जले हुए शव की मां के डीएनए से होगी पुष्टि:सहारनपुर दोस्त ने कार में जला दिया था जिंदा, सैंपल लेकर गाजियाबाद लैब भेजा
सहारनपुर के बिजोपुरा नहर के पास कार में युवक को जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना का खुलासा हो चुका है, लेकिन जले हुए शव की पहचान सोनू के रूप में फिजिकल पुष्टि के लिए अब उसकी मां का डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। पुलिस ने सोनू की मां रिहाना का ब्लड सैंपल एसबीडी जिला अस्पताल में लिया है, जिसे जांच के लिए गाजियाबाद की फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है। डीएनए जांच के लिए मृतक की मां रिहाना का ब्लड सैंपल लिया गया है। इसके साथ ही, जले हुए शव से प्राप्त मृतक की पैर की हड्डी को भी सुरक्षित रखा गया है। सैंपल गाजियाबाद लैब भेज दिया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगा कि शव सोनू का ही था। पढ़िए..पूरी घटना सहारनपुर में डॉक्टर ने खुद को मुर्दा दिखाने के लिए एक युवक को कार में जिंदा जला दिया। उसने ऐसा सिर्फ इसलिए किया, ताकि उसका 30 लाख का कर्ज माफ हो जाए। साथ ही बीमा का पैसा भी मिल जाए। हत्याकांड को अंजाम देने से पहले डॉक्टर ने क्राइम पेट्रोल के 150 एपिसोड देखे थे। इसके बाद डॉक्टर ने रात में रेकी कर एक सुनसान जगह की पहचान की। यहां ले जाकर उसने युवक को जिंदा जला दिया। लेकिन, डॉक्टर को डेथ सर्टिफिकेट बनवाने से पहले पुलिस ने शुक्रवार को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने उसके पास से वारदात में इस्तेमाल किए ग्लब्स, पेट्रोल की केन, मृतक की चांदी की चेन और लॉकेट बरामद की है। जिस युवक को डॉक्टर ने जिंदा जलाया, वह उसके जीजा के लकड़ी के कारखाने में काम करता था। वारदात 22 दिसंबर की है। दरअसल, 23 दिसंबर को थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में बिजोपुरा नहर पुल के पास जली हुई कार मिली थी। इसमें एक जली लाश भी थी। जांच में युवक की पहचान हरियाणा के रहने वाले सोनू (32) के रूप में हुई थी। इसके बाद पुलिस ने सोनू के घरवालों की तलाश की। इसी बीच, 26 दिसंबर को सोनू के मामा गुलजार ने थाने में शिकायत की। पुलिस ने उनसे शव की शिनाख्त कराई। सोनू की चेन और सोने का लॉकेट दिखाया, तो उसके मामा ने बताया कि यह सोनू का है। सोनू हबीबगढ़ में किराए पर रहता था। इसके बाद पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई। जांच में पता चला कि सोनू हबीबगढ़ निवासी अरशद के लकड़ी के कारखाने में काम करता था। यहां से पता चला कि घटना वाले दिन सोनू डॉक्टर मुबारिक के साथ देखा गया था। पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। एसएसपी ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें लगाईं। 27 दिसंबर को पुलिस ने डॉ. मुबारिक को यमुना नहर की पटरी के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। अरशद आरोपी का रिश्ते में जीजा है। डॉक्टर ने बताया कि सोनू उसका दोस्त था। दोनों एक साथ शराब भी पीते थे। जल्द अमीर बनने के लिए डॉक्टर ने किया था कत्ल पुलिस पूछताछ में मुबारिक ने बताया कि वह अमीर बनना चाहता था। इसलिए उसने बैंक से करीब 10 लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था। 5 लाख का बीमा कराया था। इसके अलावा उस पर लोगों का भी कर्ज था। इस समय उस पर करीब 30 लाख का कर्ज है। लोगों ने तकादा करना शुरू कर दिया था। वह लोन और कर्ज नहीं चुका पा रहा था। इस पर उसने अपनी पत्नी अमीरजहां को बीमा की रकम दिलाने और अपना लोन माफ कराने के लिए खुद को मृत घोषित करने की योजना बनाई। उसने सोचा जब लोग उसे मरा हुआ मान लेंगे, तो जिनका उधार उसने ले रखा था, वे लोग मांगना बंद कर देंगे। साथ ही एक्सीडेंटल बीमा के करीब 10 लाख रुपए उसे मिल जाएंगे। साथ ही बैंक की तरफ से भी छूट मिल जाएगी। यह सोच कर करीब 2 महीने पहले उसने खुद को मुर्दा दिखाने के लिए प्लान बनाया। इसके लिए वह डेडबॉडी की खोज में जुट गया। 