ग्रे मार्केट एक्टिविटी रोकना चाहती है SEBI:IPO शेयर के लिए प्री-लिस्टिंग ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने दी जानकारी
स्टॉक मार्केट रेगुलेटर SEBI एक ऐसे प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने के बारे में विचार कर रही है, जहां शेयर की लिस्टिंग से पहले निवेशकों को कंपनियों के शेयर में ट्रेडिंग की इजाजत मिल सके। इसके जरिए रेगुलेटर इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आने पर होने वाले ग्रे मार्केट एक्टिविटी को रोकना चाहता है। SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने मुंबई में एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में बोलते हुए यह जानकारी दी। बुच ने कहा - शेयरों के अलॉटमेंट होने से लेकर उसकी ट्रेडिंग शुरू होने के बीच बड़े पैमाने पर अनौपचारिक ट्रेडिंग होती है। अगर निवेशक ऐसा करना चाहते हैं, तो उन्हें रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म पर ही इस तरह का मौका क्यों नहीं दिया जाए। लिस्टिंग से पहले शेयर्स की ट्रेडिंग की सुविधा मिल सकेगी माधबी पुरी बुच का कहना है कि लिस्टिंग से पहले भले ही स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की ट्रेडिंग शुरू नहीं हुई है, लेकिन अगर शेयरों का अलॉटमेंट हो चुका है तो निवेशक उन शेयरों का हकदार होता है। अगर लिस्टिंग से पहले ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म शुरू होता है, तो निवेशकों को शेयर्स की ट्रेडिंग की सुविधा मिल सकेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, IPO की लिस्टिंग से होने वाले प्रॉफिट से ग्रे-मार्केट एक्टीविटी काफी बढ़ी है। माधबी पुरी बुच ने कहा कि जब वे इन्वेस्टमेंट बैंकर थीं, तो ग्रे मार्केट एक्टीविटी को 'कर्ब ट्रेडिंग' कहा जाता था। ग्रे मार्केट क्या होता है? ग्रे मार्केट IPO में डील करने का अनाधिकारिक प्लेटफॉर्म है। ये गैर-कानूनी होने के बावजूद काफी पॉपुलर है। हालांकि, इसमें चुनिंदा लोग ही ट्रेडिंग करते हैं। इसमें आपसी भरोसे के साथ फोन पर ट्रेडिंग होती है। इसके लिए ऑपरेट करने वाले का पर्सनल कॉन्टैक्ट होना जरूरी है। ग्रे मार्केट में डील पूरा होने की गारंटी नहीं होती। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

SEBI की नई पहल: ग्रे मार्केट एक्टिविटी पर रोक
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य ग्रे मार्केट की गतिविधियों को समाप्त करना है। चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इस संबंध में जानकारी दी कि SEBI एक प्री-लिस्टिंग ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है, जो निवेशकों को IPO शेयरों के लिए सुरक्षित और पारदर्शी सुविधाएं प्रदान करेगा।
ग्रे मार्केट क्या है?
ग्रे मार्केट का संदर्भ उन व्यापार गतिविधियों से होता है, जो आधिकारिक बाजार से बाहर होती हैं। IPO द्वारा जारी किए जाने वाले शेयरों का ग्रे मार्केट में व्यापार करना आम है, जिसमें सही मूल्य का निर्धारण करना मुश्किल हो जाता है। इस कारण से SEBI ने इसे नियंत्रित करने का निर्णय लिया है।
SEBI की नई योजना
SEBI का नया प्रस्ताव इस दिशा में एक ठोस कदम है ताकि IPO के जरिए जारी किए जाने वाले शेयरों के लिए प्री-लिस्टिंग ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की स्थापना हो सके। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेशकों को सीधे और पारदर्शी तरीके से शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल ग्रे मार्केट गतिविधियां कम होंगी, बल्कि क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा।
चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का बयान
माधबी पुरी बुच का कहना है कि यह कदम बाजार की सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि यह योजना ऐसे प्लेटफॉर्म के निर्माण पर आधारित है, जो निवेशकों को बेहतरीन अनुभव और सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा।
SEBI द्वारा उठाए गए इस कदम से न केवल निवेशक सुरक्षित महसूस करेंगे, बल्कि यह बाजार के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष
ग्रे मार्केट गतिविधियों को रोकने के लिए SEBI के प्रयास निश्चित ही एक सकारात्मक बदलाव लाएंगे। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह IPO निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। आने वाले समय में, इस दिशा में और जानकारी मिल सकेगी, जिसमें निवेशकों के लिए अधिक सुविधाएं जोड़ी जा सकेंगी। Keywords: SEBI, ग्रे मार्केट गतिविधि, IPO शेयर, प्री-लिस्टिंग ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, समिति चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच, निवेशकों की सुरक्षा, बाजार की पारदर्शिता, IPO निवेशकों के लिए सुविधा, SEBI की नई योजना, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
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