ट्रम्प ने भेदभाव खत्म करने वाला प्रोग्राम बंद किया:स्टॉफ को सैलरी देकर छुट्टी पर भेजा, नौकरी से निकालने की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को भेदभाव के खिलाफ चलाए जाने वॉले विविधता, समानता और समावेशी प्रोग्राम' (DEI) को खत्म करने का आदेश दिया है। इसके सभी कर्मचारियों को सैलरी देकर छुट्टी पर भेज दिया गया है। इतना ही नहीं इन लोगों को नौकरी से निकालने की तैयारी भी कर ली गई है। रॉयटर्स के मुताबिक इस प्रोग्राम का उद्देश्य महिलाओं, ब्लैक, अल्पसंख्यकों, LGBTQ+ और अन्य कम प्रतिनिधित्व वाले ग्रुप्स के लिए अवसरों को बढ़ावा देना है। ट्रम्प के इस फैसले से इन समुदायों के खिलाफ पूर्वाग्रह और भेदभाव खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहीम मुश्किल में पड़ सकती है। ट्रम्प का प्राइवेट कंपनियों पर भी दबाव DEI के तहत अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट प्राइवेट कंपनियों की भी जांच कर सकता है। इसमें यह देखा जाता है कि कंपनियों ने लोगों को नौकरी पर रखने के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया है और इसमें कहीं भेदभाव तो नहीं किया जा रहा है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि DEI के तहत गोरों लोगों से भेदभाव किया जाता है। ट्रम्प ने अपने इलेक्शन कैंपेन के दौरान DIE को बंद करने का वादा किया था। ट्रम्प प्राइवेट सेक्टर भी दबाव बना रहे है कि वो अलग अलग समूहों लोगों को ध्यान में रखकर की गई जॉइनिंग की समीक्षा करें। लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक ट्रम्प ने 1965 में लिंडन जॉनसन की तरफ से जारी किए गए उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि फेडरल कॉन्ट्रैक्ट में नस्ल, रंग, धर्म, जेंडर और राष्ट्रीयता के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। ट्र्म्प चीन पर 10% लगा सकते हैं इस फैसले के अलावा ट्रम्प चीन पर 10% टैरिफ लगाने पर भी विचार कर रहे हैं। साथ ही ट्रम्प ने BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। अमेरिकी में बिकने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट्स दूसरे देशों से आते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स को डर है कि ट्रम्प के इन फैसलों से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है। PWC के सर्वे के मुताबिक 45% अमेरिकी चीन पर 10 फीसदी टैरिफ का समर्थन करते हैं। करीब एक 33% अमेरिकी चीन पर 20% टैरिफ के लिए तैयार हैं। लगभग इतने ही अमेरिकी चीनी प्रोडक्ट्स के आयात पर 60% टैरिफ लगाने के पक्ष में हैं। इसका मतलब है कि अमेरिकियों के बीच चीन को लेकर खास तल्खी है। ट्रम्प इस पब्लिक सेंटीमेंट का फायदा उठा सकते हैं। ट्रम्प का मानना है कि टैरिफ से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार बढ़ेंगे। लेकिन इससे रिटेल कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसे वे ग्राहकों पर डाल सकते हैं। ‘नेशनल रिटेल फेडरेशन एंड कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एसोसिएशन’ ने चेताया है कि टैरिफ आखिरकार अमेरिकी बिजनेस और ग्राहकों का ही खर्च बढ़ाएगी। -------------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... अमेरिका में जन्मजात नागरिकता कानून खत्म:अवैध प्रवासियों की एंट्री बंद, थर्ड जेंडर की मान्यता खत्म; ट्रम्प ने बाइडेन के 78 फैसलों को पलटा डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार, 20 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। ट्रम्प ने सत्ता संभालते ही देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी नीतियों में कई बड़े बदलाव लाने की बात कही। यहां पढ़ें पूरी खबर...

ट्रम्प ने भेदभाव खत्म करने वाला प्रोग्राम बंद किया
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिसमें उन्होंने भेदभाव खत्म करने वाले कार्यक्रम को बंद करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समान अधिकारों को सुनिश्चित करना था, लेकिन राष्ट्रपति का यह फैसला कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है। इसके साथ ही, स्टॉफ को सैलरी देकर छुट्टी पर भेजने और नौकरी से निकालने की तैयारी भी की जा रही है।
भेदभाव खत्म करने वाले कार्यक्रम का महत्व
भेदभाव खत्म करने वाला यह प्रोग्राम वर्षों से अमेरिकी नौकरी बाजार में समानता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा था। यह न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करता था, बल्कि विभिन्न जातियों और पृष्ठभूमियों के लोगों के लिए रोजगार के समान अवसर प्रदान कर रहा था। राष्ट्रपति ट्रम्प के इस नए निर्णय से कई कर्मचारियों में चिंता और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है।
स्टॉफ को सैलरी देकर छुट्टी पर भेजने का निर्णय
इसके साथ ही, ट्रम्प प्रशासन ने अपने स्टाफ के सदस्यों को सैलरी देकर छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया है। यह कदम आर्थिक नीतियों में बदलाव का संकेत देता है और कई लोगों के लिए संभावित रोजगार संकट को जन्म दे सकता है। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों को प्रभावित करेगी, बल्कि व्यापारों पर भी दीर्घकालिक प्रभाव डालेगी।
भविष्य की चुनौतियां
ट्रम्प के इस फैसले के बाद, आने वाले दिनों में अमेरिका में सामाजिक और आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ सकता है। भेदभाव संबंधी कार्यक्रमों के समाप्त होने से समाज में असमानता बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, विभिन्न उद्योगों में कर्मचारियों की छंटनी का भी खतरा बढ़ सकता है।
अंततः, यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रम्प प्रशासन इस निर्णय के बाद किस तरह से नीति परिवर्तन करेगा और कर्मचारियों के अधिकारों को कैसे संरक्षित करेगा।
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