कैबिनेट मंत्री बोले– खादी एक वस्त्र नहीं विचार है:3.99 लाख लोगों को खादी ने दिया रोजगार, मंडलस्तरीय प्रदर्शनी का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, कानपुर की ओर से मोतीझील लॉन में आज से मंडलस्तरीय 15 दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि खादी व ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान व सांसद रमेश अवस्थी ने किया। राकेश सचान ने कहा कि खादी एक वस्त्र नहीं विचार है। 2017 से 2024 तक 3.99 लाख लोगों को खादी के द्वारा रोजगार दिया गया। खादी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के प्रयास किया जा रहे हैं, सरकार द्वारा 15 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। मोतीझील लॉन में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से हैंडमेड व खादी ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए 130 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसका आज शुभारंभ किया गया। कैबिनेट मंत्री व सांसद ने सभी स्टॉलों का निरीक्षण कर खादी व हैंडमेड उत्पादों को परखा। मंत्री राकेश सचान ने कहा कि सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना चला कर निशुल्क चरखे उपलब्ध करा रही है। खादी बोर्ड द्वारा दोना–पत्तल, पॉपकॉर्न मशीन खादी संस्थाओं को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण दिलाया जा रहा। महात्मा गांधी ने 100 साल पहले बंगाल में देशवासियों से खादी के वस्त्रों को अपनाने और विदेशी कपड़ों की होली जलाने की अपील की थी। उस समय पर्याप्त संचार के माध्यम न होने के बावजूद लोगों ने उनकी आवाज सुनी और कुछ दिनों में विदेशी कपड़े जो हिंदुस्तान में कब्जा किए थे, उसे खत्म करने का काम किया। यूपी सरकार दे रही खादी को प्रोत्साहन खादी एक ऐसा वस्त्र है, जो बहुत सारे लोगों को रोजगार देता है। खादी को प्रोत्साहन देने के लिए योगी सरकार ने खादी नीति बनाकर लोगों को रोजगार दे रहे हैं। माटी कला बोर्ड के गठन के बाद आज यूपी में मिट्टी के बर्तनों का चलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से 130 स्टाल लगाए गए हैं। छोटे स्तर के व्यापारियों के प्रचार प्रसार के लिए प्रदेश सरकार की ओर से मंडल स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री रोजगार योजना 50 लाख तक का लोन दिया जा रहा है, जिसमें शहरी क्षेत्र में उद्योग लगाने पर 15 से 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। यह लोग रहे शामिल वहीं ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगाने पर 25 से 35 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है। मुख्यमंत्री ग्राम उद्योग रोजगार योजना में 10 लाख तक के लोन दिए जाते है। इस मौके पर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, सुबोध अग्रवाल, विवेक शुक्ला, अशोक मिश्रा, संजय श्रीवास्तव, निजामुद्दीन, अजय राज द्विवेदी, बालकृष्णन देवड़ा, योगेंद्र पाल, अशोक कुशवाहा मौजूद रहे।

Jan 16, 2025 - 17:15
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कैबिनेट मंत्री बोले– खादी एक वस्त्र नहीं विचार है:3.99 लाख लोगों को खादी ने दिया रोजगार, मंडलस्तरीय प्रदर्शनी का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, कानपुर की ओर से मोतीझील लॉन में आज से मंडलस्तरीय 15 दिवसी

कैबिनेट मंत्री बोले– खादी एक वस्त्र नहीं विचार है: 3.99 लाख लोगों को खादी ने दिया रोजगार

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खादी: एक विचार और रोजगार का स्रोत

भारतीय संस्कृति में खादी का एक विशिष्ट स्थान है। हाल ही में, कैबिनेट मंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि खादी केवल एक वस्त्र नहीं है, बल्कि यह एक विचार और समाज के उत्थान का प्रतीक है। इस संदेश को और मजबूती से रखने के लिए, उन्होंने 3.99 लाख लोगों को खादी उद्योग के माध्यम से रोजगार देने की उपलब्धि को साझा किया।

मंडलस्तरीय प्रदर्शनी का शुभारंभ

इस अवसर पर मंडलस्तरीय प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया गया, जो खादी के महत्व को बढ़ावा देने हेतु आयोजित की गई। प्रदर्शनी में खादी के विभिन्न उत्पादों को दर्शाया गया, जिससे लोगों को खादी के प्रति जागरूक किया जा सके। यह प्रदर्शनी स्थानीय कारीगरों और उनके शिल्प कौशल को भी प्रदर्शित करती है।

खादी का विकास और रोजगार

सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों के माध्यम से खादी उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है। खादी के उत्पादन में न केवल रोजगार सृजन होता है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है। इससे न केवल सामाजिक विकास होता है, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ मिलता है।

भविष्य की योजनाएं

कैबिनेट मंत्री ने यह भी बताया कि आगामी समय में खादी उद्योग को और विस्तार दिया जाएगा। योजना है कि और अधिक लोगों को खादी से जोड़ा जाए और इसके उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। इस प्रयास के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी को खादी के बारे में जानकारी हो सके और वे इस उद्योग में शामिल हो सकें।

निष्कर्ष

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि खादी केवल एक कपड़ा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खादी के माध्यम से न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखता है।

खादी के महत्व को समझते हुए, आइए हम सभी इस विचार को अपनाएं और खादी के उत्पादन को बढ़ावा देकर समाज को सशक्त बनाएं।

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