तुर्किये में थम गई 40 साल पुरानी जंग:कुर्दों ​​​​​​​आतंकी संगठन ने हथियार डाले; अलग देश की लड़ाई में अब तक 40 हजार मौतें

तुर्किये में कुर्द अलगाववादी और सरकार के बीच 40 साल से जारी संघर्ष खत्म हो गया है। आतंकी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) के उग्रवादियों ने तुर्किये के साथ सीजफायर की घोषणा कर दी है। एक दिन पहले ही जेल में बंद PKK नेता अब्दुल्ला ओकलान ने संगठन को भंग करने की आदेश दिया था। PKK ने ओकलान का हवाला देते हुए कहा- शांति और लोकतांत्रिक समाज के लिए हमारे नेता के आदेश पर हम आज से सीजफायर की घोषणा कर रहे हैं। PKK की उत्तरी इराक में मौजूद शाखा ने कहा कि हम भी सीजफायर का पालन करेंगे। जब तक हम पर हमला नहीं किया जाता, तब तक हमारी सेना भी कोई हिंसक कार्रवाई नहीं करेगी। तुर्किये, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने PKK को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। तुर्किये की 8.5 करोड़ आबादी में कुर्दों की संख्या लगभग 1.5 करोड़ यानी 20% है। 1984 से छेड़ रखी थी जंग 1978 में बने इस संगठन की मांग थी कि उन्हें तुर्किये से अलग करके कुर्दिस्तान बनाया जाए, या फिर तुर्किये के अंदर कुर्दों को पहले से ज्यादा अधिकार दिए जाएं। इस मांग के साथ संगठन ने 1984 में तुर्किये सरकार के खिलाफ जंग छेड़ी थी। इस जंग में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके चलते तुर्किये, अमेरिका और यूरोपीय संघ इस संगठन को आतंकी घोषित कर चुके हैं। संगठन के नेता अब्दुल्लाह ओकलान को 1999 में तुर्की की स्पेशल फोर्स ने केन्या में पकड़ा था। तब से उसे इस्तांबुल की एक जेल में कैद रखा गया है, जहां वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। ओकलान ने कहा- अब इस संगठन की जरूरत नहीं रही अब्दुल्लाह ओकलान ने संगठन से दो जरूरी काम करने को कहा जिससे तुर्किये के साथ बीते कई साल से चला आ रहा संघर्ष तुरंत खत्म हो सकता है। ये हैं- अपने हथियार डालना और संगठन को भंग करना। ओकलान की तरफ से उसका स्टेटमेंट प्रो-कुर्दिश पार्टी DEM के नेताओं ने पढ़कर सुनाया। इस बयान में ओकलान ने कहा, तुर्किये सरकार की तरफ से कुर्दों के अधिकारों पर रोक लगाई जा रही थी, इसके जवाब में PKK का गठन किया गया था। लेकिन तब से अब तक कुर्दों के अधिकारों में इजाफा हुआ है। साथ ही यह संगठन अपनी उम्र पूरी कर चुका है। अब इसे खत्म कर दिया जाना जरूरी है। इराक में है पार्टी का हेडक्वार्टर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी कुर्द अलगाववादी समूह है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी। इसका मकसद आजाद कुर्दिस्तान की स्थापना करना है। यह समूह ईरान, इराक, सीरिया और तुर्की के कुर्द बहुल क्षेत्रों पर कब्जा कर कुर्द अधिकारों को आगे बढ़ाना है। PKK का हेडक्वार्टर लंबे समय से इराक में है। 2013 से 2015 तक PKK और तुर्किये सरकार के बीच युद्धविराम बना रहा। इसके बाद तुर्किये के सुरक्षा बलों ने दक्षिणपूर्वी तुर्की में PKK के आंतकी ऑपरेशन को लगभग रोक दिया, इसके बाद इस संगठन ने मुख्य रूप से इराक और सीरिया में ऑपरेशन को अंजाम देना शुरू किया। तुर्किये के पहाड़ी इलाकों में बसते हैं कुर्दिश लोग कुर्द समुदाय के लोग तुर्किये के पहाड़ी इलाकों और सीमाई क्षेत्रों के साथ इराक, सीरिया, ईरान और आर्मेनिया में रहते हैं। ये तुर्किये में मौजूद माइनॉरिटी समुदायों में सबसे बड़ा है। कुर्द तुर्किये में अपनी स्वायत्तता के लिए लड़ रहे हैं। सीरिया और इराक में भी कुर्द अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तुर्किये सरकार और इस संगठन के बीच शांति लाने की बातचीत एक दशक पहले नाकाम हो चुकी है। इसके बाद से इस ग्रुप ने तुर्किये में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। इधर तुर्किये की सेना ने देश के दक्षिणपूर्वी इलाके और सीरिया और इराक के बॉर्डर के पास सैन्य ऑपरेशन किए हैं।

