चीन पहुंचे भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री:लद्दाख बॉर्डर और मानसरोवर यात्रा होगी बात; 6 हफ्ते में भारत से दूसरी हाई-प्रोफाइल यात्रा
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे है। छह हफ्ते से भी कम समय में यह भारत की तरफ से चीन की दूसरी हाई-प्रोफाइल यात्रा है। भारतीय विदेश सचिव की इस यात्रा में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर तनाव कम करने के तरीके और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना शामिल है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर शुरू करने और चीनी नागरिकों को आसानी से वीजा जारी करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके साथ ही राजनीतिक, आर्थिक और पीपुल टू पीपुल कनेक्शन के मुद्दे पर भी बात होगी। शुक्रवार को चीन ने भी इस यात्रा का स्वागत किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि हम चीन और भारत के बीच विदेश सचिव-उपमंत्री की बैठक के लिए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की चीन यात्रा का स्वागत करते हैं। पिछले महीने भारतीय NSA चीन पहुंचे थे इससे पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल पिछले महीने भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इस बैठक में दोनों देशों के अधिकारी तिब्बत से कैलाश मानसरोवर यात्रा को जल्द शुरू करने, सीमा-पार नदी सहयोग और नाथूला सीमा व्यापार को बढ़ावा देने पर सहमत हुए थे। चीनी प्रवक्ता माओ ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आपसी संबंधों को बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी। गलवान में 15 जून 2020 को झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगहों पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे। इसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। ----------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द शुरू होगी:भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 6 मुद्दों पर सहमति, चीनी विदेशमंत्री से मिले NSA अजित डोभाल कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द शुरू होगी। बुधवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बैठक में 6 मुद्दों पर सहमति बनी। यह बैठक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हुई थी। यहां पढ़ें पूरी खबर...

चीन पहुंचे भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री: लद्दाख बॉर्डर और मानसरोवर यात्रा होगी बात
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की चीन यात्रा ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया है। यह दौरा न केवल सामरिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है, बल्कि दो देशों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की दिशा में भी एक कदम है। खबरों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान लद्दाख बॉर्डर और मानसरोवर यात्रा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह एक ऐसा समय है जब भारत और चीन के बीच सीमावाद के मुद्दे पर संजीदगी से विचार करने की आवश्यकता है।
भारत-चीन संबंधों में वर्तमान स्थिति
भारत और चीन के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। सीमा विवाद, व्यापार संतुलन, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है। ऐसे में विदेश सचिव मिस्री की यह यात्रा महत्वपूर्ण है, जो चीन के अधिकारियों के साथ इन विषयों पर खुली चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
लद्दाख बॉर्डर पर स्थिति
लद्दाख बॉर्डर पर स्थिति को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत की गई है। हालांकि, ग्राउंड पर स्थिति में सुधार के लिए एक सुसंगत नीति की आवश्यकता है। विदेश सचिव ने इस यात्रा में लद्दाख सीमा पर शांति और स्थिरता लाने पर जोर देने की योजना बनाई है।
मानसरोवर यात्रा का महत्व
मानसरोवर यात्रा, जो हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, भारत-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण बिंदु है। दोनों देशों के बीच इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए बातचीत की जाएगी, जिससे तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
इस तरह की उच्च-स्तरीय बातचीत भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है और यह दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में सहायता कर सकती है।
इस दौरे के समय भारत से यह दूसरी हाई-प्रोफाइल यात्रा है, जो इस बात का संकेत है कि दोनों देश अपने जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं।
News by indiatwoday.com
संक्षेप में
भविष्य की दिशा को देखते हुए, विक्रम मिस्री का यह दौरा न केवल तत्काल मुद्दों का समाधान करने का का प्रयास है, बल्कि यह दीर्घकालिक शांति और स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। **Keywords:** विक्रम मिस्री चीन यात्रा, लद्दाख बॉर्डर स्थिति, मानसरोवर यात्रा चर्चा, भारत चीन संबंध, हाइ-प्रोफाइल यात्रा, भारतीय विदेश सचिव, सीमा विवाद, धार्मिक तीर्थ यात्रा
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