कोहली ने दौरों पर परिवार के रहने की वकालत की:बोले- मुश्किल दौर से गुजर रहे खिलाड़ियों को संतुलित करने में अहम भूमिका होती है

विराट कोहली ने दौरों पर परिवारों की मौजूदगी की वकालत की है,उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें लगता है कि वे खिलाड़ियों के लिए संतुलन लाते हैं,जो मैदान पर मुश्किल दौर से गुजर रहे होते हैं। IPL 2025 से पहले RCB इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट के दौरान कठिन दौरों पर उनके परिवार की भूमिका के बारे में जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,'लोगों को यह समझाना बहुत मुश्किल है कि हर बार जब आपके पास कुछ ऐसा होता है जो बहुत मुश्किल होता है,जो बाहर होता है, तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना अच्छा होता है।' उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि लोग ये समझ पाते हैं कि बड़े पैमाने पर इसकी कीमत क्या है। ये बात मुझे काफी निराश करती है क्योंकि ऐसा लगता है कि जिन लोगों का हालात पर कोई काबू नहीं है, उन्हें जबरदस्ती बातचीत में घसीटा जाता है और कहा जाता है कि,'इन्हें दूर रखा जाना चाहिए। कोहली ने आगे कहा अगर आप किसी खिलाड़ी से पूछें कि क्या आप चाहते हैं कि आपका परिवार हर समय आपके आस-पास रहे? तो आप कहेंगे हां। मैं कमरे में जा कर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। मैं सामान्य होना चाहता हूं। फिर आप अपने खेल को सही मायने में जिम्मेदारी के रूप में देख सकते हैं। आप उस जिम्मेदारी को पूरा करते हैं और आप जीवन में वापस आते हैं। कोहली- परिवार के साथ रहता हूं तो वह खुशी का दिन होता है विराट ने कहा कि आपके जीवन में हर समय अलग - अलग परिस्थितियां हो सकती है। उससे निकल कर आप सामान्य होते हैं। अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हैं और फिर आप अपने घर वापस आते हैं, आप परिवार के साथ होते हैं और आपके घर में बिल्कुल सामान्यता होती है और सामान्य पारिवारिक जीवन चलता रहता है। इसलिए जब मैं परिवार के साथ रहता हूं, निश्चित रूप से मेरे लिए खुशी का दिन होता है। मैं जब भी संभव हो, अपने परिवार के साथ बाहर जाने और समय बिताने का कोई अवसर नहीं छोडूंगा। BGT दौरे में खराब प्रदर्शन के बाद BCCI ने खिलाड़ियों के लिए नए नियम बनाए दरअसल ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से हार के बाद BCCI ने खिलाड़ियों के लिए नए नियम बनाए। इसके तहत प्लेयर्स पूरे टूर के दौरान परिवार और पत्नियों के साथ सफर नहीं कर सकेंगे। खासतौर पर विदेशी दौरों पर यह नियम ज्यादा काम करेगा, ताकि खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर असर न पड़े। 45 दिन से ज्यादा के दौरे पर दो हफ्तों के बाद ही उनका परिवार उनके साथ शामिल हो सकते हैं और 14 दिनों से ज्यादा नहीं रह सकते हैं।छोटे दौरों पर, परिवार एक हफ्ते तक खिलाड़ियों के साथ रह सकते हैं। यदि किसी प्लेयर को फैमिली के साथ या अलग से यात्रा करनी है, तो हेड कोच और सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से अनुमति लेनी होगी। कोहली- पहले आक्रामकता मेरी समस्या थी, अब शांत रहना समस्या है विराट कोहली ने समिट में ग्राउंड और ग्राउंड के बाहर अपने शांत और आक्रामक व्यवहार को संतुलित करने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि लोगों को उनके दोनो पक्षों से समस्या थी। उन्होंने कहा कि हाल के सालों में ग्राउंड पर उनकी उनका व्यवहार अधिक शांत होने के बावजूद भी प्रतिस्पर्धा कम नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा पहले आक्रामकता मेरी एक समस्या थी, अब मेरी शांति एक समस्या है। ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता की क्या करना चाहिए। इसलिए मैं इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता। ग्राउंड पर अपना व्यवहार टीम के जीत के लिए विराट ने ग्राउंड पर अपने व्यवहार को लेकर भी जवाब दिए। उन्होंने कहा कि मैं ग्राउंड पर जो व्यवहार करता हूं। वह टीम के जीत के योगदान के लिए होता है। जब हम मुश्किल परिस्थिति में विकेट लेते हैं तो आप मेरे द्वारा मनाया जाने वाला जश्न देखते हैं। क्योंकि मैं ऐसा सोचता हूं, हां, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा होना चाहिए। और मैं इसे उसी तरह से प्रस्तुत करता हूं। वहीं बल्लेबाजी के दौरान टारगेट खेल को खत्म करना होता है। __________________________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें... कोहली बोले- रिटायरमेंट पर फैसला अभी नहीं:'ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद बहुत निराश था, लेकिन क्रिकेट से प्यार कम नहीं हुआ' विराट कोहली ने कहा कि वे फिलहाल रिटायरमेंट पर फैसला नहीं लेंगे। उन्हें अब भी क्रिकेट से प्यार से है, इसलिए गेम को एंजॉय कर रहे हैं। जब खेल को अलविदा कहने का समय होगा, तब कह देंगे। पूरी खबर

