जयशंकर बोले- PoK मिलते ही कश्मीर मुद्दा खत्म हो जाएगा:यहां का ज्यादातर मामला सुलझ चुका है चीन पर बोले- हमारे बीच अनोखा रिश्ता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर को लेकर कहा कि पाकिस्तान के PoK को खाली करने से यह मुद्दा पूरी तरह से हल हो जाएगा। जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं। वे बुधवार को लंदन के चैथम हाउस थिंकटैंक में एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। जयशंकर से सवाल पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं। चीन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अनोखा रिश्ता है। विदेश मंत्री बोले- कश्मीर के ज्यादातर मुद्दे हल हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमने कश्मीर के ज्यादातर मुद्दों का हल निकाल लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। फिर, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक मतदान हुआ, तीसरा कदम था। जयशंकर ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से की वापसी है, जो चोरी से पाकिस्तान ने अपने पास रखा है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।” जयशंकर बोले- भारत के लिए, सीमा एक अहम पहलू भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच बहुत ही अनोखा रिश्ता है। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि आज दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं और हम सीधे पड़ोसी भी हैं। चुनौती यह है कि जैसे-जैसे कोई देश आगे बढ़ता है, दुनिया और उसके पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता जाता है। मुख्य मुद्दा यह है कि कैसे एक स्थिर संतुलन बनाया जाए। जयशंकर ने कहा कि हम एक स्थिर संबंध चाहते हैं जहां हमारे हितों का सम्मान किया जाए, वास्तव में हमारे रिश्ते में यही मुख्य चुनौती है। जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए, सीमा एक अहम पहलू है। पिछले 40 साल में यह धारणा रही है कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता रिश्ते को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। यदि सीमा अस्थिर है या उसमें शांति का अभाव है, तो यह निश्चित रूप से हमारे संबंधों को प्रभावित करेगा। ब्रिटिश विदेश मंत्री से जयशंकर ने मुलाकात की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन संबंधों के सभी जरूरी मुद्दों पर बात की। इस बातचीत में यूक्रेन, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया और राष्ट्रमंडल के साथ व्यापार समझौते और रणनीतिक सहयोग पर भी बात हुई। दोनों नेताओं यह बैठक इंग्लैंड के केंट में मौजूद शेवेनिंग हाउस में हुई। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री की पत्नी क्योको जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री की पत्नी निकोला ग्रीन मौजूद थीं। दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए आगे की रूपरेखा पर सहमति जताई। जयशंकर 6 दिवसीय इस यात्रा पर ब्रिटेन और आयरलैंड पहुंचे हैं। वे यहां कई उच्चस्तरीय मीटिंग कर रह रहे हैं। ...................................................... जयशंकर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... जयशंकर बोले- अमेरिका से भारतीयों की बेदखली पहली बार नहीं:16 सालों में 15,652 को वापस भेजा; कांग्रेस का आरोप- नागरिकों से आतंकियों जैसा बर्ताव किया अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों की वापसी के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में जवाब दिया। जयशंकर ने राज्यसभा में कहा, 'यदि कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा है तो उसे वापस (स्वदेश) बुलाना सभी देशों का दायित्व है।' पूरी खबर यहां पढ़ें...

जयशंकर बोले- PoK मिलते ही कश्मीर मुद्दा खत्म हो जाएगा
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) भारत को मिल जाता है, तो जम्मू-कश्मीर का मुद्दा समाप्त हो जाएगा। इस पर उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यहां का ज्यादातर मामला सुलझ चुका है। उन्होंने सभी भारतवासियों को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है एवं समाधान की दिशा में काम कर रही है।
चीन पर ज़ोर देते हुए जयशंकर का बयान
जयशंकर ने इस अवसर पर चीन के साथ भारत के संबंधों को भी लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच एक अनोखा रिश्ता है। उनके अनुसार, दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और सहयोग का अद्वितीय मिश्रण है, जो दोनों को आगे बढ़ने में मदद करता है। यह बात उन्होंने विदेशों में भारतीय समुदाय और राजनीतिक बैठकों के दौरान भी दोहराई है।
कश्मीर का मुद्दा और भारत का दृष्टिकोण
जयशंकर का यह बयान कश्मीर के मुद्दे पर भारत की कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत बनाता है। कश्मीर का विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चला आ रहा है और इसके समाधान के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार किए जा रहे हैं। विदेश मंत्री का यह कहना कि अधिकांश मामलों का समाधान हो चुका है, दर्शाता है कि भारत अपनी आंतरिक सुरक्षा एवं संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्ध है।
आगे की दिशा
जयशंकर के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सरकार PoK को वापस लाने के प्रति गंभीर है। यदि यह प्रक्रिया सफल होती है, तो निश्चित रूप से इससे क्षेत्रीय स्थिरता में वृद्धि होगी और कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान भी संभव हो सकेगा।
निष्कर्ष में, जयशंकर का हालिया बयान एक सकारात्मक संकेत है जो भारतीय कूटनीति की नई दिशा को दर्शाता है।
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