दावा- भारत ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को पाकिस्तान जाने से रोका:गणतंत्र दिवस परेड के बाद नई दिल्ली से इस्लामाबाद जाने का प्लान था
भारत ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो को पाकिस्तान के दौरे पर न जाने के लिए मना लिया है। मीडिया हाउस द प्रिंट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति सुबियांतो भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान का दौरा नहीं करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने राष्ट्रपति सुबियांतो को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस परेड में चीफ गेस्ट के तौर पर हिस्सा लेने का न्योता भेजा है। हालांकि भारत की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सुबियांतो, पाकिस्तान की तीन दिवसीय यात्रा के लिए आएंगे। वे भारत दौरे पर जाएंगे और वहीं से पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे। हालांकि भारत सरकार ऐसा नहीं चाहती थी कि सुबियांतो सीधे भारत से पाकिस्तान जाएं। इसके लिए भारत ने इस मुद्दे को इंडोनेशिया के साथ उठाया था। भारत क्यों नहीं चाहता, नई दिल्ली से इस्लामाबाद जाएं सुबियांतो इंडोनेशिया, आसियान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत ने हाल के कुछ साल में दक्षिण इंडोनेशिया के साथ अपने संबंधों पर बेहतर ध्यान दिया है। इन मजबूत संबंधों के बीच भारत नहीं चाहता था कि सुबियांतो का पाकिस्तान दौरा भारत के साथ रिश्तों पर नकारात्मक असर डाले। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह के तुरंत बाद इस्लामाबाद की यात्रा करते हैं तो यह भारत के लिए नकारात्मक संकेत हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं और ऐसे में एक प्रमुख विदेशी नेता की भारत यात्रा के तुरंत बाद पाकिस्तान जाना भारत की कूटनीतिक स्थिति को कमजोर कर सकता है। भारत ने अब तक चीफ गेस्ट का नाम घोषित नहीं किया आमतौर पर उन्हीं देशों के नेताओं को गणतंत्र दिवस परेड में चीफ गेस्ट बनने का न्योता मिलता है, जिनके भारत के साथ मजबूत कूटनीतिक रिश्ते हों। हालांकि पहले यह परंपरा हुआ करती थी कि भारत गणतंत्र दिवस का हिस्सा बनने वाले चीफ गेस्ट का नाम महीनों पहले ही घोषित कर दिया करता था। लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस से 15 दिन पहले तक भारत ने चीफ गेस्ट का नाम घोषित नहीं किया है। इसकी वजह भी सुबियांतो का पाकिस्तान दौरा को माना जा रहा है। साल 2018 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति जोको विडोडो भारत के गणतंत्र दिवस परेड में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे। हालांकि तब वे भारत का दौरा करने के बाद दो दिन की राजकीय यात्रा के लिए पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन इस बार, भारत सरकार यह सुनिश्चित किया कि ऐसी स्थिति फिर से न हो। पाकिस्तान ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यात्रा की घोषणा की पाकिस्तान ने इस महीने के आखिर में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यात्रा की घोषणा भी कर दी है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे 26 जनवरी को इस्लामाबाद आएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए एक विशेष समिति गठित की है। गुरुवार को इसकी बैठक भी हुई। पाकिस्तान के प्लानिंग मिनिस्टर अहसान इकबाल ने इसकी अध्यक्षता भी की। भारत दौरे के बाद पाकिस्तान नहीं गए थे सऊदी क्राउन प्रिंस सितंबर 2023 में G-20 समिट के बाद 1 दिन के स्टेट विजिट पर जब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत दौरे पर आए थे। इस यात्रा से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने काफी कोशिशें की थी चाहे कुछ ही घंटे के लिए सही, प्रिंस सलमान भारत से पाकिस्तान आएं। हालांकि तब उन्होंने ऐसा नहीं किया था। तब पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि भारत की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। गौरतलब है कि जब फरवरी 2019 में प्रिंस सलमान भारत आए थे, तब उन्होंने भारत से लौटते वक्त पाकिस्तान की यात्रा की थी।

भारत ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को पाकिस्तान जाने से रोका
गणतंत्र दिवस परेड के बाद की घटना
भारत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को पाकिस्तान जाने से रोका। गणतंत्र दिवस परेड के बाद, उनका इस्लामाबाद जाने का कार्यक्रम था, जो अब स्थगित हो गया है। इस घटना ने भारतीय विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
घटना की पृष्ठभूमि
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के कारण, यह कदम उठाना एक रणनीतिक निर्णय प्रतीत होता है। गणतंत्र दिवस परेड, जो भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक है, से ठीक पहले इस निर्णय ने क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।
क्या यह कदम उचित है?
इस कदम की उचितता पर विचार करते हुए, कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत की सुरक्षा नीति के अनुसार है। पाकिस्तान में विभिन्न सुरक्षा चिंताओं के चलते, ऐसे फैसले लेना कोई नई बात नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय भारत की सुरक्षा के प्रति एक सख्त दृष्टिकोण को दर्शाता है।
भविष्य के प्रभाव
इस घटना के भविष्य में प्रभाव को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंधों पर इसका क्या असर पड़ेगा। दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंध इस निर्णय के बाद कैसे विकसित होंगे, यह देखने का विषय होगा।
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निष्कर्ष
इस प्रकार, भारत का इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को पाकिस्तान जाने से रोकना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नई दिशा दे सकता है। यह घटना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय विदेश नीति के लिए भी नये संकेत प्रदान करती है। Keywords: भारत इंडोनेशियाई राष्ट्रपति, पाकिस्तान यात्रा रोकना, गणतंत्र दिवस परेड, भारत पाकिस्तान संबंध, विदेश नीति भारत, भारतीय सुरक्षा नीति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, द्विपक्षीय संबंध भारत इंडोनेशिया, क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा चिंताओं
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