ट्रेन जाने के बाद भी बंद रहता है फाटक:अमेठी सांसद ने डीआरएम को लिखा लेटर, एंबुलेंस और स्कूल बसें भी फंसी रहती हैं
अमेठी के मुसाफिरखाना स्थित लखनऊ सुल्तानपुर रेलवे ट्रैक पर स्थित रेलवे फाटक ट्रेन जाने के बाद भी काफी देर तक बंद रहते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत के बाद कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा ने मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। सांसद कहना है कि फाटक बंद होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और एंबुलेंस के अलावा स्कूल जाने वाले बच्चों की गाड़ियां भी फाटक पर फंसी रहती हैं। दरअसल अमेठी के मुसाफिरखाना स्थित लखनऊ सुल्तानपुर रेल खंड पर बने रेलवे फाटक गेट संख्या 109 सी और गेट संख्या एलसी 104 सी ट्रेन जाने के बाद भी काफी देर तक बंद रहते हैं। फाटक बंद होने से राहगीरों के अलावा एंबुलेंस और बच्चों से भरी स्कूल बस, फायर ब्रिगेड, डायल 112 को काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी शिकायत दौरे के दौरान कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा से की। ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सांसद किशोरी लाल शर्मा ने मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ को पत्र लिखकर समस्या से जल्द से जल्द निजात दिलाने का अनुरोध किया। अवगत कराने की कही बात सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि दोनों गेटों पर ट्रेन जाने के बाद काफी देर तक रेलवे फाटक बंद रहता है, जिससे लोगों को भारी असुविधा होती है। लोगों की परेशानियों को देखते हुए ट्रेन के निकल जाने के बाद जल्द से जल्द खोलने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जाए और मुझे भी अवगत कराया जाय।

ट्रेन जाने के बाद भी बंद रहता है फाटक: अमेठी सांसद ने डीआरएम को लिखा लेटर
हाल ही में अमेठी सांसद ने डीआरएम को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें जिक्र किया गया है कि कैसे ट्रेनों के गुजरने के बाद भी फाटक बंद रहता है। इससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित होता है, बल्कि एंबुलेंस और स्कूल बसें भी अक्सर फंसी रहती हैं। यह समस्या काफी समय से जोरों पर है और इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
फाटक बंद रहने का प्रभाव
जब फाटक बंद रहता है, तो एंबुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं को रुकावट का सामना करना पड़ता है। समय पर अस्पताल पहुंचना या मरीजों को उनके गंतव्य तक पहुंचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, स्कूल बसों को भी छात्रों को लाने और ले जाने में कठिनाई होती है। इस सबका एक व्यापक सामाजिक और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
सांसद का पत्र और उसकी मांगें
अमेठी सांसद ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि रेलवे को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है। उन्होंने डीआरएम से फाटक के संचालन में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि फाटक केवल तभी बंद हो जब ट्रेनों का आवागमन हो। उनके पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा और समय का ध्यान रखते हुए इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए।
समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में कदम
इस पत्र के जरिए उम्मीद जताई जा रही है कि रेलवे प्रशासन इस मुद्दे को लेकर जागरूक होगा और जल्द ही कुछ प्रभावी कदम उठाएगा। सांसद की इस पहल से उम्मीद है कि क्षेत्रवासियों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी और ट्रैफिक जाम की समस्याओं में कमी आएगी।
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निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ रेल फाटक के बारे में नहीं है, बल्कि यह आम जनता की दिनचर्या पर पड़ने वाले प्रभाव का भी प्रतिनिधित्व करता है। सही समय पर उचित कदम उठाने से न केवल जनजीवन को सुगम बनाया जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार किया जा सकता है। Keywords: अमेठी सांसद, डीआरएम को पत्र, ट्रेन फाटक बंद, एंबुलेंस फंसी, स्कूल बसें, रेलवे समस्या, ट्रैफिक जाम, नागरिक सुरक्षा, रेल ट्रैफिक, रेलवे सुधार
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