जिलाध्यक्ष सहित 6 विधायकों ने की सीएम योगी से मुलाकात:लखीमपुर थप्पड़ कांड से गहराया विवाद; 3 महीने से तनातनी

लखीमपुर खीरी के SP गणेश प्रसाद साहा को हटवाने के लिए तीन भाजपा विधायकों ने लखनऊ में डेरा जमा रखा है। जिले के अन्य 5 विधायकों का भी उन्हें समर्थन है। सभी IPS गणेश से नाराज हैं। वहीं आज जिलाध्यक्ष सहित 6 विधायकों ने सीएम योगी से मुलाकात की है। शुक्रवार को सदर विधायक योगेश वर्मा, धौरहरा के विधायक विनोद शंकर अवस्थी और कस्ता विधायक सौरभ सिंह 'सोनू', गोला विधायक अमन गिरी, मंजू त्यागी, निघायन विधायक शंशाक वर्मा, जिला अध्यक्ष सुनील सिंह ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मुलाकात की थी। संजय ने उनकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया था। हालांकि IPS साहा को हटाने या उन पर अन्य कोई एक्शन लेने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया था। पहले जानिए एसपी और विधायकों में विवाद की तीन बड़ी वजह 1- योगेश वर्मा को सरेआम मारे थप्पड़ एसपी गणेश प्रसाद साहा और बीजेपी विधायकों में विवाद की शुरुआत 9 अक्टूबर से हुई। अर्बन कोआपरेटिव बैंक का चुनाव था। निवर्तमान चेयरमैन पुष्पा सिंह और पूर्व चेयरमैन मनोज अग्रवाल का खेमा मैदान में था। दोनों अपने-अपने डेलीगेट्स के साथ नामांकन करने के लिए कोआपरेटिव बैंक ऑफिस पहुंचे। सदर विधायक योगेश वर्मा का आरोप है कि मनोज अग्रवाल खेमे के समर्थित प्रत्याशी राजू अग्रवाल का पर्चा वकीलों ने फाड़ दिया। उन्हें पीटा। विधायक को यह बात पता चली, तो वह मौके पर पहुंच गए। विधायक को देखकर पुष्पा सिंह के पति एडवोकेट अवधेश सिंह भड़क गए। जब तक विधायक कुछ समझ पाते, अवधेश सिंह ने विधायक को थप्पड़ मार दिया। यह घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में हुई। इसका भी वीडियो भी सामने आया था। सदर विधायक ने कहा- कोतवाल को हटाओ...मगर एक्शन नहीं हुआ इस पूरी घटना का जिम्मेदार विधायक योगेश वर्मा ने पुलिस को माना। उन्होंने एसपी से कोतवाल अंबर सिंह को हटाने की मांग की, लेकिन कोतवाल पर कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले का भी लखीमपुर के विधायकों ने विरोध किया था। 2- कोतवाल से धौरहरा विधायक ने बताया था जान का खतरा धौरहरा सीट से भाजपा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने प्रभारी मंत्री आशीष पटेल की बैठक में डीएम-एसपी के सामने अपनी ही जान को खतरा बताया था। आरोप लगाया कि धौरहरा इंस्पेक्टर दिनेश सिंह, सपा सांसद आनंद भदौरिया के लिए काम कर रहे हैं। वह उनकी जान के लिए खतरा बन गए हैं। उन्होंने एसपी से इंस्पेक्टर को हटाने की मांग की, लेकिन उनकी भी सुनवाई नहीं हुई। 3- विधायक सौरभ सिंह पर फायरिंग, बाल-बाल बचे एक जनवरी को भाजपा विधायक सौरभ सिंह 'सोनू' पर फायरिंग हुई है। वह बाल-बाल बचे। वारदात उस वक्त हुई, जब बुधवार रात विधायक पत्नी के साथ वॉक पर निकले थे। घटना के बाद आरोपी फायरिंग करते हुए फरार हो गए। वारदात विधायक के घर से 100 मीटर दूर हुई। सौरभ सिंह कस्ता से विधायक हैं। पत्नी खुशबू सिंह मितौली से ब्लॉक प्रमुख हैं। विधायक का घर सदर कोतवाली के शिव कॉलोनी में है। वह अपने पिता पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर के साथ रहते हैं। विधायक पर फायरिंग की सूचना पर आनन-फानन में पुलिस के सीनियर अफसर पहुंच गए। पुलिस ने आसपास के CCTV खंगाले। सदर कोतवाल अंबर सिंह ने बताया- कुछ लोगों को हिरासत में लिया। एसपी के अनुसार, आरोपियों ने विधायक से अभद्रता की बात स्वीकार की, लेकिन फायरिंग की बात से इनकार कर दिया। सीओ पर गुस्सा हो गए विधायक के पूर्व सांसद पिता 3 जनवरी यानी शुक्रवार लखीमपुर खीरी से भाजपा विधायक सौरभ सिंह सोनू पर हुई फायरिंग की जांच करने सीओ सिटी पहुंचे। विधायक के पिता और पूर्व सांसद जुगुल किशोर CO पर ही भड़क गए। उन्होंने कहा- मेरी औकात जान लो। एक-एक घंटे में आईजी, डीआईजी हटवाए हैं। पूर्व सांसद और भाजपा प्रवक्ता जुगुल किशोर ने सीओ सिटी रमेश तिवारी से कहा- मैं मुख्यमंत्री जी के सामने बात रखता हूं। आप लोग यहां रहने लायक नहीं हैं। ना आप, ना आपका इंस्पेक्टर और ना आपके एसपी। यहां की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। दिनदहाड़े डकैती-चोरी और मर्डर हो रहा है। विधायक पर गोली चल रही। पढ़ें पूरी खबर... अब पढ़िए विधायकों की बातचीत... सदर विधायक योगेश वर्मा ने कहा, कानून व्यवस्था समेत कई विषयों पर मुख्यमंत्रीजी से मुलाकात करनी है। सदर विधायक योगेश वर्मा ने कहा, शहर की कानून व्यवस्था समेत कई विषयों पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से बात हुई है। मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करनी है। धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने कहा, हम सभी विधायक एक साथ प्रमुख सचिव गृह से मिले थे, क्योंकि किसी भी समस्या पर हम सब संगठित हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, विधायकों ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मिलकर विधायक सौरभ सिंह सोनू के साथ हुई घटना से अवगत कराया है। प्रमुख सचिव गृह ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एसपी ने कहा- विधायकों से मुनमुटाव जैसी कोई बात नहीं एसपी गणेश प्रसाद साहा ने कहा, किसी विधायक से किसी बात को लेकर कोई मनमुटाव जैसी स्थिति नहीं है। सभी से औपचारिक तरीके से हर विषय पर स्पष्ट बात होती है। दिए गए सुझाव पर भी अमल किया जाता है। तात्कालिक घटना को लेकर थोड़ा आक्रोश हो सकता है, पर विधायक के साथ हुई घटना का पुलिस ने वर्कआउट किया है। सीसीटीवी में दिख रहे युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। दोनों युवकों ने विधायक के साथ अभद्रता की बात स्वीकारी है, पर फायरिंग जैसी घटना की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस हर पहलू पर बहुत ही बारीकी और संवेदनशीलता से जांच पड़ताल कर रही है।