15-20 दिन वह डेडबॉडी की तलाश करता रहा, लेकिन नहीं मिली। इसी बीच सोनू उसके पास पहुंचा। वह अक्सर डॉक्टर के पास आता था और शराब पीने के लिए रुपए ले जाता था। सोनू उसके जीजा अरशद के कारखाने पर काम करता था। सोनू को देखकर उसने उसकी हत्या की योजना बनाई। इसके बाद डॉक्टर ने हबीबगढ़ में रहने वाले गुलबहार से एक कार खरीदी। 22 दिसंबर को मुबारिक ने सोनू को शराब पिलाने के बहाने बुलाया। शराब में नशे की गोलियां मिलाकर उसने सोनू को बेहोश कर दिया। फिर उसे कार में बैठा दिया। इसके बाद बिजोपुरा नहर पुल के पास सुनसान जगह पर पेट्रोल डालकर कार और सोनू को आग के हवाले कर दिया। क्राइम पेट्रोल 150 के एपिसोड देखकर बनाया था प्लान आरोपी डॉक्टर मुबारिक ने बताया था कि उसने 2 महीने से सोनू की हत्या का प्लान बना रहा था। उसने इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए मोबाइल और टीवी पर क्राइम पेट्रोल के करीब 150 एपिसोड देखे। उसने सोचा प्लान ऐसा हो कि काम भी हो जाए और उस पर आंच भी न आए। कार में जिंदा जलाने वाला आइडिया उसे ज्यादा अच्छा लगा। इसके बाद उसने ऐसी जगह ढूंढी, जहां न कैमरे हों और न ही लोगों की ज्यादा आवाजाही हो। उसने सोना कि अगर रात के समय कार में आग लगाएगा, तो लोगों को भनक नहीं लगेगी। इसके लिए उसने रात के समय कई स्थानों को देखा, रेकी की। इस दौरान उसे यमुना नहर की पटरी सबसे ज्यादा सुरक्षित लगी। इसीलिए उसने यहां लाकर सोनू को कार में जिंदा जला दिया। अब पढ़िए पुलिस आरोपी तक कैसे पहुंची कार में लाश मिलने के बाद पुलिस मामले के खुलासे में लग गई। सबसे पहले पुलिस ने कार की जांच की। नंबर से पता चला कि मारुति- 800 कार कानपुर के एक व्यक्ति की थी। जिसका 8वां खरीदार आरोपी डॉक्टर मुबारिक है। उसने यह कार गुलबहार से खरीदी थी। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल से लेकर अरशद के कारखाने और हबीबगढ़ तक करीब 60 सीसीटीवी तलाशे। इनमें सोनू आखिरी बार शराब की एक दुकान में डॉक्टर के साथ देखा गया था। इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को पकड़ लिया। वह दूसरी कार से घर जा रहा था, इससे पहले पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। उसने बताया कि वह अपनी पत्नी को प्लान बताने जा रहा था। ताकि, वे लोग उसका डेथ सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर दें। लेकिन वह पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि 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जले हुए शव की मां के डीएनए से होगी पुष्टि
सहारनपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक दोस्त ने कार में जिंदा जला दिए गए शव की पहचान करने के लिए डीएनए सैंपल की मदद ली जाएगी। यह मामला विशेष रूप से इस लिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि यह एक विश्वासघात की कहानी है, जिसमें न केवल मित्रता का उल्लंघन हुआ, बल्कि एक जीवन की अंतहीन क्षति भी हुई।
घटना का विवरण
शुरुआत में, पुलिस को सूचना मिली कि इलाके में एक कार में जलता हुआ शव पाया गया है। घटनास्थल पर पहुंचने पर, अधिकारियों ने पाया कि यह शव किसी व्यक्ति का है, जो संभवतः एक अज्ञात हत्या का शिकार हुआ था। प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले में गहरी जाँच शुरू की गई।
डीएनए सैंपल की प्रक्रिया
शव की पहचान को स्पष्ट करने के लिए, मृतक की मां का डीएनए सैंपल लिया गया है। यह सैंपल गाजियाबाद की एक प्रयोगशाला में भेजा गया है, जहाँ इसकी जांच की जाएगी। यदि टेस्ट सफलतापूर्वक तैयार हो जाता है, तो इससे शव की पहचान में मदद मिलेगी और परिवार को न्याय मिलने की आशा जगी है।
पुलिस की जाँच और संदिग्ध
पुलिस ने मामले में संदिग्ध को हिरासत में लिया है जो कि सहारनपुर का निवासी है। प्रारंभिक पूछताछ में संदिग्ध ने उस दिन की घटनाओं के बारे में कई बातें बताई हैं, लेकिन अभी भी कई सवाल अव्यक्त हैं। अधिकारियों का कहना है कि सुनिश्चित जानकारी के बिना किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।
यह मामला न केवल सहारनपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए समाज को एकजुट होना होगा।
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