Mar 16, 2025 - 10:00
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कोहली ने दौरों पर परिवार के रहने की वकालत की:बोले- मुश्किल दौर से गुजर रहे खिलाड़ियों को संतुलित करने में अहम भूमिका होती है
विराट कोहली ने दौरों पर परिवारों की मौजूदगी की वकालत की है,उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें ल

कोहली ने दौरों पर परिवार के रहने की वकालत की

परिवार का महत्वपूर्ण योगदान

भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने हाल ही में tours के दौरान खिलाड़ियों के परिवारों की उपस्थिति की वकालत की है। उन्होंने बताया कि जब खिलाड़ी कठिन दौर से गुजर रहे होते हैं, तो परिवार का समर्थन और संतुलन बनाए रखना बेहद आवश्यक होता है। यह न केवल खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि प्रदर्शन को भी बेहतर बनाता है।

खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति

कोहली ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। लगातार खेल के दबाव, यात्रा की थकान और खेल के इंटरफ़ेस ने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रभावित किया है। इस प्रकार, परिवार का साथ खिलाड़ी की मानसिक स्थिति को मजबूती प्रदान करता है।

खिलाड़ी और परिवार का रिश्ता

खिलाड़ियों और उनके परिवारों के बीच के रिश्ते की प्रासंगिकता को मानते हुए, कोहली ने कहा कि यह संबंध निश्चित रूप से खिलाड़ियों को कठिन समय में भी संतुलित रहने में सहायता करता है। विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए जो लंबे अंतराल तक tours पर रहते हैं, परिवार का साथ उन्हें मानसिक मजबूती प्रदान करता है।

समर्थन के अन्य तरीके

इसके साथ ही, कोहली ने जोड़ा कि केवल परिवार का साथ ही नहीं, बल्कि खेल संगठनों को भी खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और सहायक होना चाहिए। खेल के क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि खिलाड़ियों को बेहतर समर्थन मिल सके।

अंत में, कोहली के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि परिवार और मानसिक स्वास्थ्य का खिलाड़ियों की सफलता में कितना बड़ा योगदान है। उनके अनुसार, ऐसा कदम उठाने से क्रिकेट और खेलों में खिलाड़ियों का प्रदर्शन न केवल बेहतर होगा, बल्कि उनकी व्यक्तिगत ज़िन्दगी में भी संतुलन आएगा।

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