डीएम कम्पाउंड के ऑफिसर्स क्लब में दफनाई गई थी एकता:कानपुर में चर्चित एकता हत्याकांड में झांसी फोरेंसिक लैब से आई रिपोर्ट, खोपड़ी और डीएनए की रिपोर्ट आना बाकी
कानपुर के चर्चित एकता गुप्ता हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। एकता के शव को डीएम कम्पाउंड स्थित ऑफिसर्स क्लब की जमीन में ही दफनाया गया था। मिट्टी की रिपोर्ट झांसी फोरेंसिक लैब से पुलिस के पास पहुंच चुकी है। इस प्रकरण में अब खोपड़ी और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आना बाकी है। इस रिपोर्ट के बाद कहीं और एकता को मारकर छुपाने की थ्योरी में विराम लग गया है। पुलिस के मुताबिक अब इस मामले में आरोपी विमल सोनी को तीन माह में सजा कराने का टारगेट है। बीती 24 जून को एकता गुप्ता लापता हो गई थी। पति ने जिम ट्रेनर विमल सोनी पर पत्नी को गायब करने का आरोप लगाया था। अक्टूबर 2024 में एकता का शव डीएम कम्पाउंड स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में तब बरामद हुआ जब पुलिस ने आरोपी विमल सोनी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की। विमल ने एकता की हत्या कबूली थी। इस मामले में सीन रीक्रिएशन भी सटीक बैठा। एकता के शव से बरामद हुई मिट्टी को जांच के लिए पुलिस ने झांसी फोरेंसिक लैब भेजा था। जिसकी रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है। रिपोर्ट में शव पर मिली मिट्टी और ऑफिसर्स क्लब से लिए गए नमूने को एक ही मिट्टी का बताया गया है। पुलिस के मुताबिक अब बस खोपड़ी और डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें भी विवेचना में शामिल किया जाएगा। मिशन कनविक्शन में डाला जाएगा केस एसीपी कोतवाली आशुतोष ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट में मिट्टी एक ही मिली है। अब इस मामले को मिशन कनविक्शन में डाला जाएगा। टारगेट यह है कि तीन महीने में आरोपी को सजा दिला दी जाए।

डीएम कम्पाउंड के ऑफिसर्स क्लब में दफनाई गई थी एकता: कानपुर में चर्चित एकता हत्याकांड में झांसी फोरेंसिक लैब से आई रिपोर्ट
कानपुर में चर्चा का विषय बनी एकता हत्याकांड में झांसी फोरेंसिक लैब से आई ताजा रिपोर्ट ने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एकता का शव डीएम कम्पाउंड के ऑफिसर्स क्लब में दफन किया गया था। इस जघन्य अपराध ने पूरे शहर को झकझोर दिया है और स्थानीय निवासियों में खौफ का माहौल बना हुआ है।
घटनाक्रम की बारीकियाँ
एकता का शव मिलने से पहले ही इस मामले में कई समीकरण सामने आए थे। यह एक ऐसा मामला है जिसमें पुलिस और फोरेंसिक विभाग ने मिलकर गहन छानबीन की है। झांसी फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कुछ खास तथ्य सामने आए हैं, जबकि खोपड़ी और डीएनए की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इन रिपोर्टों का इंतजार शहर के लोगों के लिए और पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
फोरेंसिक अनुसंधान का महत्व
फोरेंसिक रिपोर्ट में ऐसे कई पहलू शामिल होते हैं, जो एक केस को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। खोपड़ी और डीएनए की जांच न केवल अपराधी को पहचानने में सहायता करती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि घटना किस तरह से हुई। इस मामले में जांच तेज़ी से आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
कानपुर का संदर्भ
कानपुर शहर में इससे पहले भी कई हत्याकांड हुए हैं, लेकिन एकता का मामला अलग ही कड़ी में खड़ा है। इस मामले ने न केवल कानपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया है। शहर की महकमा पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस प्रकरण को प्राथमिकता के साथ देख रहे हैं।
अंतिम शब्द
एकता हत्याकांड का मामला अब एक खुला सवाल बन गया है। रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा में, स्थानीय समुदाय और प्रशासन दोनों ही इस पर गहरी नजर रखे हुए हैं। इस हत्याकांड का सही समाधान निकालने के लिए आवश्यक है कि सभी तथ्यों को बारीकी से समेटा जाए और जांच एजेंसियों को समय पर आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
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