जिला परिषद मीटिंग में पेयजल घोटाले पर हंगामा:कैंथला ने जल शक्ति मंत्री से मांगा इस्तीफा, बोले-विधायक भी शामिल, मीटिंग में ही धरने पर बैठे
शिमला जिला के ठियोग में पेयजल घोटाले का मामला आज शिमला जिला परिषद की मीटिंग में भी गूंजा। बचत भवन शिमला में आयोजित जिला परिषद की त्रैमासिक मीटिंग में पानी घोटाले पर जमकर हंगामा हुआ। नारकंडा वार्ड से जिला परिषद सुभाष कैंथला ने बैठक शुरू होते यह मसला उठाया, जिसके बाद मामले पर कांग्रेस-भाजपा समर्थित सदस्य एक दूसरे के आमने-सामने हो गए है। इस दौरान दोनों पक्षों में खूब नोकझोंक हुई। सुभाष कैंथला मीटिंग में कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए। सुभाष कैंथला ने इस घोटाले में MLA के भी शामिल होने के आरोप लगाए। उन्होंने इस घोटाले में जल शक्ति मंत्री से भी इस्तीफा की मांग की। माकपा विधायक ने लगाए थे गबन के आरोप ठियोग से पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने 1.13 करोड़ रुपए के पेयजल घोटाले के आरोप लगाए थे। विभाग की प्रारंभिक जांच में यह आरोप सही पाए गए। इसके बाद 2 एक्सिइन सहित 10 SDO व JE सस्पेंड किए गए। अब इस मामले में विजिलेंस जांच कर साक्ष्य जुटा रही है। राकेश सिंघा ने लोगों को टैंकर से पानी पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 'पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक बाइक पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो गाड़ी में 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई। इसी तरह कुछ ऐसे गांव में भी टैंकरों से पेयजल सप्लाई दिखाई गई है जहां सड़कें ही नहीं है। इन्हें किया गया सस्पेंड सरकार ने प्रारंभिक जांच के बाद मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार को सस्पेंड किया है।

जिला परिषद मीटिंग में पेयजल घोटाले पर हंगामा
कैंथला ने जल शक्ति मंत्री से मांगा इस्तीफा, बोले-विधायक भी शामिल, मीटिंग में ही धरने पर बैठे। हाल ही में आयोजित जिला परिषद की मीटिंग में पेयजल घोटाले को लेकर भारी हंगामा हुआ। इस मीटिंग में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। जल शक्ति मंत्री के खिलाफ की गई इस मांग ने सभी उपस्थित सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया।
घोटाले का खुलासा
पेयजल घोटाले की ख़बरें पहले से ही स्थानीय मीडिया में चर्चा का विषय बन चुकी थीं। मीटिंग में, कैंथला ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये घोटाले विधायक के संलिप्तता के साथ हुए हैं। उन्होंने मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने स्थिति को ठीक से संभालने में असफलता दिखाई है।
धरने पर बैठना
जिला परिषद की बैठक में जब यह मुद्दा गर्म हुआ, तो कुछ सदस्य धरने पर बैठ गए। यह प्रदर्शन जल संकट और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध था। धरना देने वाले सदस्यों ने सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस हंगामे के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। विरोधी दलों ने इसे राजनीतिक अवसर के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके परिणाम स्वरूप, जल शक्ति मंत्री के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है।
समाचार प्राप्त करने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। News by indiatwoday.com। स्थानीय लोग अब इस मुद्दे पर गहरी चिंता जता रहे हैं, और उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी।
निष्कर्ष
जिला परिषद की बैठक में पेयजल घोटाले पर हुई बहस ने सभी को चौंका दिया। इससे प्रतीत होता है कि राजनीतिक मुद्दे अब और भी गंभीर होते जा रहे हैं। स्थानीय नेता एकजुट होकर इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ रहे हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है। Keywords: जिला परिषद मीटिंग पेयजल घोटाले, जल शक्ति मंत्री इस्तीफा मांग, कैंथला विधायक शामिल, धरने पर बैठे नेता, स्थानीय नेता विरोध प्रदर्शन, मीटिंग में हंगामा, सिंचाई विभाग भ्रष्टाचार, जल संकट मुद्दा, राजनीति में हंगामा, समाचार indiatwoday.com
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