चकबंदी कार्यालय का पेशकार दो लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार:बदायूं में ACB की टीम ने रंगेहाथ दबोचा, सीओ ने मांगे थे रुपए, फरार
बदायूं के बिसौली में एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई की। टीम ने चकबंदी कार्यालय के पेशकार को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी पेशकार रामनरेश को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। मामला इस्लामनगर के सिठौली गांव का है। यहां के निवासी अजीत सिंह ने शिकायत की थी कि उनकी मां मंजुल की जमीन को नवीनपर्ती में दर्ज कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने जमीन मंजुल के नाम करने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन करने के लिए सीओ चकबंदी प्रमोद कुमार सिंघल ने 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। एंटी करप्शन के सीओ यशपाल सिंह के अनुसार, शिकायत मिलने के बाद टीम ने डीएम निधि श्रीवास्तव की अनुमति से ट्रैप लगाया। इस दौरान पेशकार रामनरेश को रिश्वत लेते पकड़ा गया। अधिकारियों का कहना है कि रिश्वत सीओ चकबंदी के इशारे पर ली जा रही थी। सीओ चकबंदी भी इस मामले में नामजद हैं, लेकिन वे मौके से फरार हो गए। आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

चकबंदी कार्यालय का पेशकार दो लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार
बदायूं में एक ताजा घटना में, चकबंदी कार्यालय के एक पेशकार को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम द्वारा रंगेहाथ की गई। इस मामले में सूत्रों के अनुसार, सीओ (सर्कल ऑफिसर) ने रिश्वत की मांग की थी, जो अब फरार बताया जा रहा है। यह मामला न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण घटना है।
गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि
ACB की टीम को सूचना मिली थी कि चकबंदी कार्यालय का पेशकार दक्षिणी क्षेत्र में सक्रिय रूप से रिश्वत ले रहा है। जांच के दौरान, टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ने का निर्णय लिया और जैसे ही उसे रिश्वत की राशि दी गई, टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। यह घटना बदायूं के स्थानीय प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीओ की भूमिका और फरार होना
सूत्रों के अनुसार, सीओ का नाम यह सबंध में सामने आया है, जो कि अब फरार है। यह प्रश्न उठता है कि क्या प्रशासन ने ऐसी भ्रष्ट गतिविधियों को रोकने में अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वहन किया है। ACB का यह कदम एक बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के निर्माण की ओर इंगित करता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के संकेत
यह मामला केवल एक गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। जनसामान्य को यह विश्वास दिलाने के लिए कि सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए गंभीर है, एसीबी के इस कार्रवाई की आवश्यकता थी। इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी भी स्तर पर कोई भी सुरक्षित नहीं है।
इस प्रकार का अपराध धीरे-धीरे समाज के विभिन्न स्त्रोतों में व्याप्त हो रहा है। एसीबी का यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए भी एक झटका है, और यह दर्शाता है कि रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के आगे, सरकार को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी गतिविधियों को जड़ से खत्म किया जा सके। इसके लिए, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानूनों की आवश्यकता है।
समापन विचार
इस गिरफ्तारी ने न केवल स्थानीय अधिकारियों को एक सबक सिखाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि नागरिक समाज अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है। ऐसे मामलों में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करना अति आवश्यक है।
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