छात्रा को न्याय के लिए निकला कैंडल मार्च:बलरामपुर में स्कूल जाते वक्त हुई थी निर्मम हत्या, आरोपी को फांसी की मांग
बलरामपुर के थाना देहात कोतवाली क्षेत्र में करीब एक माह पहले हुई कक्षा 8वीं की छात्रा की दर्दनाक हत्या के विरोध में रविवार शाम को परिजनों ने कैंडल मार्च निकाला। मार्च में करीब 40 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें मृतका के परिजन, स्कूली छात्र और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे। घटना 14 दिसंबर को उस समय हुई, जब 16 वर्षीय छात्रा स्कूल जा रही थी। गांव का ही युवक धर्मपाल चौहान प्रेम प्रसंग के चलते उसे गन्ने के खेत में ले गया और धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने शव को अपने कंधे पर लादकर करीब 900 मीटर तक ले जाया। स्थानीय लोगों और परिजनों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। घायल छात्रा को श्रावस्ती के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के भाई की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया है। हालांकि, परिजन पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। कैंडल मार्च पीपल तिराहा से शुरू होकर वीर विनय चौक तक निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर लेकर 'जस्टिस फॉर मधु' के नारे लगाए और आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की। परिजनों का कहना है कि इस जघन्य अपराध के लिए आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

छात्रा को न्याय के लिए निकला कैंडल मार्च: बलरामपुर में स्कूल जाते वक्त हुई थी निर्मम हत्या
बलरामपुर में एक छात्रा की निर्मम हत्या ने पूरे शहर को शोक में डुबो दिया है। इस दिल दहला देने वाली घटना के खिलाफ गुस्साए नागरिकों ने कैंडल मार्च निकाला, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। यह घटना विशेष रूप से तब हृदयविदारक बन गई, जब वह छात्रा स्कूल जाने के दौरान इस नृशंस हत्या का शिकार हुई। कैंडल मार्च में शहरवासियों ने हाथों में मोमबत्तियाँ लेकर निकाले और छात्रा के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं।
हत्याकांड का विवरण
कैंडल मार्च का आयोजन छात्रा के परिवार और मित्रों की मांग पर किया गया था, जो आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। घटना ने बलरामपुर सहित पूरे उत्तर भारत में आक्रोश फैला दिया है। स्थानीय प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कैंडल मार्च का महत्व
कैंडल मार्च का उद्देश्य न केवल छात्रा को न्याय दिलाना है, बल्कि उन सभी संवेदनशील मुद्दों को उजागर करना भी है, जो महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा से जुड़े हैं। यह मार्च सभी नागरिकों के लिए एकजुटता का प्रतीक बना, जहां सभी ने अपनी आवाज उठाई और बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
समाज के विभिन्न वर्गों ने एक साथ आकर इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है। कैंडल मार्च के दौरान, लोगों ने तख्तियों पर नारे लिखकर प्रदर्शन किया, जिसमें 'हमारी बेटियां सुरक्षित हों', 'न्याय दो' जैसे संदेश शामिल थे।
आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय संगठनों और छात्र निकायों ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। इन संगठनों का मानना है कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानूनों की आवश्यकता है। बलरामपुर की घटना ने यह दिखाया कि समाज को एकजुट होकर लड़ना होगा ताकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एक ठोस संदेश जाए।
ऐसे आयोजनों का महत्व यह है कि वे समाज में जागरूकता फैलाने और न्याय की मांग करने का एक सशक्त माध्यम बनते हैं।
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