजन अपनी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है, और इस बार इसका प्रवेश द्वार कुछ अनोखा और भव्य है। प्रवेश द्वार पर बने शिवलिंग, त्रिशूल, और एयरोप्लेन डिजाइन ने इसे और भी खास बना दिया है। देशभर के कलाकारों ने इसे सजीवता और कलात्मकता का प्रतीक बना दिया है।

शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण

इस वर्ष के कुंभ में, विभिन्न राज्यों के कुशल कारीगरों ने मिलकर शानदार प्रवेश द्वार बनाया है। शिवलिंग और त्रिशूल जैसे धार्मिक प्रतीक इसे न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं, बल्कि इसकी कला और डिज़ाइन भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

एयरोप्लेन डिजाइन की विशेषता

प्रवेश द्वार पर एयरोप्लेन डिजाइन इस बात का प्रतीक है कि भारत की कला और संस्कृति कितनी आधुनिकता को अपनाने की क्षमता रखती है। यह लोगो को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है और भारतीय संस्कृति में आधुनिकता को मिश्रित करता है।

अनेक कलाकारों का योगदान

इस अद्भुत पुनीत कार्य में हिस्सा लेने वाले देशभर के कलाकारों ने अद्वितीय तकनीक और रचनात्मकता का परिचय दिया है। उनका यह प्रयास दर्शाता है कि कला किसी भी रूप में हो, वह लोगों के दिलों में हमेशा स्थान रखती है।

कुंभ मेले में इस प्रकार के आयोजनों का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है। यह भारतीय संस्कृति का एक अद्भुत उदाहरण है, जो विभिन्न कलाओं को एक मंच पर लेकर आता है।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि कुंभ में बने ये भव्य प्रवेश द्वार न केवल आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि भारतीय कला और संस्कृति का गर्व भी हैं। ऐसे आयोजनों का महत्व इस बात का प्रमाण है कि हम अपनी परंपराओं को संजोते हुए आधुनिकता को भी अपनाते हैं।

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