Mar 1, 2025 - 17:59
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तुर्किये में थम गई 40 साल पुरानी जंग:कुर्दों ​​​​​​​आतंकी संगठन ने हथियार डाले; अलग देश की लड़ाई में अब तक 40 हजार मौतें
तुर्किये में कुर्द अलगाववादी और सरकार के बीच 40 साल से जारी संघर्ष खत्म हो गया है। आतंकी संगठन कुर्

तुर्किये में थम गई 40 साल पुरानी जंग: कुर्दों आतंकी संगठन ने हथियार डाले

तुर्किये में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है, जहाँ कुर्दों के आतंकी संगठन ने अपने हथियार डालने का फैसला किया है। यह कदम 40 साल पुरानी एक लड़ाई को समाप्त करने की दिशा में हैं। कुर्दों और तुर्की सरकार के बीच यह संघर्ष कई दशकों से चल रहा था, जिसमें अब तक लगभग 40,000 मौतें हो चुकी हैं।

कुर्दों का संघर्ष और इसके प्रभाव

कुर्दों का संघर्ष मुख्य रूप से तुर्की के दक्षिण पूर्वी हिस्से में स्थित एक अलग देश की मांग को लेकर रहा है। इस संघर्ष का उद्देश्य अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना था। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस संघर्ष ने आतंकवाद की गंभीर स्थिति को जन्म दिया, जिससे न केवल तुर्की, बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता आई।

हथियार डालने का निर्णय

जब कुर्दों के आतंकवादी संगठन ने हथियार डालने का फैसला किया, तो यह तुर्की की सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते का संकेत है। इस निर्णय से यह उम्मीद की जा रही है कि संघर्ष का अंत होगा और क्षेत्र में शांति की स्थापना की जा सकेगी। यह कदम तुर्की की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।

संघर्ष के दौरान होने वाली घटनाएं

इस संघर्ष के दौरान, कई जटिल घटनाएं हुईं, जिसमें दोनों पक्षों से कई जिंदगियों का नुकसान हुआ। तुर्की सरकार ने कई सैन्य अभियानों के द्वारा कुर्दों के खिलाफ कार्रवाई की, जिससे स्थिति और खराब हो गई। अब जब कुर्द संगठन ने हथियार डाल दिए हैं, तो यह एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है।

भविष्य की संभावनाएं

आगामी समय में, यह देखना होगा कि क्या यह समझौता सचमुच शांति की ओर अग्रसर होता है या नहीं। दोनों पक्षों को सहयोग करना होगा और एक दूसरे की सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करना होगा। यह कुर्दों के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वे आत्म-नियंत्रण दिखाएं और अपने लक्ष्यों को शांतिपूर्ण तरीकों से प्राप्त करने का प्रयास करें।

यह परिवर्तन एक ऐसा मोड़ है, जो न केवल इलाके के लिए, बल्कि पूरी विश्व समुदाय के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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