डॉ. राजीव चौहान गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित:जल संरक्षण के लिए किया काम, 30 हजार से ज्यादा कछुए बचाए

इटावा के प्रख्यात पर्यावरणविद् डॉ. राजीव चौहान को इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चुने गए सात जल योद्धाओं में से एक डॉ. चौहान ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। 1999 में स्थापित उनकी संस्था 'सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर' के माध्यम से अब तक 30,000 से अधिक मीठे पानी के कछुए, 10 घड़ियाल, 10 मगरमच्छ और 800 सांपों का जीवन बचाया गया है। डॉ. चौहान के प्रयासों से सरसई नावर झील और समन पक्षी विहार को रामसर साइट का दर्जा मिला, जो राज्य पक्षी सारस क्रेन का सुरक्षित आवास बन गया है। कानपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले डॉ. चौहान ने यमुना, चंबल, सिंध, क्वारी और पहुज नदियों की जल गुणवत्ता और जैव विविधता पर महत्वपूर्ण शोध किया है। उन्हें IUCN की मीठे पानी के कछुए और मगरमच्छ विशेषज्ञ समूह में मानद सदस्यता प्राप्त है। वर्तमान में वे 'नमो कालिंदी परियोजना' के तहत यमुना नदी की जैव विविधता के संरक्षण पर कार्यरत हैं। कई उपलब्धियां हैं शामिल उनकी विशिष्ट उपलब्धियों में 2006 में वेटलैंड इंस्टीट्यूट, अमेरिका से प्राप्त छात्रवृत्ति और विश्व बैंक की सोडिक लैंड परियोजना का सफल विरोध कर आर्द्रभूमि को बचाना शामिल है। वे उत्तर प्रदेश राज्य वन्यजीव बोर्ड और इटावा सफारी पार्क सोसायटी में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।

Jan 23, 2025 - 11:00
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डॉ. राजीव चौहान गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित:जल संरक्षण के लिए किया काम, 30 हजार से ज्यादा कछुए बचाए
इटावा के प्रख्यात पर्यावरणविद् डॉ. राजीव चौहान को इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में विशेष आमंत्रित स

डॉ. राजीव चौहान गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित: जल संरक्षण के लिए किया काम, 30 हजार से ज्यादा कछुए बचाए

भारत के गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित होना एक गर्व का विषय है, और इस वर्ष डॉ. राजीव चौहान को इस सम्मान को प्राप्त हुआ है। डॉ. चौहान ने जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिससे उन्होंने पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके काम के फलस्वरूप, उन्होंने 30 हजार से ज्यादा कछुओं को बचाने में सफलता प्राप्त की है, जो कि उनके प्रयासों की गहराई को दर्शाता है।

जल संरक्षण पर डॉ. चौहान का योगदान

डॉ. राजीव चौहान का जल संरक्षण में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने न केवल कछुओं की सुरक्षा की है बल्कि जल के महत्व को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। उनके कार्यों ने न केवल स्थानीय समुदाय को, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। उनके नवाचार और प्रभावी रणनीतियों के चलते, जल संरक्षण ने एक नया मोड़ लिया है।

कछुओं का संरक्षण

डॉ. चौहान की टीम ने कई अभियानों के माध्यम से कछुओं के लिए सुरक्षित आवास और प्रजनन क्षेत्रों का विकास किया है। यह प्रयास देश की जैव विविधता में योगदान देता है और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। उनके द्वारा स्थापित संरक्षण केंद्रों में कछुओं की देखभाल और पुनर्वास के लिए उत्कृष्ट सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।

गणतंत्र दिवस परेड में भागीदारी

गणतंत्र दिवस परेड में डॉ. चौहान का आमंत्रण इस बात का प्रमाण है कि उनके कार्यों को मान्यता दी जा रही है। यह समारा का आयोजन हर साल 26 जनवरी को होता है और इसमें भारत की विविधता और संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है। उनका इस विशेष अवसर पर भाग लेना एक प्रेरणादायक कदम है और देश को जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में डॉ. चौहान के योगदान को देखते हुए, हमें जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहने और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

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