दरोगा भर्ती की खाली सीटें भरने की मांग में बोर्ड:2016 की पुलिस उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी व फायर सर्विस भर्ती का मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 की पुलिस उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी व फायर सर्विस भर्ती का अतिरिक्त परिणाम घोषित कर खाली पदों पर चयनित याचीगण की नियुक्ति की मांग में दाखिल याचिका यह कहते हुए निस्तारित कर दी है कि याची दो हफ्ते में भर्ती बोर्ड को प्रत्यावेदन दे और बोर्ड उस पर छः हफ्ते में निर्णय ले। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने फतेहपुर के आकाश कुमार व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण भर्ती परीक्षा में चयनित है और भर्ती में कई पद खाली रह गये है। आरक्षण के नियमानुसार खाली पदों को भरा जाना चाहिए। भर्ती बोर्ड को प्रत्यावेदन दिया गया है किन्तु कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

दरोगा भर्ती की खाली सीटें भरने की मांग में बोर्ड: 2016 की पुलिस उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी व फायर सर्विस भर्ती का मामला
News by indiatwoday.com
भर्ती की स्थिति और रिक्त स्थान
उत्तर प्रदेश में दरोगा भर्ती की खाली सीटें भरने का मामला हाल ही में फिर से सुर्खियों में है। 2016 में होने वाली पुलिस उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी और फायर सर्विस के लिए की गई भर्ती में कई पद रिक्त रहे। अब यह मांग उठ रही है कि इन खाली सीटों को जल्द से जल्द भरा जाए। राज्य के युवा रोजगार और सरकारी नौकरी की संभावनाओं पर नज़र रखते हुए, यह जरुरी है कि भर्ती प्रक्रिया को गति दी जाए।
भर्ती बोर्ड की भूमिका
भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह उचित समय पर प्रेक्षण और साक्षात्कार के जरिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करें। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में भर्ती प्रक्रिया में देरी के चलते, कई युवा उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदें खो दी हैं। इन रिक्तियों को भरने के लिए बोर्ड को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि युवाओं को नौकरियों के अवसर मिल सकें।
गंभीरता से ली जानी चाहिए मांग
सरकार को इस मांग को गंभीरता से लेना चाहिए और सीटों को भरने की प्रक्रिया को त्वरित करना चाहिए। विभिन्न संगठनों द्वारा उठाए गए सवालों का समाधान करना आवश्यक है, जिससे कि भविष्य में ऐसे मुद्दों का समाधान किया जा सके। साथ ही, यदि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए, तो यह युवाओं के लिए विश्वास का एक नया स्रोत बन सकता है।
समाज में जागरूकता
इस मुद्दे पर समाज में जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। युवा उम्मीदवारों को अपने अधिकारों और अवसरों के प्रति जागरूक करना होगा ताकि वे रोजगार में आने वाली सभी अवसरों का अधिकतम लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष
दरोगा भर्ती की खाली सीटें भरने की मांग में बोर्ड की प्रतिक्रियाएँ और गर्छ कार्यभर की गतिविधियों पर दृष्टि टेढ़ी हो चुकी है। युवाओं की आवाज़ को सुनकर और उनकी मांगों को मान्यता देकर ही राज्य सरकार को सफल परिणाम मिल सकते हैं।
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