गाजियाबाद में किसानों का GDA पर प्रदर्शन:10 साल पुराने समझौते को लागू करने की मांग, वेव सिटी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
गाजियाबाद में किसानों और बिल्डरों के बीच का विवाद एक बार फिर गरमा गया है। मंगलवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के बाहर किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया। किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में किसानों ने वेव सिटी और सनसिटी बिल्डरों के खिलाफ नारेबाजी की। किसान संघर्ष समिति के आनंद गुर्जर के अनुसार, 2014 में वेव सिटी के साथ एक समझौता हुआ था, जिसमें GDA, प्रशासन और पुलिस भी मौजूद थे। इस समझौते में बिल्डरों ने किसानों की 14 सूत्रीय मांगों को स्वीकार किया था, जिनमें विकसित प्लॉट का आवंटन और मुआवजे की राशि में संशोधन प्रमुख थे। हालांकि, पिछले 10 वर्षों से यह मामला लटका हुआ है। किसानों को लगातार नई तारीखें दी जा रही हैं। 8 जनवरी को वेव सिटी के गेट पर महापंचायत के बाद उन्हें 17 जनवरी की तारीख दी गई थी। जब किसान 17 जनवरी को GDA पहुंचे, तो उन्हें फिर से 21 जनवरी की नई तारीख दे दी गई। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं और समझौते को लागू नहीं किया गया, तो वे बिल्डर कंपनियों को किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं करने देंगे। यह विवाद उन किसानों से जुड़ा है, जिनकी जमीन वेव सिटी और सनसिटी प्रोजेक्ट्स में अधिग्रहीत की गई थी।

गाजियाबाद में किसानों का GDA पर प्रदर्शन
प्रदर्शन का मुख्य कारण
गाजियाबाद में किसानों ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य 10 साल पुराने समझौते को लागू करने की मांग करना था। किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन के साथ इस मुद्दे को उठाया, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। वे अब अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं और अपने अधिकारों के लिए लड़ने का फैसला किया है।
वेव सिटी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे वेव सिटी के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। किसानों का कहना है कि वेव सिटी का विकास उनके खेतों की जमीन पर हो रहा है, और यह अनियंत्रित विकास उनके अस्तित्व पर खतरा डाल रहा है। इस कारण कई किसान सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनकी भूमि की सुरक्षा की जाए।
किसानों की मांगें
किसानों की मुख्य मांगों में 10 साल पहले हुए समझौते का पालन करने, भूमि अधिकारों की सुरक्षा, और उचित मुआवजे का भुगतान शामिल है। वे अपनी आवाज को मजबूती से उठाते हुए चाहते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाए। इसके अतिरिक्त, किसानों ने स्थानीय प्रशासन से वार्ता करने की अपील की है ताकि उनकी समस्याओं को हल किया जा सके।
समाज की प्रतिक्रिया
गाजियाबाद में किसानों के उम्मीद से अधिक समर्थन प्राप्त हो रहा है। स्थानीय नागरिक समाज के सदस्यों और अन्य किसान संगठनों ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया है। प्रदर्शनकारी एकजुट होकर अपनी आवाज उठा रहे हैं और प्रशासन तक अपनी मांगें पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह आंदोलन एक नए जन आंदोलन की शुरुआत का प्रतीक बन सकता है जो किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई को मजबूर कर सकता है।
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