कोर्ट के आदेश पर पति-पत्नी समेत 4 पर FIR:प्रयागराज में स्कूल की जमीन कब्जा करने एवं फर्जी दस्तावेज तैयार करने का है मामला
प्रयागराज के कीडगंज थाने में इलाहाबाद इंडियन गल्र्स एजुकेशनल सोसाइटी एवं उस परिसर में संचालित इंडियन गर्ल्स इंटर कॉलेज की जमीन को कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह मुकदमा न्यायालय के आदेश पर मंगलवार की देर रात दर्ज किया गया। पुलिस उपायुक्त नगर अभिषेक भारती ने बताया कि एक स्कूल की कीमती जमीन पर कब्जा करने एवं जान से मारने की धमकी का मुकदमा न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया है। यह मुकदमा प्रयागराज के कीडगंज निवासी स्नेह लता मुखर्जी पत्नी सहदेव मुखर्जी की तहरीर पर जार्जटाउन थाना क्षेत्र के किदवई नगर अल्लापुर निवासी वंदना तिवारी पत्नी केश कुमार और उनके पति केश कुमार पुत्र शिव औतार तिवारी एवं दो अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जानिए, तहरीर में क्या है आरोप स्नेह लता मुखर्जी ने आरोप लगाया है कि वंदना तिवारी व उसका पति केश कुमार तिवारी एवं दो अज्ञात लोगों ने इलाहाबाद इंडियन गर्ल्स एजुकेशनल सोसाइटी तथा उस पर बने इंडियन गर्ल्स इंटर कॉलेज 49 विवेकानंद मार्ग की कीमती जमीन पर कब्जा करने की नीयत से वादिनी का फर्जी हस्ताक्षर करके कूटरचित दस्तावेज तैयार किया। 10 सितंबर 2024 को सोसाइटी एंड चिट्स मेहदौरी कालोनी तेलियरगंज स्थित कार्यालय में दस्तावेज देकर अनुमोदन कराने के लिए जमा कर दिया। इसकी तहरीर दी गई थी लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। हालांकि न्यायालय के आदेश पर चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।

कोर्ट के आदेश पर पति-पत्नी समेत 4 पर FIR:प्रयागराज में स्कूल की जमीन कब्जा करने एवं फर्जी दस्तावेज तैयार करने का है मामला
प्रयागराज में हाल ही में एक विवाद ने नाटकीय मोड़ ले लिया है, जब स्थानीय कोर्ट के आदेश पर पति-पत्नी सहित चार व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला मुख्य रूप से एक स्कूल की जमीन पर कब्जा करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने से संबंधित है। यह स्थिति न केवल स्थानीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कानून की दृष्टि से भी इसे गंभीर माना जा रहा है।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण
मामला तब शुरू हुआ जब स्कूल प्रशासन ने पाया कि कुछ लोग बिना अनुमति के उनकी संपत्ति पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे थे। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल की ओर से कानूनी कार्रवाई की गई। कोर्ट ने आवश्यक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
कानूनी कार्यवाही का महत्व
यह फैसला इस बात को दर्शाता है कि न्यायिक प्रणाली कितनी प्रभावी हो सकती है जब किसी की संपत्ति का उल्लंघन किया जाता है। स्कूल की जमीन पर कब्जा करना न केवल अवैध है, बल्कि यह शिक्षा के अधिकारों में भी हस्तक्षेप करता है। यहां पर एफआईआर दर्ज होने से यह उम्मीद की जा सकती है कि न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा दी जाएगी।
समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस घटना की निंदा की है और इसे शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता की कमी के रूप में देखा है। कई लोगों ने कहा कि यदि इस प्रकार की घटनाएँ रोकी नहीं गईं, तो यह बच्चों की शिक्षा को प्रभावित कर सकती हैं। इस मुद्दे पर चर्चा करते समय समुदाय ने सामूहिक रूप से सुरक्षा और शिक्षा के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल कानून के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शिक्षा और समुदाय की सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण सबक प्रस्तुत करता है। कोर्ट के आदेश के बाद से, सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि आगे क्या होगा। सभी को उम्मीद है कि न्याय का राज होगा और ऐसी अवैध गतिविधियों का अंत होगा।
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