ट्रम्प ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर प्रतिबंध लगाए:कहा- ICC ने शक्तियों का दुरुपयोग किया; इजराइली PM नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट का विरोध
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। ट्रम्प ने ये कदम इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ ICC की तरफ से जारी अरेस्ट वारंट के बाद उठाया है। ट्रम्प ने आदेश में कहा कि अमेरिका और इजराइल इस कोर्ट के सदस्य नहीं हैं। न ही इसे मान्यता देते हैं। ICC ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। उन्होंने ICC अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ ही जांच में मदद करने वाले व्यक्ति की संपत्ति जब्त करने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश भी दिया है। नेतन्याहू अमेरिकी दौरे पर हैं। उन्होंने 4 फरवरी को व्हाइट हाउस में ट्रम्प से और 6 फरवरी को सांसदों से मुलाकात की थी। ICC ने 21 नवंबर को नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ गाजा में युद्ध अपराध, मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार के मामले में अरेस्ट वारंट जारी किया था। 10 जनवरी को संसद के निचले सदन से बिल पास हुआ अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव ने 10 जनवरी को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा बिल पास किया था। बिल पर वोटिंग के दौरान 243 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया, वहीं 140 सांसदों ने इसके विरोध में वोट किया। समर्थन करने वालों में रिपब्लिकन पार्टी के 198 और डेमोक्रेटिक पार्टी के 45 सांसद थे। किसी भी रिपब्लिकन सांसद ने बिल का विरोध नहीं किया। ICC गिरफ्तारी नहीं कर सकता हालांकि ICC के पास गिरफ्तारी करने की शक्तियां नहीं हैं। इसके लिए वह अपने सदस्य देशों पर निर्भर है। वह सिर्फ उन देशों में अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है, जिन्होंने इस कोर्ट की स्थापना करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। गुरुवार को हाउस से बिल पास होने के बाद विदेश मामलों की समिति के रिपब्लिकन अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने कहा कि एक कंगारू कोर्ट हमारे सहयोगी इजराइल के PM को गिरफ्तारी करना चाहती है, इसलिए अमेरिका ये कानून पारित कर रहा है। नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद कई देशों ने अलग-अलग रुख अपनाया है। अमेरिका पहले भी ICC पर प्रतिबंध लगा चुका अमेरिका पहले भी ICC पर प्रतिबंध लगा चुका है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2020 में ICC पर प्रतिबंध लगाए थे। दरअसल, ICC ने अफगानिस्तान में अमेरिका और फिलिस्तीन में इजराइल की आपराधिक गतिविधियों की जांच शुरू कर दी थी। इसके खिलाफ ट्रम्प प्रशासन ने ICC पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि बाद में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इन प्रतिबंधों को हटा दिया था। 2002 में शुरू हुआ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट 1 जुलाई 2002 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC की शुरुआत हुई थी। ये संस्था दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। ------------------------------------------ ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प बोले- अमेरिका गाजा पर कब्जा करके री-डेवलप करेगा, इजराइली PM ने सपोर्ट किया अमेरिका दौरे पर पहुंचे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 फरवरी को एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान ट्रम्प ने कहा था कि गाजा में तबाही के कारण फिलिस्तीनियों के पास वहां से जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पूरी खबर पढ़ें...

ट्रम्प ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर प्रतिबंध लगाए: कहा- ICC ने शक्तियों का दुरुपयोग किया
News by indiatwoday.com
यूएसए का ऐतिहासिक कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के खिलाफ एक कठोर कदम उठाया है। ट्रम्प ने ICC के कार्यों को आलोचना की है और टिप्पणी की है कि कोर्ट ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ICC ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है, जिसने वैश्विक सामुदायिक में हलचल मचा दी है।
प्रतिक्रिया और समर्थन
ट्रम्प सरकार ने इस निर्णय को एक आधार में रखते हुए कहा है कि ICC का यह कदम एक राजनीतिक खेल है, जिसे इजराइल की सरकारी कार्यों पर लगाम लगाने के लिए किया गया है। इजराइल ने इस वारंट के खिलाफ खुला विरोध किया है और कहा है कि यह उनके उचित सुरक्षा उपायों में हस्तक्षेप है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस बिद पर विभिन्न देशों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ देशों ने ICC के निर्णय की आलोचना की है जबकि अन्य ने इसे अंतरराष्ट्रीय न्याय से संबंधित एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने ICC के इस कदम का समर्थन किया है और इसे एक महत्वपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया के रूप में देखा है।
भविष्य के प्रभाव
यह निर्णय केवल ICC और इजराइल के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। यदि अन्य देश भी अमेरिका के इस कदम का समर्थन करते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून की स्थिति को और चुनौतियों में डाल सकता है।
क्या होता है आगे?
इस मामले में आगे की स्थिति पर सभी की नजरें रहेंगी। ICC का फैसला और ट्रम्प का यह निर्णय 2024 के चुनावों में भी असर डाल सकता है, खासकर बाहरी नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में।
हालांकि, यह समझना आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय न्याय व्यवस्था में ये विकल्प और परिस्थितियां हर दिन बदलती रहती हैं।
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