चीन-रूस पर ट्रम्प का दोहरा रवैया:इनके अवैध अप्रवासियों को पैसेंजर प्लेन से भेज रहे; भारत में मिलिट्री प्लेन से भेजा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथग्रहण के 30 दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान ट्रम्प ने हजारों अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सैन्य विमान से डिपोर्ट किया है। हालांकि इस मामले में ट्रम्प का दोहरा रवैया नजर आया है। चुनाव से पहले चीन को धमकाने वाले ट्रम्प अब चीन-रूस के 3 लाख अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए सैन्य विमान नहीं भेज रहे हैं। अमेरिकी गृह मंत्रालय के मुताबिक चीन के 2 लाख 60 हजार और रूस के 30 हजार से ज्यादा अवैध अप्रवासी हैं। इन्हें पैसेंजर फ्लाइट्स से डिपोर्ट किया जा रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प चीन और रूस पर मेहरबान नजर आ रहे हैं। वे अमेरिकी रूसी अरबपतियों को संपत्ति को जब्त करने वाले आयोग को भंग कर चुके हैं। ट्रम्प ने पहले चीन पर 25% टैरिफ की धमकी दी, लेकिन 10% ही लगाया। टिकटॉक बैन पर नरमी बरत रहे। अमेरिका ने भारतीय अप्रवासियों को बेड़ियां-हथकड़ियां पहनाकर भेजा बीते दिनों अमेरिका ने तीन मिलिट्री फ्लाइट से 332 भारतीयों को वापस भेजा। पहली फ्लाइट 5 फरवरी को लैंड हुई थी। इसमें सभी लोगों को हथकड़ियां-बेड़ियां और जंजीर पहनाकर लाया गया था। इसे लेकर देश में हंगामा हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि लोगों के साथ ऐसा व्यवहार न किया जाए। इसके बाद 15 और 16 फरवरी को दो और फ्लाइट में लोगों को लाया गया। इसमें महिलाओं और बच्चों को छोड़कर पुरुषों को पहले की ही तरह लाया गया। व्हाइट हाउस ने अप्रवासियों का VIDEO पोस्ट किया अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने मंगलवार को X पर एक वीडियो पोस्ट किया है। 41 सेकेंड के इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे अवैध अप्रवासियों को जंजीरों-बेड़ियों में जकड़कर प्लेन में चढ़ाया गया। वीडियो में दिखता है कि एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी एक-एक कर जमीन पर हथकड़ियां और बेड़िया रख रहे हैं। फिर लोग आते हैं और उन्हें हाथ-पैरों और कमर में बेड़ियों और जंजीरों में बांधा जाता है। वीडियो के आखिर में लोगों को प्लेन में चढ़ते दिखाया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें... व्हाइट हाउस ने इस वीडियो का कैप्शन दिया है- ASMR: इलीगल एलियन डिपोर्टेशन फ्लाइट। ये कैप्शन एक तरह से अमेरिका से निकाले गए लोगों का मजाक उड़ाने जैसा है क्योंकि ASMR वो आवाजें हैं जो तनाव कम करती हैं, सुकून देती हैं और दिमाग को रिलैक्स करती हैं। वीडियो अमेरिका के सिएटल का है। इस वीडियो में ये नहीं बताया गया कि ये किस देश के अप्रवासी नागरिक हैं। ट्रम्प बोले- भारत पर टैरिफ तो लगाऊंगा ट्रम्प ने हाल में पीएम नरेंद्र मोदी से वाइट हाउस में हुई बैठक में टैरिफ के मुद्दे को लेकर खुलासा किया। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प ने कहा कि मैंने मोदी को साफ कहा कि भारत पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगेगा। इस पर कोई बात नहीं होगी। पीएम मोदी को ये बात भले ही पसंद नहीं आई, पर मैंने साफ कहा, अमेरिकी सामान पर भारत जितना टैरिफ लगाता है, हम भी उतना ही वसूलेंगे। इंटरव्यू में इलॉन मस्क ने भी आरोप लगाया कि भारत ऑटोमोबाइल इम्पोर्ट पर 100% टैरिफ लगाता है। --------------- ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... ट्रम्प का भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग पर सवाल:कहा- मोदी के लिए बहुत सम्मान पर 182 करोड़ क्यों दे रहे; वहां बहुत पैसा है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत में मतदान को बढ़ाने के लिए मिलने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग पर सवाल उठाए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...

चीन-रूस पर ट्रम्प का दोहरा रवैया: दाखिल अवैध अप्रवासियों की विशेष उड़ानें
डोनाल्ड ट्रम्प का दोहरा रवैया चीन और रूस के अवैध अप्रवासियों के प्रति एक नई चर्चा का विषय बन गया है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन ने इन देशों से अवैध अप्रवासियों को देश में भेजने के लिए पैसेंजर प्लेन का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जबकि भारत में अवैध प्रवासियों को मिलिट्री प्लेन के माध्यम से भेजा जा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय प्रवासन नीति में एक विसंगति को उजागर करता है जो ट्रम्प के प्रशासन की दृष्टि पर एक नई रोशनी डालता है।
ट्रम्प का विदेश नीति पर प्रभाव
ट्रम्प का यह नीति दोहरे मानदंडों के साथ देखा जा सकता है, जहां एक ओर वे चीन और रूस की किसी भी गतिविधि का कड़ा विरोध करते हैं, वहीं दूसरी ओर वे उनके अवैध अप्रवासियों को लाने के लिए साधारण यात्री विमानों का सहारा ले रहे हैं। यह स्पष्ट करता है कि ट्रम्प की विदेश नीति में जमीनी वास्तविकताओं से अधिक चुनावी राजनीति का प्रभाव है।
भारत में अवैध अप्रवासन और मिलिट्री प्लेन
वहीं, भारत में जब बात आती है अवैध अप्रवासियों की, तो स्थिति बिल्कुल अलग है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत से आने वाले अवैध अप्रवासियों को मिलिट्री प्लेन द्वारा भेजने का निर्णय लिया है। यह सुरक्षा मुद्दों का ध्यान रखते हुए किया गया माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने से भारत की सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूत किया जा सकता है।
इस नीति का उद्देश्य क्या है, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रम्प की राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करने का एक प्रयास है। ऐसे में, लोगों को समझने में मदद मिलती है कि क्यों ट्रम्प ने अलग-अलग देशों के प्रति अलग-अलग नीतियों को अपनाया है।
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