Jan 4, 2025 - 12:35
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जिलाध्यक्ष सहित 6 विधायकों ने की सीएम योगी से मुलाकात:लखीमपुर थप्पड़ कांड से गहराया विवाद; 3 महीने से तनातनी
लखीमपुर खीरी के SP गणेश प्रसाद साहा को हटवाने के लिए तीन भाजपा विधायकों ने लखनऊ में डेरा जमा रखा है

जिलाध्यक्ष सहित 6 विधायकों ने की सीएम योगी से मुलाकात

इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में लखीमपुर थप्पड़ कांड को लेकर तंज और खींचतान तेज हो गई है। हाल ही में जिलाध्यक्ष सहित 6 विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह मुलाकात विवादित मुद्दों पर चर्चा करने और स्थिति को सुलझाने के मकसद से आयोजित की गई थी। यह एक ऐसा विवाद है, जो पिछले 3 महीनों से लगातार चल रहा है।

लखीमपुर थप्पड़ कांड की पृष्ठभूमि

लखीमपुर में हुए थप्पड़ कांड ने पूरी राजनीति में हलचल मचा दी। इस कांड के दौरान बड़े पैमाने पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ आईं और local नेताओं में तनाव बढ़ गया। जिलाध्यक्ष और विधायकों ने इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की जरूरत को महसूस किया। उनको आशंका है कि बढ़ती अस्थिरता पार्टी के विकास और छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

मुख्यमंत्री से मुलाकात का महत्व

मुख्यमंत्री योगी से इस मुलाकात की रणनीति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह बैठक पार्टी में एकजुटता बनाए रखने और अपने कार्यकर्ताओं को जवाबदेह बनाने के लिए एक कदम के रूप में देखी जा रही है। इससे पहले, लगातार तनातनी और राजनीतिक बयानबाजी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया था।

आगे की राह

आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए, यह जानकारी अत्यंत आवश्यक है कि सभी विधायक और नेता अपनी आवाज को एकजुट रखकर स्थानीय मुद्दों पर ध्यान दें। सीएम योगी के साथ होने वाली इस चर्चा के परिणामस्वरूप क्या कदम उठाए जाएंगे, यह भविष्य में देखा जाएगा। नेताओं का मानना है कि सुसंगत संवाद और कार्रवाई से ही यह विवाद सुलझाया जा सकता है।

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