चलो कुंभ चले गीत पर जमकर झूमें श्रोता:महाकुंभ के गंगा पंडाल में संस्कृति का संगम में शंकर महादेवन ने दी मोहक प्रस्तुतियां
प्रयागराज महाकुंभ में गुरुवार को परेड ग्राउंड पर बने गंगा पंडाल में संस्कृति के संगम की भी शुरूआत हो गई। उद्घाटन के मौके पर बालिवुड सिंगर और कंपोजर शंकर महादेवन ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इसके बाद शंकर महादेवन के गीतों पर हर कोई झूमता नजर आया। जहां लोगों ने सबसे अधिक गीत चलो कुंभ चले गीत का लुत्फ उठाया। भक्तिगीतों की जमकर बही रसधारा शंकर महादेवन ने अपने गीतों के जरिए लोगों को भक्ति की रसधारा में डूबने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान उन्होंने कई संस्कृतिक और धार्मिंक स्तुतियों की भी मोहक प्रस्तुतियां दी। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इस अवसर पर शंकर महादेवन ने महाकुंभ जैसे आयोजन का हिस्सा बनने को अपना सौभाग्य बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके पहले उन्होंने गणेश वंदना से अपने कार्यक्रम की शुरूआत की। संगम तट पर झंकृत होगी संगीत और कला की दिव्य धारा गंगा पंडाल में 24 फरवरी तक प्रतिदिन भव्य सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन होगा। इसमें देशभर के प्रतिष्ठित गायक, संगीतकार और नृत्य कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। महाकुंभ के इस अलौकिक आयोजन में कैलाश खेर, कविता सेठ, नितिन मुकेश, सुरेश वाडेकर, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति समेत कई नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। आस्था, संस्कृति और परंपरा का महासंगम महाकुम्भ का अद्भुत रात्रि दृश्य आस्था की रोशनी से जगमगाता है, जहां लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर अपनी आत्मशुद्धि का अनुभव करते हैं। यह आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति की भव्यता को दर्शाता है, बल्कि एकता और सद्भाव का संदेश भी देता है। महाकुंभ भारतीय कला, संस्कृति और अध्यात्म का एक भव्य मंच है, जहां लोक संगीत, शास्त्रीय नृत्य और नाट्य कलाएं श्रद्धालुओं को भक्ति और आस्था की अद्भुत अनुभूति कराएंगी। इस अवसर पर महापौर गणेश शंकर केसरवानी, विधायक पूजा पाल समेत जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
चलो कुंभ चले गीत पर जमकर झूमें श्रोता: महाकुंभ के गंगा पंडाल में संस्कृति का संगम में शंकर महादेवन ने दी मोहक प्रस्तुतियां
महाकुंभ मेले का आयोजन एक बार फिर से संस्कृति और भक्ति का अद्भुत संगम लेकर आया है। इस वर्ष गंगा पंडाल में अपने भव्य कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन ने सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत 'चलो कुंभ चले' गीत ने हर किसी की धड़कनों को तेज कर दिया और झूमने पर मजबूर कर दिया। यह एक ऐसा अनुभव था, जहाँ संगीत ने धर्म और संस्कृति के भाव को एक नई ऊँचाई दी।
महाकुंभ: एक महान धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन
महाकुंभ का आयोजन भारत के प्रमुख धार्मिक पर्वों में से एक माना जाता है। हर बार की तरह, इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु यहाँ अपनी आस्था और विश्वास को जगाने आए हैं। गंगा पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची हुई है, जहाँ हर वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं।
शंकर महादेवन की प्रस्तुति: एक अद्वितीय अनुभव
शंकर महादेवन की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी आवाज़ में वो जादू है जो हर किसी को लुभाता है। 'चलो कुंभ चले' गीत ने इस महाकुंभ के पर्व को और भी खास बना दिया। यह उनका अनोखा तरीका था लोगों को जोड़ने और संस्कृति के प्रति जागरूक करने का।
श्रोताओं ने महादेवन के साथ मिलकर गाए और झूमते हुए इस अद्भुत अनुभव का आनंद लिया। यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक महोत्सव बन चुका है, जहाँ संगीत, नृत्य और भावनाएँ मिलती हैं।
संस्कृति का महत्व
इस महाकुंभ में पेश किए गए कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल धार्मिकता का प्रदर्शन किया गया, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखा गया। यदि आप भी इस महाकुंभ के अनुभव को जीना चाहते हैं, तो अभी से अपने कार्यक्रम का प्लान बनाना शुरू करें।
अंततः, महाकुंभ का यह आयोजन हर किसी के लिए एक यादगार अनुभव रहा। शंकर महादेवन की प्रस्तुतियाँ और गंगा पंडाल का माहौल सभी को लंबे समय तक याद रहेगा।
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