गांजा तस्कर को 10 साल की जेल:1 लाख का लगाया जुर्माना, 2018 में एनडीपीएस एक्ट में दर्ज हुआ था मामला

पीलीभीत की विशेष एनडीपीएस अदालत ने सोमवार को मादक पदार्थों की तस्करी के एक गंभीर मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। न्यायालय ने आरोपी कुवरसेन गंगवार को 10 साल के कठोर कारावास की सजा के साथ 1 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। यह मामला 3 फरवरी 2018 का है, जब बीसलपुर थाना पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने विस्तृत जांच के बाद 4 अप्रैल 2018 को आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। दोषी कुवरसेन गंगवार बीसलपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टिकरी माफी का रहने वाला है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के 'ऑपरेशन कनविक्शन' अभियान का हिस्सा है। पीलीभीत पुलिस की मजबूत पैरवी और ठोस सबूतों के आधार पर न्यायालय ने 20 जनवरी 2025 को यह फैसला सुनाया। पुलिस अधीक्षक पीलीभीत के नेतृत्व में चल रहे अपराध नियंत्रण अभियान को इस मामले में बड़ी सफलता मिली है। यह फैसला मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है।

Jan 20, 2025 - 21:59
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गांजा तस्कर को 10 साल की जेल:1 लाख का लगाया जुर्माना, 2018 में एनडीपीएस एक्ट में दर्ज हुआ था मामला
पीलीभीत की विशेष एनडीपीएस अदालत ने सोमवार को मादक पदार्थों की तस्करी के एक गंभीर मामले में महत्व

गांजा तस्कर को 10 साल की जेल: 1 लाख का लगाया जुर्माना

गांजा तस्करी के एक मामले में एक व्यक्ति को 10 साल की कठोर सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने इसके साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 2018 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) के तहत दर्ज किया गया था। यह घटना ड्रग्स के प्रति की गई सख्त कार्रवाई का एक नया उदाहरण है।

मामले का पृष्ठभूमि

2018 में, पुलिस ने एक बड़े गहरे नेटवर्क का खुलासा किया था जिसमें गांजा तस्करों का एक समूह सक्रिय था। तस्करों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद, विशेष जांच दल ने गहन अनुसंधान किया, जिसके चलते कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी की पहचान की गई और उसे अदालत में पेश किया गया।

अदालत के फैसले की जानकारी

हाल ही में, न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि तस्करी के इस आरोपी को 10 साल की कठोर सजा दी जाती है। इसके साथ ही, 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला इस मामले में तस्करी और मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाता है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ड्रग्स के व्यापार में लिप्त रहना अवैध है और इसके खिलाफ कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा।

समाज पर प्रभाव

इस प्रकार के मामलों में सजा का असर समाज पर भी पड़ता है। इससे युवाओं और नई पीढ़ी को एक सकारात्मक संदेश मिलता है कि ड्रग्स के सेवन और तस्करी से दूर रहना ही बेहतर है। स्थानीय समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई संगठनों ने काम करना शुरू कर दिया है, ताकि युवा पीढ़ी को इस समस्या से बचाया जा सके।

इसके अलावा, समाज में सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका बढ़ी है। टास्क फोर्स और विशेष पुलिस यूनिट्स का गठन किया गया है ताकि गांजा तस्करी के मामलों में तेजी से कार्रवाई की जा सके।

समग्रतः, इस फैसले ने दिखाया है कि भारत में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई जारी है। यह न्यायालय का फैसला सभी नागरिकों के लिए एक चेतावनी है कि ड्रग्स से दूर रहना ही सही है।

News by indiatwoday.com

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