दिन भर लगी रही SDRF, नहीं मिला पिता-पुत्र का सुराग:कौशांबी में चार दिन पहले गंगा में डूबे थे, गंगा में तर्पण के दौरान हादसा
कौशांबी के शक्ति पीठ कड़ा धाम के बाजार घाट पर डूबे पिता-पुत्र की लाशें गुरुवार को भी गंगा से नहीं निकाली जा सकीं। सोमवार को हुए इस हादसे के बाद SDRF की टीम ने अब सर्च ऑपरेशन का दायरा बढ़ाकर 14 किलोमीटर कर दिया है, लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। आइए जानते हैं पूरा मामला... दारानगर निवासी मनमोहन मिश्रा के निधन के बाद उनका परिवार तर्पण संस्कार के लिए सोमवार सुबह बाजार घाट गया था। स्नान के दौरान नाती ऋषभ गंगा में फिसल कर डूबने लगा। उसे बचाने की कोशिश में उसके पिता जय जनार्दन मिश्रा और बड़े पिता जय कृष्ण मिश्रा भी गहरे पानी में डूब गए। किसी तरह शिखर मिश्रा और जय कृष्ण मिश्रा को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन सीएचसी में जय कृष्ण मिश्रा ने दम तोड़ दिया। खोज में जुटी टीमों को नहीं मिली सफलता पिता-पुत्र की तलाश में SDRF की टीम ने चौथे दिन भी अपनी कोशिशें जारी रखीं। चार नावों पर सवार गोताखोरों ने संभावित स्थानों पर 32 बार डुबकी लगाई, जबकि माझियों ने जाल डालकर तलाशी ली। लेकिन कोखराज गंगा पुल से लेकर बाजार घाट तक का 14 किलोमीटर का इलाका खंगालने के बाद भी शव नहीं मिल सके। परिवार का हाल बेहाल लापता पिता-पुत्र के शव न मिलने से परिवार की हालत खराब है। परिवार के लोग अब उम्मीद खोते जा रहे हैं और प्रशासन से जल्द से जल्द शव बरामद करने की गुहार लगा रहे हैं। प्रशासन की प्रतिक्रिया ASP राजेश सिंह ने बताया कि SDRF और स्थानीय गोताखोरों की मदद से तलाशी अभियान जारी है। यह संभावना है कि लाशें नदी के बहाव में दूर बह गई हों। तलाशी का दायरा बढ़ाया गया है और पुलिस जल्द से जल्द शवों को बरामद करने की कोशिश कर रही है।

कौशांबी में SDRF की खोजबीन
कौशांबी जिले में गंगा नदी में हुए एक गंभीर हादसे के बाद, राज्य आपातकालीन सेवा (SDRF) ने पूरे दिन तलाश जारी रखी, लेकिन पिता-पुत्र का कोई सुराग नहीं मिला। चार दिन पहले, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब एक परिवार तर्पण कार्यक्रम के दौरान गंगा में गया था।
घटना का विवरण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चार दिन पहले, परिवार का एक सदस्य गंगा में जा गिरा, और उसके पिता ने उसे बचाने के प्रयास में गंगा में प्रवेश किया। लेकिन दोनों की गहराई में चले जाने के कारण यह एक बड़ा हादसा बन गया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत SDRF को सूचित किया, जिसके बाद टीम ने बचाव कार्य शुरू किया।
SDRF और स्थानीय प्रशासन की कोशिशें
SDRF की टीमें दिन भर गंगा के किनारे और नदी में खोज करती रहीं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। स्थानीय प्रशासन भी इस मामले में सक्रिय है, और गावं वालों की मदद से खोजबीन का कार्य जारी है।
गंगा तर्पण का महत्व और सावधानियाँ
गंगा में तर्पण धार्मिक रीति-रिवाजों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसके दौरान सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। ऐसी घटनाओं के मद्देनजर, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से चेतावनी दी है कि तर्पण करते समय सावधानी बरतें और अकेले गंगा में न जाएं।
अंतिम विचार
इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को प्रभावित किया है बल्कि पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल भी बना दिया है। SDRF और स्थानीय प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, उम्मीद है कि जल्द ही पिता-पुत्र का सुराग प्राप्त होगा। Keywords: कौशांबी में गंगा डूबने का हादसा, पिता-पुत्र की खोज, SDRF गंगा तर्पण हादसा, गंगा में डूबे लोग, कौशांबी तर्पण कार्यक्रम, SDRF बचाव कार्य, गंगा नदी की सुरक्षा, स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई, ट्रैजेडी कौशांबी में.
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