कोहरे की आड़ में तेजी से हो रहा अवैध खनन:माफिया ओवरलोड ट्रॉलियों में मिट्टी भरकर ले जा रहे

पीलीभीत जिले के बिलसंडा ब्लॉक क्षेत्र में अवैध खनन माफिया बेलगाम हो गया है। ब्लॉक मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर स्थित पसगवां गांव में मिट्टी का अवैध खनन चरम पर पहुंच गया है। खनन माफिया घने कोहरे का फायदा उठाकर ओवरलोड ट्रॉलियों में मिट्टी भरकर परिवहन कर रहे हैं। जो आम लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। अवैध खनन की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से चल रहे इस अवैध कारोबार से राजस्व विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। अधिकारी कार्रवाई करने की बजाय उच्च अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। जिससे अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। ग्रामीणों की चिंता और भी बढ़ गई है क्योंकि महज पांच दिन पहले विधायक निधि से बने नए सीसी मार्ग पर भी ओवरलोड ट्रॉलियां तेज गति से दौड़ रही हैं। इससे न केवल नवनिर्मित सड़क के क्षतिग्रस्त होने का खतरा है। बल्कि कोहरे के मौसम में बड़ी दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन की चुप्पी से खनन माफिया का हौसला और बुलंद हो रहा है। जिससे क्षेत्र में अवैध खनन की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।

Jan 14, 2025 - 13:30
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कोहरे की आड़ में तेजी से हो रहा अवैध खनन:माफिया ओवरलोड ट्रॉलियों में मिट्टी भरकर ले जा रहे
पीलीभीत जिले के बिलसंडा ब्लॉक क्षेत्र में अवैध खनन माफिया बेलगाम हो गया है। ब्लॉक मुख्यालय से 12 क

कोहरे की आड़ में तेजी से हो रहा अवैध खनन: माफिया ओवरलोड ट्रॉलियों में मिट्टी भरकर ले जा रहे

न्यूज by indiatwoday.com

अवैध खनन का बढ़ता खतरा

हाल ही में, देश के कई हिस्सों में कोहरे के बढ़ने के साथ, अवैध खनन की गतिविधियों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। माफिया गिरोह अब ओवरलोड ट्रॉलियों का इस्तेमाल कर मिट्टी को तेजी से ले जाने में लगे हैं। यह समस्या न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रही है बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है। कोहरे की आड़ में ये गतिविधियाँ अधिकतर छिपी हुई रहती हैं, जिससे पुलिस और संबंधित एजेंसियों के लिए इन्हें पहचानना मुश्किल होता है।

सरकारी निगरानी की कमी

सरकारी एजेंसियों द्वारा अवैध खनन पर नियंत्रण रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन पोर्टल टी में कमजोर निगरानी और स्थानीय भ्रष्टाचार के कारण समस्या बढ़ती चली जा रही है। हालात इस कदर गंभीर हैं कि माफिया द्वारा रेत, बालू और मिट्टी को बिना किसी रोक-टोक के आसानी से बेचा जा रहा है।

स्थानीय लोगों की चिंता

स्थानीय लोगों को इस अवैध गतिविधि से न केवल जिन्दगी की दिक्कत हो रही है, बल्कि उनकी कृषि भूमि भी प्रभावित हो रही है। कई ग्रामीण अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि अगर यह स्थिति जारी रही, तो उनके व्यवसाय और स्वास्थ्य दोनों को खतरा हो सकता है।

क्या हैं संभावित समाधान?

समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए, यह आवश्यक है कि सरकार सख्ती से नियम लागू करे और स्थानीय पुलिस को क्रियाशील बनाए। इसके अलावा, साक्षरता और जागरूकता बढ़ाने के माध्यम से स्थानीय जनता को भी सशक्त करने की आवश्यकता है। तकनीकी समाधानों का उपयोग करते हुए, जैसे ड्रोन निगरानी, अवैध गतिविधियों पर नज़र रखना और भी आसान हो सकता है।

अंततः, कोहरे के दौरान चल रहे इस अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना urgent है, ताकि न केवल पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सुरक्षित रखा जा सके।

समापन विचार

इस मुद्दे का सामना करने के लिए सभी स्तरों पर एकजुट प्रयासों की आवश्यकता है। हम आशा करते हैं कि संबंधित प्राधिकृत एजेंसियाँ तेजी से कार्रवाई करेंगी और अवैध खनन के मामलों को प्राथमिकता देंगी।

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